भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच पिछले 6 माह से बंद देशभर के स्कूल अब भारत सरकार की गाइडलाइन के बाद 21 सितंबर से खुल सकेंगे. स्कूलों में बच्चों की चहल पहल सुनाई देगी. स्कूलों ने भी छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए साफ सफाई शुरू कर दी है. मध्य प्रदेश में भी स्कूल शिक्षा विभाग ने भी सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. जिसके तहत स्कूलों में छात्रों को प्रवेश देने के लिए छात्रों की कॉउंसलिंग भी शुरू कर दी है.
अभिभावकों से लिखित में लेनी होगी अनुमति
स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों के शुरू होने से पहले उन छात्रों की कॉउंसलिंग करने के आदेश दिए थे, जो छात्र स्कूल आना चाहते है और डाउट क्लीयर करना चाहते है, या जिन छात्रों के पास पढ़ने के लिए पर्याप्त साधन नहीं है. ऐसे छात्र 21 सितंबर से स्कूल आकर शिक्षक से सीधे संपर्क कर पढाई कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए छात्रों को उनके माता पिता से लिखित में अनुमति लेनी होगी.
फोन पर छात्रों के स्वास्थ्य की जानकारी
स्कूलों में भी सभी तैयारियां शुरू हो चुकी है. जिसके तहत शिक्षक अपने स्कूल के छात्रों को फोन कर उनसे संपर्क कर रहे है और बच्चों के स्वास्थ की जानकारी ले रहे है. जिन बच्चों के यहां ऐसी कोई समस्या है उन छात्रों को फिलहाल स्कूल आने की अनुमति नहीं हैं. मॉडल स्कूल में शिक्षकों की कमेटी बनाई गई है. जो बच्चों को फोन कर उनकी कॉउंसलिंग कर रही है. भोपाल के मॉडल स्कूल में स्कूल की साफ सफाई शुरू हो चुकी है, साथ ही जिन कक्षाओं में छात्रों को बैठाना है उन कक्षाओं को सेनिटाइज किया जा रहा है.
अभिभावक नहीं भेजना चाहते छात्रों को स्कूल
काउंसलिंग कर रहे शिक्षकों ने बताया कि ज्यादातर अभिभवक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते. हालांकि बच्चे स्कूल आने के लिए बहुत उत्सुक है, लेकिन संक्रमण के खतरे के डर के चलते छात्रों के अभिभवक उन्हें स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है. काउंसलिंग कर रहे शिक्षकों ने बताया कि वे सभी बच्चों को कॉल कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे है और सभी छात्रों की सूची भी तैयार कर रहे है. खासकर जिन छात्रों के अभिभावकों ने लिखित में अनुमति दी है उन छात्रों की सूची अलग से बनाई जिससे जब छात्र स्कूल आये तो उनको कक्षाओं में प्रवेश के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए जा सके.
सरकार की गाइडलाइन के तहत खुलेंगे स्कूल
मॉडल स्कूल की प्राचार्य रेखा शर्मा ने बताया कि जिस तरह छात्र उत्सुक है. स्कूल आने के लिए उसी तरह शिक्षक भी लबे समय बाद स्कूल में कक्षाएं लेने के लिए उत्सुक है. हालांकि भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल में छात्र केवल डाउट क्लीयर करने आ सकते है, इसलिए हमने छात्रों से फोन कर उनके डाउट्स की भी लिस्ट तैयार की है, प्रचार्य ने बताया ज़्यादातर छात्रों के अभिभावक अब भी उन्हें स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि प्रदेश में कोरोना का खतरा अब भी बरकरार है ऐसे में बहुत कम छात्र है जो 21 को स्कूल आएंगे.