भोपाल| माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं बोर्ड की परीक्षा में सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र में आजाद कश्मीर के ऊपर पूछे गए 2 सवालों पर खड़ा हुआ विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है विपक्ष अब इस मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार पर ही निशाना साध रहा है. भले ही इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार के द्वारा 2 लोगों को दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया हो लेकिन बीजेपी इस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती है यही वजह है कि बीजेपी अब इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो गई है बीजेपी का मानना है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार पाकिस्तान की भाषा बोल रही है सरकार के जो मन में है उसे प्रश्नों के माध्यम से पेपरों में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और हुजूर विधानसभा से विधायक रामेश्वर शर्मा का कहना है कि मैं कांग्रेस के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या मन से तो हिंदुस्तान उन्होंने छोड़ दिया था अब क्या दिमाग से भी हिंदुस्तान को छोड़ दिया है, क्या कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण के इतने तलवे चाटने लगी है कि आप भारत की आजादी के जश्न को भी भूल गए हैं. आजाद कश्मीर नहीं है माफ करना भारत का कश्मीर था भारत का कश्मीर है भारत का ही कश्मीर रहेगा और यह घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के अंदर की है कि कश्मीर के लिए हम प्राण दे देंगे लेकिन कश्मीर की भूमिका 1 इंच हिस्सा भी कहीं जाने नहीं देंगे.
उन्होंने कहा कि इसका मतलब सरकार के जो मन में है वही विषय प्रश्न के माध्यम से पेपरों में आ रहा है इस सरकार से हम हाथ जोड़कर प्रार्थना करना चाहते हैं कि कांग्रेसियों तुम्हारे मन अगर भारत से भर गए हो तो तुम पाकिस्तान में जाकर डेरा डालो पर हिंदुस्तान को बदनाम मत करो.
उन्होंने कहा कि देशभक्ति पर प्रश्नचिन्ह मत लगाओ वह आजाद कश्मीर नहीं बल्कि हमारा कश्मीर है यह वह कश्मीर है जिसके लिए हमारे वीरों ने अपने प्राणों तक को निछावर किया है उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान भी वहीं पर हुआ है और जहां उनका बलिदान हुआ है वह सारा का सारा कश्मीर हमारा है. सरकार ने जो प्रश्न पूछा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है कमलनाथ की सरकार की नीयत पर संदेह दिखाई देता है और लगता है कि कहीं यह सरकार देशद्रोहियों के हाथ की कठपुतली तो नहीं है.