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दीपावली के दो दिन बाद ही खराब हुई हवा, 10 गुणा ज्यादा बढ़ा प्रदूषण - भोपाल में प्रदूषण

राजधानी भोपाल में दीपावली के बाद प्रदूषण बढ़ गया है. यहां के वायुमंडल में आतिशबाजी से निकली जहरीली गैसें और कण हैं.

दिवाली के बाद भोपाल में बढ़ा प्रदूषण
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Published : Oct 29, 2019, 9:20 AM IST

Updated : Oct 29, 2019, 1:29 PM IST

भोपाल। दीपावली पर की गई आतिशबाजी के कारण राजधानी में अब तक 2 दिनों में ही प्रदूषण का स्तर 10 गुणा ज्यादा बढ़ गया है, जो चिंता का विषय है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में शहर के रिहायशी, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों में हवा में भारी प्रदूषण पाया गया है.

10 गुणा ज्यादा बढ़ा राजधानी में प्रदूषण

जांच में पटाखों से निकलने वाली वाष्पशील रसायनों के बारे में पता नहीं चल पाया है. हवा में पीएम 2.5 पार्टिकल्स का मानक स्तर 64 है, तो वहीं पीएम 10 का मानक 99 है. राजधानी के टीटी नगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है, तो वहीं गोविंदपुरा में भी पिछले वर्ष की तुलना में 3 गुणा ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है. इसके अलावा कोलार क्षेत्र में भी प्रदूषण का स्तर पिछले साल की तुलना में 2 गुणा ज्यादा दर्ज किया गया है. पुराने भोपाल में प्रदूषण का स्तर पिछले वर्ष की अपेक्षा 3 गुणा ज्यादा दर्ज किया गया है.

राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में रिपोर्ट के आधार पर कुछ जगह पर मानक बेहद खराब स्थिति में है. पटाखों के चलते खतरनाक रसायन जैसे नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड और वाष्पशील कार्बनिक रसायन शामिल हैं, जिसकी वजह से सांस, अस्थमा और फेफड़ों की समस्या लोगों को हो सकती है.

भोपाल। दीपावली पर की गई आतिशबाजी के कारण राजधानी में अब तक 2 दिनों में ही प्रदूषण का स्तर 10 गुणा ज्यादा बढ़ गया है, जो चिंता का विषय है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में शहर के रिहायशी, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों में हवा में भारी प्रदूषण पाया गया है.

10 गुणा ज्यादा बढ़ा राजधानी में प्रदूषण

जांच में पटाखों से निकलने वाली वाष्पशील रसायनों के बारे में पता नहीं चल पाया है. हवा में पीएम 2.5 पार्टिकल्स का मानक स्तर 64 है, तो वहीं पीएम 10 का मानक 99 है. राजधानी के टीटी नगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है, तो वहीं गोविंदपुरा में भी पिछले वर्ष की तुलना में 3 गुणा ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है. इसके अलावा कोलार क्षेत्र में भी प्रदूषण का स्तर पिछले साल की तुलना में 2 गुणा ज्यादा दर्ज किया गया है. पुराने भोपाल में प्रदूषण का स्तर पिछले वर्ष की अपेक्षा 3 गुणा ज्यादा दर्ज किया गया है.

राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में रिपोर्ट के आधार पर कुछ जगह पर मानक बेहद खराब स्थिति में है. पटाखों के चलते खतरनाक रसायन जैसे नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड और वाष्पशील कार्बनिक रसायन शामिल हैं, जिसकी वजह से सांस, अस्थमा और फेफड़ों की समस्या लोगों को हो सकती है.

Intro:दीपावली के बाद 2 दिनों में 10 गुना से अधिक प्रदूषित हो गई राजधानी की आबोहवा


भोपाल | सुख समृद्धि का पर्व दीपावली वैसे तो एक दूसरों की खुशियों के लिए मनाया जाता है . लेकिन दीपावली से लेकर अब तक मात्र 2 दिनों में राजधानी का प्रदूषण स्तर 10 गुना अधिक बढ़ गया है , जो चिंता का विषय है . क्योंकि राजधानी की आबोहवा 2 दिनों की आतिशबाजी में सर्वाधिक प्रदूषित हुई है . राजधानी का हवा मानक स्तर से 10.5 गुना तक अधिक प्रदूषित दर्ज किया गया है . प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शहर के रिहायशी , व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों में की गई जांच में हवा में प्रदूषण व शोर के बढ़े हुए स्तर का खुलासा किया गया है . हालांकि इस जांच में पटाखों से निकलने वाली वाष्पशील रसायनों के स्तर का पता नहीं चल सका है . हवा में पीएम 2.5 पार्टिकल्स का मानक स्तर 60 तो पीएम 10 का मानक 100 है .

राजधानी के टीटी नगर क्षेत्र में सोमवार को सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है तो वहीं गोविंदपुरा में भी सोमवार के दिन पिछले वर्ष की तुलना में 3 गुना कम प्रदूषण दर्ज किया गया है . इसके अलावा कोलार क्षेत्र में भी प्रदूषण का स्तर पिछले वर्ष की अपेक्षा 2 गुना ज्यादा दर्ज किया गया है . वही पुराने भोपाल में भी प्रदूषण का स्तर पिछले वर्ष की अपेक्षा 3 गुना ज्यादा दर्ज किया गया है .


Body:प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार शाम 6:00 बजे से पीएम 2.5 का स्तर 64 तो पीएम 10 का स्तर 99 था , 2 घंटे बाद शाम 7:00 बजे यह स्तर क्रमशः 96 और 136 के करीब पहुंच गया था तो वही 8:00 बजे 122 और 160 के करीब पहुंच गया था .

रात 9:00 पीएम 2.5 का स्तर 216 पहुंच गया था तो वहीं पीएम 10 का स्तर 271 के करीब पहुंच गया था . इस तरह प्रदूषण बढ़ता हुआ रात 11:00 बजे सबसे ऊंचे स्तर 636 और 736 पर पहुंचा गया जो सामान्य स्तर से 10 गुना और 7 गुना अधिक प्रदूषित रहा है . प्रदूषण के साथ जमकर हुआ और आतिशबाजी के चलते हवा तो प्रदूषित हुई ही है शोर भी बहुत हुआ है .


Conclusion:राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से यह रिपोर्ट तैयार की गई है जिसमें कुछ जगह पर मानक बेहद खराब दर्ज किए गए हैं टीटी नगर क्षेत्र में दीपावली की रात 9:00 पीएम 2.5 का स्तर 320 , तो वही पीएम 10 का स्तर 158 था . रात 11:00 बजे पीएम 2.5 का प्रदूषण स्तर बढ़कर 362 , तो पीएम 10 का 199 तक पहुंच गया था . टीटी नगर में इससे ज्यादा प्रदूषण सोमवार को दर्ज किया गया है यहां शाम 7:00 बजे तक 2.5 का स्तर 500, तो पीएम 10 का स्तर 476 तक पहुंच गया था .



बता दें कि पटाखों में मूल्य था खतरनाक रसायनों की वाष्प रहती है इनमें नाइट्रोजन के ऑक्साइड, कार्बन के ऑक्साइड और वाष्पशील कार्बनिक रसायन रहते हैं . लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि बोर्ड ने इन्हें टेस्ट में नहीं लिया है . प्रदूषण बोर्ड ने टेस्ट के लिए ओजोन , कार्बन मोनो ऑक्साइड , ओजोन को भी नहीं लिया है . केवल सल्फर के ऑक्साइड , नाइट्रोजन के ऑक्साइड , पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे चार तत्वों का परीक्षण किया गया है . इन्हीं चार तत्वों से एक्यूआई बना दिया गया है .

बता दें कि जिस तरह का प्रदूषण राजधानी में सोमवार को दर्ज किया गया है . यह प्रदूषण सांस ,अस्थमा और फेफड़े के मरीजों के लिए यह घातक साबित हो सकता है . टीवी और चेस्ट रोगियों को इस से बचाने की जरूरत बताई जाती है . क्योंकि आतिशबाजी से कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रो ऑक्साइड के साथ सल्फर के कण खुल जाते हैं .जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है . हालांकि इस बार दीपावली के बाद भी बादलों का डेरा लगा हुआ है और मौसम में थोड़ी नमी भी महसूस की जा रही है . जिस कारण आतिशबाजी से निकले पदार्थ और गैस हवा मैं ज्यादा ऊपर नहीं उठ सके हैं . यही स्थिति मरीजों के लिए ज्यादा घातक होती है . परेशानी की बात यह है कि नमी के कारण यह कण और गैस कई दिनों तक वातावरण में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं जो कभी भी खतरा बन सकते हैं .
Last Updated : Oct 29, 2019, 1:29 PM IST
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