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महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों के भोपाल आने पर सस्पेंस

महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बन जाने के बाद तमाम विपक्षी पार्टियों को अपने विधायकों के हॉर्स ट्रेडिंग का डर सता रहा है, इसीलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र के कांग्रेसी विधायकों को भोपाल भेजा जा सकता है, हालांकि अभी प्रदेश कांग्रेस ने इससे इनकार किया है.

महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों के भोपाल आने पर सस्पेंस
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Published : Nov 23, 2019, 6:16 PM IST

भोपाल। महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को देखते हुए तेजी से खबर फैली है कि कांग्रेस अपने सभी विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के डर से भोपाल भेज रही है. हालांकि मप्र कांग्रेस ने इन खबरों को अटकलें बताया है. लेकिन मध्यप्रदेश में पहले भी महाराष्ट्र कि कांग्रेसी विधायक इंदौर में रुक चुके हैं. जानकारों की माने तो जब मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे और महाराष्ट्र में ऐसी ही हालात बने थे, तब वहां के कांग्रेसी विधायको को इंदौर भेजा गया था.

महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों के भोपाल आने पर सस्पेंस


इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि यह सब अटकलों की खबरें हैं. अभी तक हमारे पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि विधायकों को भोपाल या मध्यप्रदेश के किसी शहर में लाया जा रहा है. इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं है.


बता दें साल 1998-99 में जब स्वर्गीय विलासराव देशमुख को पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे, तब कांग्रेस के विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के डर से इंदौर लाया गया था और इंदौर के आरएनटी मार्ग पर स्थित प्रेसिडेंट होटल में रोका गया था. तब इंदौर के तेजतर्रार कांग्रेसी नेता महेश जोशी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

भोपाल। महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को देखते हुए तेजी से खबर फैली है कि कांग्रेस अपने सभी विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के डर से भोपाल भेज रही है. हालांकि मप्र कांग्रेस ने इन खबरों को अटकलें बताया है. लेकिन मध्यप्रदेश में पहले भी महाराष्ट्र कि कांग्रेसी विधायक इंदौर में रुक चुके हैं. जानकारों की माने तो जब मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे और महाराष्ट्र में ऐसी ही हालात बने थे, तब वहां के कांग्रेसी विधायको को इंदौर भेजा गया था.

महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों के भोपाल आने पर सस्पेंस


इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि यह सब अटकलों की खबरें हैं. अभी तक हमारे पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि विधायकों को भोपाल या मध्यप्रदेश के किसी शहर में लाया जा रहा है. इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं है.


बता दें साल 1998-99 में जब स्वर्गीय विलासराव देशमुख को पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे, तब कांग्रेस के विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के डर से इंदौर लाया गया था और इंदौर के आरएनटी मार्ग पर स्थित प्रेसिडेंट होटल में रोका गया था. तब इंदौर के तेजतर्रार कांग्रेसी नेता महेश जोशी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

Intro:भोपाल। महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को देखते हुए तेजी से खबर फैली है कि कांग्रेस अपने सभी विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के डर से भोपाल भेज रही है। हालांकि मप्र कांग्रेस ने इन खबरों को अटकलें बताया है। लेकिन मध्यप्रदेश में पहले भी महाराष्ट्र कि कांग्रेसी विधायक हॉर्स ट्रेडिंग के डर से इंदौर में रुक चुके हैं। कांग्रेस के जानकारों की माने तो जब मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे और महाराष्ट्र में ऐसी ही हालात बने थे। तब वहां के कांग्रेसी विधायकों को इंदौर भेजा गया था और सभी विधायक इंदौर की एक होटल में ठहरे थे।


Body:महाराष्ट्र में उपजे राजनीतिक हालातों के बाद कांग्रेस एनसीपी अपने विधायकों को खरीद फरोख्त के डर से एकजुट रखने की कवायद में जुट गई है। इसी कड़ी में एक खबर तेजी से राजनैतिक गलियारों में फैली है कि महाराष्ट्र के सभी कांग्रेसी विधायकों को भोपाल लाया जा सकता है।हालांकि मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस खबर की पुष्टि करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है और मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि यह सिर्फ अटकलें हैं। अभी तक इसकी हमें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

हालांकि कांग्रेसी जानकारों की माने तो दिग्विजय सिंह के शासनकाल में एक बार ऐसी परिस्थिति बनी थी और महाराष्ट्र के विधायक तब इंदौर आकर ठहरे थे।बताया जा रहा है कि यह मामला 1998-99 का है, जब स्वर्गीय विलासराव देशमुख को पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे.तब कांग्रेस के विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के डर से इंदौर लाया गया था और इंदौर के आरएनटी मार्ग पर स्थित प्रेसिडेंट होटल में तमाम विधायक रुके थे। बताया जाता है कि इंदौर के तेजतर्रार कांग्रेसी नेता महेश जोशी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी।


Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि यह सब अटकलें ही और खबरें ही हैं अभी तक हमारे पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि विधायकों को मध्यप्रदेश लाया जा रहा है और वह भोपाल या मध्य प्रदेश के किसी शहर में आ रहे हैं यह पूरी तरह से अटकलें हैं इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं है।
हालांकि जब नरेंद्र सलूजा से पूछा गया कि एक बार और महाराष्ट्र के विधायकों को इसी तरह से इंदौर में ठहराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि निश्चित तौर पर दिग्विजय सिंह सरकार के समय ऐसा हो चुका है। महाराष्ट्र के विधायकों को इंदौर की एक होटल में ठहराया गया था। लेकिन अभी जो खबर मिल रही है,यह सिर्फ अटकल और कयास हैं।इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं है।
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