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ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए जान लें ये बातें

अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक राज्‍य साइबर योगेश चौधरी ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि वर्तमान में कोरोना महामारी का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधी अस्पताल, डाक्टर्स और पैथोलॉजी को यह कहकर संपर्क करते हैं कि यह आर्मी में हैं, और उनके परिवार के लोगों के कोविड और दूसरे टेस्ट कराना चाहते हैं, कोविड टेस्ट या दूसरे टेस्ट में आने वाला शुल्क का भुगतान एडवांस में करने के नाम पर अपराधी आपके खाते से पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं.

state cyber ​​police issued advdisory
राज्‍य साइबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
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Published : May 20, 2021, 7:58 AM IST

भोपाल। एडीजी राज्‍य साइबर योगेश चौधरी ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें एडीजी चौधरी ने कहा कि वर्तमान में साइबर अपराधी आर्मी और दूसरे अधिकारी बनकर अस्पतालों, डाक्टर्स और पैथोलॉजी से संपर्क कर रहे हैं. जिसमें वह कहते हैं कि उनकी पोस्टिंग प्रदेश से बाहर है और उनके परिजनों की जांच करवाना है, जिसके लिए यह आपसे व्हाट्सएप पर ऑनलाइन पेमेंट एप्स का नंबर मांगते हैं. व्हाट्सएप पर आर्मी की यूनिफार्म में फोटो लगी होती है. नंबर देने के बाद वह अपने खाते से 5-10 रुपए आपको ट्रांसफर करते हैं और खाता चेक करने को कहते हैं. आपके खाते में वो रुपए आ जाते हैं.

जैसे ही आपको यकीन हो जाता है, तब अपराधी सभी जांचों का जो भी शुल्क जो आप बताते हैं, उतनी राशि की रिक्वेस्ट आपको ऑनलाइन पेमेंट ऐप से भेजते हैं. और आर्मी के नियमों का हवाला देते हुए प्रक्रिया जल्दी करने को कहते हैं. जैसे ही आप रिक्वेस्ट पर क्लिक कर यूपीआई पिन डालते हैं, आपके खाते से उतनी राशि निकल जाती है. भोपाल के दो प्रतिष्ठित अस्पतालों के साथ इस तरह के अपराध का प्रयास किया जा चुका है. इसी तरह के अपराध मेडिकल व्यवसायियों के साथ भी किए जा सकते हैं.

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आर्मी की यूनिफार्म का फोटो या आईकार्ड अगर व्हाट्सएप के माध्यम से दिखाया जाता है तो उस पर विश्वास न करें. हमेशा ध्यान रखें कि यूपीआई पेमेंट रिसीव करते समय किसी भी पिन की आवश्यकता नहीं होती. इन फर्जी कॉल, एसएमएस और ईमेल पर बिना पुष्टि करे विश्वास न करें. उन्होंने कहा कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे अकाउंट नम्बर डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी, आधार कार्ड की जानकारी किसी से शेयर न करें. अगर आपके साथ ऐसा कोई अपराध हो तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में या www.cybercrime.gov.in या Toll Free नम्बर 155260 पर करें.

भोपाल। एडीजी राज्‍य साइबर योगेश चौधरी ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें एडीजी चौधरी ने कहा कि वर्तमान में साइबर अपराधी आर्मी और दूसरे अधिकारी बनकर अस्पतालों, डाक्टर्स और पैथोलॉजी से संपर्क कर रहे हैं. जिसमें वह कहते हैं कि उनकी पोस्टिंग प्रदेश से बाहर है और उनके परिजनों की जांच करवाना है, जिसके लिए यह आपसे व्हाट्सएप पर ऑनलाइन पेमेंट एप्स का नंबर मांगते हैं. व्हाट्सएप पर आर्मी की यूनिफार्म में फोटो लगी होती है. नंबर देने के बाद वह अपने खाते से 5-10 रुपए आपको ट्रांसफर करते हैं और खाता चेक करने को कहते हैं. आपके खाते में वो रुपए आ जाते हैं.

जैसे ही आपको यकीन हो जाता है, तब अपराधी सभी जांचों का जो भी शुल्क जो आप बताते हैं, उतनी राशि की रिक्वेस्ट आपको ऑनलाइन पेमेंट ऐप से भेजते हैं. और आर्मी के नियमों का हवाला देते हुए प्रक्रिया जल्दी करने को कहते हैं. जैसे ही आप रिक्वेस्ट पर क्लिक कर यूपीआई पिन डालते हैं, आपके खाते से उतनी राशि निकल जाती है. भोपाल के दो प्रतिष्ठित अस्पतालों के साथ इस तरह के अपराध का प्रयास किया जा चुका है. इसी तरह के अपराध मेडिकल व्यवसायियों के साथ भी किए जा सकते हैं.

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आर्मी की यूनिफार्म का फोटो या आईकार्ड अगर व्हाट्सएप के माध्यम से दिखाया जाता है तो उस पर विश्वास न करें. हमेशा ध्यान रखें कि यूपीआई पेमेंट रिसीव करते समय किसी भी पिन की आवश्यकता नहीं होती. इन फर्जी कॉल, एसएमएस और ईमेल पर बिना पुष्टि करे विश्वास न करें. उन्होंने कहा कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे अकाउंट नम्बर डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी, आधार कार्ड की जानकारी किसी से शेयर न करें. अगर आपके साथ ऐसा कोई अपराध हो तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में या www.cybercrime.gov.in या Toll Free नम्बर 155260 पर करें.

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