भोपाल। प्रदेश में जल्द ही नागरिक डाटाबेस तैयार किया जाएगा. अभी विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए नागरिकों से बार-बार जानकारी मांगनी पड़ती है. एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से नागरिकों को बार-बार जानकारी नहीं देनी होगी. शासन के पास उपलब्ध जानकारी का विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए उपयोग किया जा सकेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में प्रदेश में एकल नागरिक डाटाबेस तैयार किए जाने को लेकर बैठक ली. बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मनोज गोविल, प्रमुख सचिव नीतिश व्यास मौजूद रहे.
वर्तमान में अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग पंजीयन
प्रदेश में वर्तमान में लगभग 600 से 700 हितग्राहीमूलक योजनाएं संचालित हो रही हैं, इन योजनाओं का लाभ देने के लिए हितग्राहियों का अलग-अलग पंजीयन किया जाता है. इससे एक ओर शासकीय मशीनरी को बहुत समय खर्च करना पड़ता है, वहीं नागरिकों को भी बार-बार जानकारी उपलब्ध करानी होती है. मुख्यमंत्री ने बताया कि एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से शासकीय मशीनरी का समय बचेगा, वहीं नागरिकों के लिए नई व्यवस्था अधिक सुविधाजनक होगी.
राजस्थान, आंध्रप्रदेश व तेलंगाना में व्यवस्था लागू
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान, तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश राज्यों में नागरिक डाटाबेस बनाया गया है. राजस्थान में यह योजना "भामाशाह" के नाम से तथा आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में "प्रजा साधिकार" नाम से संचालित है. डाटाबेस बन जाने से हितग्राहियों से बार-बार उनके दस्तावेज नहीं मांगने होंगे. जैसे एक बार किसी नागरिक का जाति प्रमाण पत्र जारी करने के बाद उसका रिकार्ड एकल डाटाबेस में रहेगा, अत: किसी दूसरी योजना का लाभ लेने के लिए उससे दोबारा जाति प्रमाण पत्र मांगने की आवश्यकता नहीं होगी.
ये जानकारियां रहेंगी
एकल नागरिक डाटाबेस में नागरिक के नाम, पते आदि के अलावा उसकी शैक्षणिक योग्यता संबंशी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, भूमि का विवरण, उगाई गई फसल, मूल निवासी प्रमाण पत्र, गरीबी रेखा प्रमाण पत्र आदि की जानकारी रहेगी.