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गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत, कांग्रेस को BJP की कथनी और करनी पर संदेह

गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी का बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने स्वागत किया है, लेकिन इस दौरान दोनों ही दल एक दूसरे पर तंज कसना भी नहीं भूले. बीजेपी जहां गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने के कोर्ट के सुझाव का समर्थन किया है वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर गाय को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.

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गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत
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Published : Sep 2, 2021, 8:23 PM IST

भोपाल। गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी का बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने स्वागत किया है, लेकिन इस दौरान दोनों ही दल एक दूसरे पर तंज कसना भी नहीं भूले. बीजेपी जहां गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की मांग का समर्थन करते हुए इसे हिंदुस्तान की पहचान की पुनर्स्थापना से जोड़ कर देख रही है वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर गाय का इस्तेमाल सिर्फ अपनी राजनीति के लिए करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी बीफ खाने का समर्थन करती नजर आती है तो दूसरे राज्यों में उसका एजेंडा कुछ और हो जाता है.. कांग्रेस ने बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर को लेकर भी उसपर तंज कसा है.

गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत
गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत
गाय राष्ट्रीय पशु घोषित होगी, इसमें संदेह- कांग्रेस मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का स्वागत करते हुए,ऐसा होने पर संदेह भी जताया है. कांग्रेस का कहना है किभाजपा के राज में न सिर्फ गौवध और गौमांस का निर्यात दोनों बढ़ा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा भी बीफ निर्यातकों से ही प्राप्त होता है, ऐसे में बीजेपी गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर पाएगी इसमें संदेह है. सलूजा ने कहा कि बीजेपी गाय को लेकर दोहरा रवैया अपनाती है. पूर्वोत्तर में जहां उसकी सरकार है वहां उनके नेता खुद बीफ खाने की वकालत करते हैं और दूसरे राज्यों में उसका एजेंडा बदल जाता है. सलूजा ने कहा कि भाजपा गाय के नाम पर सिर्फ हिंसा फैलाती है, सबसे पहले पार्टी को उस पर रोक लगाना चाहिए.
गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत

गौ सरंक्षण के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध- नरोत्तम मिश्रा
इस पूरे मामले पर मप्र सरकार के प्रवक्ता और गृह मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि हमारी सरकार गौरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हम और हमारी पार्टी गाय को राजनीति का जरिया नहीं बल्कि आस्था का केंद्र मानते हैं. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा गौमाता हमारी और हमारे देश की पहचान का आधार है.

गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत



गौ अभ्यारण्य पर हर महीने 30 लाख का खर्च करती है सरकार
मप्र सरकार गायों के संरक्षण पर हर मीने 30 लाख रुपए खर्च करती है. सरकार की तरफ से आगर-मालवा जिले गौ अभ्यारण्य भी बनाया गया है. 472 हेक्टेयर क्षेत्र में यह फैले इस अभ्यारण में 4 हजार से अधिक गायों को रखा गया है. सरकार की तरफ से प्रति गाय 20 रुपए का अनुदान गौशालाओं को दिया जाता है.

गौरक्षण, सरकार के दिखावा और ये है सच्चाई

इलाहाबाद हाई कोर्ट की गाय को राष्ट्रीय पशु बनाए जाने को लेकर की गई टिप्पणी को बीजेपी ने हाथों हाथ लेते हुए इसे देश की पहचान से जोड़ दिया हो, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के गौ प्रेम की सच्चाई कुछ और ही है. आपको बता दें कि प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के गृह जिले में पिछले 4 महीने में ही 45 गायों की मौत हो चुकी है, इसके अलावा आगर मालवा में बनाए गए गौ अभ्यारण्य में भी पिछले साल 20 से ज्यादा गायों की मौत का मामला सामने आ चुका है. 38 करोड़ की लागत से बनाए गए गौ अभ्यारण्य में गायों को भूसा तक नहीं मिल रहा है. प्रदेश भर में पिछले साल ठंड के दौरान हर महीने 500 से ज्यादा गायों की मौत का आंकड़ा भी सामने आ चुका है. ऐसे में गौमाता के संरक्षण के लिए कानून बनाने जाने की हाईकोर्ट की टिप्पणी से गदगद भाजपा नेताओं को गौ संरक्षण का ढ़िंढ़ोरा पीटने और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की टिप्पणी का स्वागत करने और गाय पर राजनीति करने से ज्यादा जमीन पर गौरक्षण के लिए काम करने पर गंभीर होने की ज्यादा जरूरत है.

भोपाल। गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी का बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने स्वागत किया है, लेकिन इस दौरान दोनों ही दल एक दूसरे पर तंज कसना भी नहीं भूले. बीजेपी जहां गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की मांग का समर्थन करते हुए इसे हिंदुस्तान की पहचान की पुनर्स्थापना से जोड़ कर देख रही है वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर गाय का इस्तेमाल सिर्फ अपनी राजनीति के लिए करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी बीफ खाने का समर्थन करती नजर आती है तो दूसरे राज्यों में उसका एजेंडा कुछ और हो जाता है.. कांग्रेस ने बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर को लेकर भी उसपर तंज कसा है.

गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत
गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत
गाय राष्ट्रीय पशु घोषित होगी, इसमें संदेह- कांग्रेस मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का स्वागत करते हुए,ऐसा होने पर संदेह भी जताया है. कांग्रेस का कहना है किभाजपा के राज में न सिर्फ गौवध और गौमांस का निर्यात दोनों बढ़ा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा भी बीफ निर्यातकों से ही प्राप्त होता है, ऐसे में बीजेपी गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर पाएगी इसमें संदेह है. सलूजा ने कहा कि बीजेपी गाय को लेकर दोहरा रवैया अपनाती है. पूर्वोत्तर में जहां उसकी सरकार है वहां उनके नेता खुद बीफ खाने की वकालत करते हैं और दूसरे राज्यों में उसका एजेंडा बदल जाता है. सलूजा ने कहा कि भाजपा गाय के नाम पर सिर्फ हिंसा फैलाती है, सबसे पहले पार्टी को उस पर रोक लगाना चाहिए.
गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत

गौ सरंक्षण के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध- नरोत्तम मिश्रा
इस पूरे मामले पर मप्र सरकार के प्रवक्ता और गृह मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि हमारी सरकार गौरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हम और हमारी पार्टी गाय को राजनीति का जरिया नहीं बल्कि आस्था का केंद्र मानते हैं. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा गौमाता हमारी और हमारे देश की पहचान का आधार है.

गाय 'राष्ट्रीय पशु' बनेगी या 'राजनीतिक पशु' HC के सुझाव का सभी ने किया स्वागत



गौ अभ्यारण्य पर हर महीने 30 लाख का खर्च करती है सरकार
मप्र सरकार गायों के संरक्षण पर हर मीने 30 लाख रुपए खर्च करती है. सरकार की तरफ से आगर-मालवा जिले गौ अभ्यारण्य भी बनाया गया है. 472 हेक्टेयर क्षेत्र में यह फैले इस अभ्यारण में 4 हजार से अधिक गायों को रखा गया है. सरकार की तरफ से प्रति गाय 20 रुपए का अनुदान गौशालाओं को दिया जाता है.

गौरक्षण, सरकार के दिखावा और ये है सच्चाई

इलाहाबाद हाई कोर्ट की गाय को राष्ट्रीय पशु बनाए जाने को लेकर की गई टिप्पणी को बीजेपी ने हाथों हाथ लेते हुए इसे देश की पहचान से जोड़ दिया हो, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के गौ प्रेम की सच्चाई कुछ और ही है. आपको बता दें कि प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के गृह जिले में पिछले 4 महीने में ही 45 गायों की मौत हो चुकी है, इसके अलावा आगर मालवा में बनाए गए गौ अभ्यारण्य में भी पिछले साल 20 से ज्यादा गायों की मौत का मामला सामने आ चुका है. 38 करोड़ की लागत से बनाए गए गौ अभ्यारण्य में गायों को भूसा तक नहीं मिल रहा है. प्रदेश भर में पिछले साल ठंड के दौरान हर महीने 500 से ज्यादा गायों की मौत का आंकड़ा भी सामने आ चुका है. ऐसे में गौमाता के संरक्षण के लिए कानून बनाने जाने की हाईकोर्ट की टिप्पणी से गदगद भाजपा नेताओं को गौ संरक्षण का ढ़िंढ़ोरा पीटने और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की टिप्पणी का स्वागत करने और गाय पर राजनीति करने से ज्यादा जमीन पर गौरक्षण के लिए काम करने पर गंभीर होने की ज्यादा जरूरत है.

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