भोपाल। मध्यप्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के विद्यार्थी पिछले तीन दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगे ड्रामा स्कूल के डायरेक्टर आलोक चटर्जी के सामने रखी. छात्रों का कहना है कि जब तक उन्हें स्कूल में बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलेंगी, वो क्लास में नहीं जाएंगे.
विद्यार्थियों का कहना है कि उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. न तो उनके रहने के लिए हॉस्टल की बेहतर सुविधा है, जबकि पीने के पानी में कीड़े निकल रहे हैं. सही सुविधा नहीं मिलने से गेस्ट फैकल्टी नाराज होकर चले जा रहे हैं तो उन्हें नाटक मंचन के लिए प्रॉपर्टी भी नहीं मिल रही है. छात्रों ने बताया कि बजट का हवाला देकर उन्हें भारत रंग महोत्सव में भी नहीं भेजा गया.
इस दौरान आलोक चटर्जी छात्रों की बातें सुनने की बजाय आक्रमक तेवर दिखाते नजर आये. उनकी छात्रों के साथ कई मुद्दों पर तनातनी भी हो गई. उनका कहना है कि छात्रों को सभी सुविधाएं दी जा रही हैं. बजट का 70 प्रतिशत हिस्सा पहले ही खत्म हो चुका है, संस्था के पास केवल 6 लाख रूपये बचे हैं. अगर बजट होता तो विद्यार्थियों को महोत्सव में जरूर भेजा जाता.