भोपाल। मध्य प्रदेश के शासकीय स्कूलों में शिक्षक अब छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ पिज्जा और बर्गर के फायदे और नुकसान भी बताएंगे. राइट टू ईट चैलेंज के तहत स्कूलों में शिक्षक छात्रों को पढ़ाई के अलावा सेहत का ज्ञान भी देंगे.
सरकारी स्कूलों में शिक्षक पढ़ाई के साथ जानेंगे सेहत का ज्ञान
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षक अब विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ सेहत का पाठ भी पढ़ाएंगे. शिक्षक बच्चों को बताएंगे कि पिज्जा और बर्गर खाना सेहत के लिए कितना नुकसान दायक है. वहीं पौष्टिक भोजन के क्या-क्या फायदे हैं. इतना ही नहीं स्कूलों में शिक्षक व्यंजनों की जांच भी करेंगे. इसके लिए हर स्कूल के एक शिक्षक को 1 दिन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. स्कूल शिक्षा विभाग ने राइट टू चैलेंज प्रतियोगिता के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की तरफ से स्कूल और कॉलेज में यह गतिविधियां शुरू की हैं.
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दरअसल देश भर के 150 जिले राइट टू ईट चैलेंज प्रतियोगिता में पहले चरण में शामिल किए गए हैं. इसमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, सागर, शहडोल, मुरैना जैसे जिले शामिल हैं. इसमें उन स्कूलों को भी लिया गया है, जिनमें मध्यान भोजन बनता हैं.
अगले सप्ताह से शुरू होगी सेहत की कक्षाएं
जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि बाहर का खाना खाने से बच्चा स्वस्थ नहीं रहता है. आज कल ज्यादातर बच्चे बाहर का खाना पसंद करते हैं. ऐसे में राइट टू ईट चैलेंज के तहत स्कूलों में शिक्षक छात्रों को पिज्जा और बर्गर के नुकसान और फायदे बताएंगे. बच्चे अच्छा खाए, इसका टीचर ध्यान रखेंगे. इतना ही नहीं बल्कि बच्चों को एक डाइट चार्ट भी दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह कक्षाएं अगले सप्ताह से शुरू की जायेंगी.