भोपाल। शिवराज सरकार मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में प्राइमरी स्कूल (primary school) की गुणवत्ता को सुधारने के लिए हाईटेक स्कूल खोलने जा रही है. लेकिन इन स्कूलों में अंग्रेजी मानसिकता की गुलामी झेल रहे भारत की नई पीढ़ी को राष्ट्रभाषा और राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया जाएगा. शिवराज सरकार के 9,200 सरकारी स्कूल हाईटेक होंगे. इसमें सबसे खास बात यह है कि अंग्रेजी को प्राथमिकता नहीं बल्कि राष्ट्रभाषा के साथ-साथ अन्य भाषाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब बच्चों को अंग्रेजी मीडियम स्कूल (english medium school) में पढ़ाने और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम योजना की (Swami Atmanand English Medium School) शुरुआत की है.
PM Modi विदेशों में देते हैं हिंदी में भाषण
शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमें गुलामी की मानसिकता को बदलने की जरूरत है. हमारी अंग्रेजी मानसिकता बन चुकी है और इससे उभरने की जरूरत है. शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री का उदाहरण देते हुए कहा कि जब मोदी विदेश जाते हैं तो वह राष्ट्रभाषा में ही भाषण देते हैं और बात करते हैं, शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम इस मानसिकता को बदलना चाहते हैं और अंग्रेजी ही क्यों सभी भाषाओं को तवज्जो दी जानी चाहिए.
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सीएम राइज स्कूल के लिए 9200 स्कूलों का चयन
सीएम राइज स्कूलों में सारी सुविधाएं होंगी, जो कि एक प्राइवेट स्कूल में होती है. सरकारी स्कूलों में एक शिक्षक मोटी तनख्वाह लेता है लेकिन शिक्षा का लगातार गिरता स्तर सरकार के लिए चिंता का विषय है. इसलिए सरकार भी मान कर चल रही है कि सरकारी स्कूलों मैं शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. शिक्षा व्यवस्था उतनी दुरुस्त नहीं है और काफी कमजोरी है, जिनके चलते स्कूली बच्चे प्रतिस्पर्धा में आगे नहीं आ पाते, इसी वजह से प्रदेश में 95,000 से ज्यादा स्कूल है. जिनमें से 9200 स्कूलों का चयन किया गया है और इन्हें सीएम राइज स्कूल के नाम से पहचाना जाएगा. जिसमें बच्चों को ले जाने के लिए बस की सुविधा भी होगी.
मुख्यमंत्री के बेटे विदेशों में हासिल करते हैं अंग्रेजी तालीम- कांग्रेस
सीएम राइज स्कूल पर कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है कि एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे अंग्रेजी और विदेश में पढ़ते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे विदेश में पढ़ने जाते है, तो वही दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि हिंदी में पढ़ाई होगी. कांग्रेस का कहना है कि ज्यादातर किताबें अंग्रेजी में हैं तो क्या सरकार चाहती है कि प्रदेश के बच्चे यूं ही पिछड़े रहे.
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पहले चरण में खुलेंगे 350 स्कूल्स
शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए इन स्कूलों में शिक्षकों को लिखित और मौखिक परीक्षा देनी होगी. इसमें पढ़ाने के प्रति उनकी रुचि उनका तरीका और विषय पर पकड़ देखी जाएगी. स्कूल शिक्षा विभाग इसके लिए शिक्षकों की परीक्षा की तैयारी कर रहा है. पहले चरण में जिला विकासखंड संकुल स्तर पर 350 स्कूल खोले जाएंगे. यह स्कूल पुराने स्कूलों में ही लगेंगे. 2023 तक इन्हें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने का खाका तैयार किया गया है. सरकार इसके लिए 1500 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान कर चुकी है, स्कूलों का ड्रेस कोड भी अलग होगा और सरकारी स्कूलों से अलग- अलग पैटर्न रहेगा.