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कोरोना काल में नहीं लग पा रही बाल आयोग की बेंच, मोबाइल नहीं होने से छात्रों की बढ़ी परेशानी

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Published : Aug 30, 2020, 3:53 PM IST

कोरोना महामारी के चलते बाल आयोग में लगने वाली बेंच अब नहीं लग रही है. ऐसे में आयोग ऑनलाइन के माध्यम से छात्रों की समस्याएं सुनकर उनके निराकरण करने का प्रयास कर रहा है, जिन छात्रों के पास फोन या सोशल साइट्स का सहारा नहीं है, उन्हें काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. पढ़िए पूरी खबर...

Children Commission Bench
बाल आयोग

भोपाल। देश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी है. कोरोना के कहर के बीच कई तरह के काम प्रभावित हो रहे हैं. कोरोना महामारी के चलते बाल आयोग में लगने वाली बेंच भी अब नहीं लग रही हैं. ऐसे में आयोग ऑनलाइन के माध्यम से छात्रों की समस्याएं सुनकर उनका निराकरण करने का प्रयास कर रहा है. बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि ज्यादातर शिकायतें स्कूल की मनमानी को लेकर आ रही हैं. जिनके निराकरण को लेकर आयोग ने सख्त कदम भी उठाए हैं.

कोरोना काल में नहीं लग पा रही बाल आयोग की बेंच

बाल आयोग कोरोना महामारी के चलते बच्चों की समस्याओं को ईमेल और व्हाट्सएप के जरिए सुन रहा है. बाल आयोग के सदस्य बृजेंश चैहान का कहना है कि कोरोना के चलते बेंच नहीं लगाई जा रही है. ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए बच्चों को आने वाली समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है. 100 से अधिक मामले ऑनलाइन सुनवाई के दौरान आ रहे हैं. जिसमें ज्यादातर मामले निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर आए हैं.

बाल आयोग के सदस्य का कहना है कि प्रतिमाह या सप्ताह में जरूरत पड़ने पर कभी भी बेंच लगाई जाती थी. जिसमें छात्रों को आने वाली समस्याओं का निराकरण किया जाता था, लेकिन अब कोरोना के चलते हर काम सोशल मीडिया पर ही निर्भर हो गया है. ऐसे जिन छात्रों के पास फोन नहीं है उन्हे ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

भोपाल। देश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी है. कोरोना के कहर के बीच कई तरह के काम प्रभावित हो रहे हैं. कोरोना महामारी के चलते बाल आयोग में लगने वाली बेंच भी अब नहीं लग रही हैं. ऐसे में आयोग ऑनलाइन के माध्यम से छात्रों की समस्याएं सुनकर उनका निराकरण करने का प्रयास कर रहा है. बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि ज्यादातर शिकायतें स्कूल की मनमानी को लेकर आ रही हैं. जिनके निराकरण को लेकर आयोग ने सख्त कदम भी उठाए हैं.

कोरोना काल में नहीं लग पा रही बाल आयोग की बेंच

बाल आयोग कोरोना महामारी के चलते बच्चों की समस्याओं को ईमेल और व्हाट्सएप के जरिए सुन रहा है. बाल आयोग के सदस्य बृजेंश चैहान का कहना है कि कोरोना के चलते बेंच नहीं लगाई जा रही है. ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए बच्चों को आने वाली समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है. 100 से अधिक मामले ऑनलाइन सुनवाई के दौरान आ रहे हैं. जिसमें ज्यादातर मामले निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर आए हैं.

बाल आयोग के सदस्य का कहना है कि प्रतिमाह या सप्ताह में जरूरत पड़ने पर कभी भी बेंच लगाई जाती थी. जिसमें छात्रों को आने वाली समस्याओं का निराकरण किया जाता था, लेकिन अब कोरोना के चलते हर काम सोशल मीडिया पर ही निर्भर हो गया है. ऐसे जिन छात्रों के पास फोन नहीं है उन्हे ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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