पीएम मोदी इमेज बिल्डिंग की केस स्टडी: क्या राजनीतिक क्षेत्र से इमेज बिल्डिंग के क्लाइंट्स आते हैं. इस सवाल पर सोनिया बताती हैं. क्लाइंट्स हर क्षेत्र के हैं लेकिन अब राजनीति में भी क्लाइंट्स बढ़े हैं. ये बदलाव मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आया है. सोनिया कहती हैं कि, पीएम मोदी बहुत अच्छी केस स्टडी हैं. इमेज कंसल्टेंट की दुनिया के लिए वो कहती हैं कि, उनकी छोटी से छोटी बात पर दुनिया फोकस करती है. उन्होंने पॉलिटिक्स में ये ट्रेंड सेट किया कि आप जो काम कर रहे हैं वो दुनिया को दिखना भी चाहिए. सिर्फ काम करते रहने भर से भी काम नहीं बनता. सोनिया कहती हैं कि, होता भी यही राजनीति में नेगेटिव बात बहुत जल्दी हाईलाईट होती है, लेकिन राजनीति में लोग अठारह बीस घंटे काम करते हैं वो हाईलाईट नहीं होता. तो हम अपने क्लाइंट्स को यही कहते हैं कि जनता के लिए जो आप काम कर रहे हैं वो भी जनता के बीच जाना बेहद जरुरी है.
कैसे काम करते हैं इमेज कंसल्टेंट: भारत की पहली प्रोफेशनल इमेज कंसलटेंट सोनिया दुबे दीवान बताती है कि, अब तक पर्सनालिटी डेव्लपमेंट टर्म से वाकिफ रहे हैं लोग. पर्सनालिटी डेव्लपमेंट इमेज बिल्डिंग का केवल एक हिस्सा है. उसका सबपार्ट है. इमेज जैसा आप जानते हैं आपकी छवि दूसरे के ज़हन में किस तरह से बनती है. तो इमेज कंसल्टेंट आपकी बेहतरीन छवि को दुनिया के सामने लाने में आपकी मदद करता है. सोनिया विस्तार से बताती हैं अब ये होता कैसे है. तो पहले पता करना होता है कि आपकी वीकनेसेस यानि कमजोरियां क्या हैं और आपकी स्ट्रेंथ यानि ताकत क्या है. फिर फोकस होता है आपकी जो खूबियां हैं उन पर. जो आपकी खूबियां हैं उन्हे अच्छे तरीके से आप लोगों को सामने प्रस्तुत कर सकें इसकी तैयारी होती है. और जो खामियां हैं उसके लिए कोचिंग ट्रेनिंग की अगर जरुरत है तो वो शुरु किया जाता है. तो ये काम साथ साथ चलता है.
चीन में सरकार के सपोर्ट से इमेज बिल्डिंग: सोनिया दुनिया में इमेज कंसल्टेंट को लेकर आ रहे बदलाव के सवाल पर कहती हैं. पिछले बीस सालों में इसमें बड़ा बदलाव देखा गया है. पहले पश्चिमी देश जिसमें कनाडा यूके आस्ट्रेलिया में इमेज बिल्डिंग काफी चर्चित था. सबसे ज्यादा इन्ही देशों में सर्विसेस लिया करते ते क्लाइंट्स. लेकिन अब विकास शील जो देश हैं जिनमें लेटिन अमरीका एशिया में सबसे ज्यादा इमेज कंसल्टेंट हैं. और खास बात ये कि चीन में तो सरकार के सहयोग से देश की आबादी का जो वर्क फोर्स है उसे इमेज कंसल्टेंट के जरिए समृध्द किया जा रहा है. स्किल बिल्डिंग के लिए एशिया में अब बहुत काम हो रहा है. पहले हमारी ग्लोबल कॉन्फ्रेंस यूएस में ही होती थी. लेकिन अब डोमेनिकन रिपब्लिक में हो रही है. सोनिया कहती हैं अब लेटिन अमरीका बहुत बड़ा रिप्रेजेंटेशन है इस क्षेत्र में. विकासशील देशों में इस पर बहुत फोकस किया जा रहा है.
वर्ल्ड का टैलेंट इंडिया में: सोनिया की निगाह में वर्ल्ड का टैलेंट पूल केवल भारत में है. यहां जो प्रतिभा है पूरी दुनिया में कहीं नहीं लेकिन जो दिक्कत है वो ये कि ग्लोबल प्लेटफार्म पर भारतीय प्रतिभाएं खुद को उस तरीके से प्रस्तुत नहीं करि पाती. फिर वो चाहे असुरक्षा का मुद्दा हो या फिर भाषा को लेकर असहजता. सोनिया बताती हैं लैटिन अमरीकी स्पेनिश पुर्तगाली अपनी भाषा में जिस तरह से बेबाकी अपनी बात रखते हैं. भारतीयो में चाहे फिर वो टियर टू टियर थ्री सिटी हों. इस बात को लेकर संकोच है असहजता है. प्रतिभा कूट कूट कर भरी है. लेकिन आत्मविश्वास की कमी है उसे दुनिया के सामने रखने में. अगर भारत में टेक्नीकल नॉलेज के साथ इमेज बिल्डिंग पर भी काम होगा तो सुपर पॉवर भारत की नई पीढी के सामने अवसर के नए दरवाजे खुल जाएंगे.
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भारत के कस्बों की प्रतिभा: सोनिया अब इमेज कंसल्टेंट के अपने काम के जरिए भारत की प्रतिभा को निखारने की निस्वार्थ कोशिश में जुटी हैं. सोनिया कहती हैं मेरा मकसद है छोटे शहर गांव के जो बच्चे हैं जो प्रतिभा है. उन्हें दिशा दी जा सके. ब्रांड इंडियन जो है वो पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाए इसके लिए मैं लगातार छोटे छोटे शहरों बच्चों के बीच जा रही हूं ताकि उनमें अवेयरनेस आए उन्हें रास्ता मिल सके.