भोपाल। कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है. मध्य प्रदेश की जेलों पर भी कोरोना का संकट मंडरा रहा है. लिहाजा प्रदेश की जेलों में भी कोरोना से बचाव के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. भोपाल सेंट्रल जेल में कोरोना को हराने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. शायद यही वजह है कि अब तक भोपाल सेंट्रल जेल में कोई भी पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है.
जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि, जेल के मुख्य द्वार के बाहर ही टैंक रखवा कर हाथ धोने की व्यवस्था की गई है. सभी कर्मचारी जेल में दाखिल होने से पहले हाथ धोकर ही अंदर आते हैं फिर उसके बाद मुख्य द्वार के अंदर आते ही ऑटोमेटिक मशीन लगाई गई है. यहां फुल बॉडी सेनेटाइज होती है.
इसके अलावा हाथों को सेनेटाइज करने के लिए जेल में अलग-अलग जगह पर सैनिटाइजर रखे हुए हैं. सभी कैदियों को मास्क वितरित किए गए हैं और नीम, हल्दी काली मिर्च का काढ़ा नियमित रूप से कैदियों को दिया जा रहा है. वहीं खाने के वक्त पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सफेद रंग के गोले बनाए गए हैं. जेल के अंदर एक आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किया गया है. जहां चिकित्सक समय-समय पर कैदियों की स्क्रीनिंग करते हैं.
⦁ भोपाल सेंट्रल जेल में कुल 3700 कैदी सजा काट रहे हैं.
⦁ 700 कैदियों को कोरोना संक्रमण के चलते पैरोल पर छोड़ा गया है
⦁ 100 कैदियों को जमानत पर रिहा किया गया है.
⦁ यह वो कैदी हैं जो 7 साल से कम की सजा काट रहे हैं और जिनकी उम्र 55 साल से अधिक है.
⦁ वहीं नए कैदियों के आने पर भोपाल की पुरानी जेल में 14 दिन के क्वारंटाइन किय जाता है.
⦁ 14 दिन होने पर सेंट्रल जेल में क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाता है.
⦁ 28 दिन बाद ही नए कैदियों को दूसरे बंदियों के साथ मिलाया जा रहा है.