भोपाल| प्रदेश सरकार के द्वारा निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार इन्वेस्टर मीट की जा रही है. सीएम कमलनाथ इंदौर, दुबई, दावोस और दिल्ली में कई बड़े उद्योगपतियों से भी निवेश के लिए मुलाकात कर चुके हैं. इसके अलावा बेहतर निवेश के लिए नीतियों में भी लगातार बदलाव किया जा रहा है, ताकि यहां स्थापित होने वाले उद्योगों को सरकार से बेहतर साथ मिल सके.
इसी के तहत अब राज्य शासन ने नई टेक्सटाइल नीति बनाने का निर्णय लिया है. इसके लिए सुझाव देने के लिए राज्य स्तरीय समिति गठित की गई है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस राज्य समिति का गठन किया गया है.
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार नई नीति का उद्देश्य टेक्सटाइल मंत्रालय, भारत सरकार की विभिन्न एकीकृत विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों को प्रदेश में लागू कर टेक्सटाइल के क्षेत्र में युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने एवं कपास उत्पादन, स्पीनिंग-विविंग और गारमेंट मैन्यूफेक्चरिंग उद्योग का आधुनिकीकरण तथा टेक्सटाइल उत्पादों का निर्यात संवर्धन आदि होगा.
समिति में अपर मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास, प्रमुख सचिव सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम, प्रमुख सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग, अध्यक्ष म.प्र.टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन, उपाध्यक्ष म.प्र. टेक्सटाइल मिल्स, अध्यक्ष मध्यांचल कॉटन जिनर एवं ट्रेडर एसोसिएशन, अध्यक्ष रेडीमेट गार्मेट एसोसिएशन जबलपुर सदस्य होंगे.
समिति के प्रबंध संचालक एमपीआईडीसी सदस्य सचिव होंगे. समिति अपना प्रतिवेदन एक माह में देगी. इन सदस्यों के अतिरिक्त अन्य बिन्दु विचाराधीन होने की स्थिति में विषय विशेषज्ञों को समिति में आमंत्रित किया जा सकेगा.
नवीन टेक्सटाइल नीति तैयार करने के परिप्रेक्ष्य में समिति मध्यप्रदेश की उद्योग संवर्धन नीति 2014 अन्तर्गत टेक्सटाइल सेक्टर के लिये प्रावधानित विशिष्ट सुविधाओं पर चर्चा करेगी.