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सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की कवायद, पुलिस ने वर्कशॉप का किया आयोजन

सड़़क हादसों को रोकने के लिए भोपाल में पुलिस प्रशिक्षण और शोध संस्थान (पी.टी.आर.आई) में सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति के नोडल अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा के उपाय बताए गए.

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Published : Sep 28, 2019, 10:26 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 11:25 AM IST

लगाई जाए रफ्तार पर लगाम

भोपाल। प्रदेश में हो रहे सड़क हादसों से चिंतित पुलिस विभाग ने इन्हें रोकने के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रशिक्षण कार्यशाला और समीक्षा बैठकों का आयोजन किया है. राजधानी के जहांगीराबाद स्थित पुलिस प्रशिक्षण और शोध संस्थान (पीटीआरआई) में सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति के नोडल अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. वहीं इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सहायक पुलिस महानिरीक्षक कुमार सौरव, अनीता मालवीय और प्रशांत शर्मा उपस्थित रहे.

सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की कवायद

वहीं बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता जाहिर करते हुए सहायक पुलिस महानिरीक्षक कुमार सौरभ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार साल 2020 तक दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य है. इसे देखते हुए कई तरह के सुरक्षा उपाय उपयोग में लाए जा रहे हैं. साथ ही सभी जिलों को ब्रीथ एनालाईजर उपलब्ध कराए गए और इसके उपयोग की विधि का प्रशिक्षण भी दिया गया.

वहीं MANIT के प्रोफेसर और विषय विशेषज्ञ राहुल तिवारी ने बताया कि दुर्घटनाएं अधिकतर कन्‍फ्यूजन से होती हैं और इसे रोकने के लिए रफ्तार पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है. दुर्घटनाओं को कम करने के लिए रोड सेफ्टी के नियमों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. जिसमें इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन बहुत जरूरी है. इसके अलावा दुर्घटना के बाद इमरजेंसी केयर की महत्वपूर्ण भूमिका भी रहती है.

विशेषज्ञ तिवारी ने बताया कि कई बार गलत साईन बोर्ड होने के कारण भी दुर्घटनाएं होती हैं. वहीं सही समय और सही जगह पर आवश्यकता के अनुसार साईन बोर्ड का उपयोग किया जाना चाहिए. दुर्घटना के समय लोग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में समय बर्बाद करते हैं और पीड़ित की सुध नहीं लेते. वहीं उन्होंने स्टॉपिंग साइट डिस्टेंस और ओवर टेकिंग साइट डिस्टेंस के साथ ब्लैक स्पॉट और ब्लाइंड स्पॉट की जानकारी भी दी.

भोपाल। प्रदेश में हो रहे सड़क हादसों से चिंतित पुलिस विभाग ने इन्हें रोकने के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रशिक्षण कार्यशाला और समीक्षा बैठकों का आयोजन किया है. राजधानी के जहांगीराबाद स्थित पुलिस प्रशिक्षण और शोध संस्थान (पीटीआरआई) में सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति के नोडल अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. वहीं इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सहायक पुलिस महानिरीक्षक कुमार सौरव, अनीता मालवीय और प्रशांत शर्मा उपस्थित रहे.

सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की कवायद

वहीं बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता जाहिर करते हुए सहायक पुलिस महानिरीक्षक कुमार सौरभ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार साल 2020 तक दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य है. इसे देखते हुए कई तरह के सुरक्षा उपाय उपयोग में लाए जा रहे हैं. साथ ही सभी जिलों को ब्रीथ एनालाईजर उपलब्ध कराए गए और इसके उपयोग की विधि का प्रशिक्षण भी दिया गया.

वहीं MANIT के प्रोफेसर और विषय विशेषज्ञ राहुल तिवारी ने बताया कि दुर्घटनाएं अधिकतर कन्‍फ्यूजन से होती हैं और इसे रोकने के लिए रफ्तार पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है. दुर्घटनाओं को कम करने के लिए रोड सेफ्टी के नियमों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. जिसमें इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन बहुत जरूरी है. इसके अलावा दुर्घटना के बाद इमरजेंसी केयर की महत्वपूर्ण भूमिका भी रहती है.

विशेषज्ञ तिवारी ने बताया कि कई बार गलत साईन बोर्ड होने के कारण भी दुर्घटनाएं होती हैं. वहीं सही समय और सही जगह पर आवश्यकता के अनुसार साईन बोर्ड का उपयोग किया जाना चाहिए. दुर्घटना के समय लोग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में समय बर्बाद करते हैं और पीड़ित की सुध नहीं लेते. वहीं उन्होंने स्टॉपिंग साइट डिस्टेंस और ओवर टेकिंग साइट डिस्टेंस के साथ ब्लैक स्पॉट और ब्लाइंड स्पॉट की जानकारी भी दी.

Intro:सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगाई जाए रफ्तार पर लगा तभी रुकेंगे हाथ से = विषय विशेषज्ञ की राय

भोपाल | मध्य प्रदेश में लगातार हो रहे सड़क हादसों से चिंतित पुलिस विभाग इन्हें रोकने के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रशिक्षण कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक आयोजित कर रहा है इसी तारतम्य में राजधानी के जागीरा बाद स्थित पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पी.टी.आर.आई) में सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति के नोडल अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सहायक पुलिस महा निरीक्षक कुमार सौरव उपस्थित हुए .प्रशिक्षण में सहायक पुलिस महानिरीक्षक अनिता मालवीय और प्रशांत शर्मा भी उपस्थित थे.

बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता जाहिर करते हुए सहायक पुलिस महानिरीक्षक कुमार सौरभ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वर्ष 2020 तक दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य है . इसके मद्देनजर कई तरह के सुरक्षा उपाय उपयोग में लाये जा रहे हैं . इसी कड़ी में आज सभी जिलों को ब्रीथ एनालाईजर उपलब्ध कराये गये . साथ ही उपयोग विधि द्वारा इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है .सौरभ ने कहा कि उपकरण का बेहतर ढ़ग से उपयोग हो ताकि अच्छे परिणाम सामने आयें .




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एम.ए.एन.आई.टी. के प्रोफेसर और विषय विशेषज्ञ राहुल तिवारी ने बताया कि दुर्घटनाएँ अधिकतर कन्‍फ्यूजन से होती हैं . उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिये रफ्तार पर नियंत्रण बहुत जरूरी है . दुर्घटना के समय जितनी ज्यादा स्पीड होती है, उतनी ज्यादा मृत्यु की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं . दुर्घटनाओं को कम करने में रोड सेफ्टी के घटकों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है . इसमें इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन बहुत जरूरी है . इसके अलावा, दुर्घटना के बाद इमरजेंसी केयर की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है .Conclusion:
विशेषज्ञ तिवारी ने बताया कि कई बार गलत साईन बोर्ड भी दुर्घटना के कारण बनते हैं . समय और स्थान पर आवश्यकता के अनुसार साईन बोर्ड का उपयोग किया जाना चाहिये . अधिकतर देखने में आता है कि दुर्घटना के समय लोग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में व्यर्थ समय बर्बाद करते हैं और पीड़ित की सुध नहीं लेते .उन्होंने स्टॉपिंग साइट डिस्टेंस और ओवर टेकिंग साइट डिस्टेंस सहित ब्लैक स्पॉट और ब्लाइंड स्पॉट की जानकारी भी दी .
Last Updated : Sep 28, 2019, 11:25 AM IST
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