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आंगनबाड़ियों में अंडा परोसे जाने पर शिवराज ने जताया एतराज, दी ये दलील - राज्य सरकार

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडा परोसे जाने पर एतराज जताया है, उन्होंने कहा कि कौन क्या खाएगा वो उसके विवेक पर निर्भर करता है. प्रदेश सरकार बच्चों पर कुछ भी नहीं थोप सकती है.

पेड़ को काटकर विधायकों के लिए आवास बनाने पर शिवराज का तंज
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Published : Oct 31, 2019, 7:58 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 8:38 PM IST

भोपाल। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आंगबाड़ियों में अंडा परोसे जाने पर एतराज जताया है, उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि कौन बच्चा क्या खाएगा ये उसके विवेक पर निर्भर करता है. प्रदेश सरकार बच्चों को अंडा नहीं थोप सकती है. इसस पहले महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने आंगबाड़ियों में बच्चों को अंडा परोसे जाने की वकालत की थी, जिसके बाद सूबे की सियासत में अंडे को लेकर खमासान मच गया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले के खिलाफ बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है.

आंगनबाड़ियों में अंडा परोसे जाने पर शिवराज ने जताया एतराज

पेड़ों की कटाई पर पूर्व सीएम ने उठाए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि विधायकों के लिए आवास बनाए जाने के नाम पर पेड़ों की बलि देना ठीक नहीं है. उन्होंने सरकार के इस फैसले को पर्यावरण और हरियाली विरोधी बताया है.

विधायक आवास के लिए पेड़ों की बलि ठीक नहीं-शिवराज सिंह चौहान

शिवराज ने कहा कि जब वो खुद सीएम थे, तब भी उनके पास यह प्रस्ताव आया था. उस दौरान उन्होंने खुद और विधानसभा अध्यक्ष ने एक राय होकर कहा था जिस जगह पर हरियाली और हरे भरे पेड़ हो, उस जगह पर विधायकों के निवास नहीं बनाए जाने चाहिए. बीजेपी नेता ने कहा कि इतने पेड़ों की बलि देना किसी भी स्तर पर न्यायसंगत नहीं. शिवराज ने कहा कि वे खुद विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ से अपील करते हैं कि जिद छोड़े और पेड़ों की कटाई करने के फैसले को बदलें.

भोपाल। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आंगबाड़ियों में अंडा परोसे जाने पर एतराज जताया है, उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि कौन बच्चा क्या खाएगा ये उसके विवेक पर निर्भर करता है. प्रदेश सरकार बच्चों को अंडा नहीं थोप सकती है. इसस पहले महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने आंगबाड़ियों में बच्चों को अंडा परोसे जाने की वकालत की थी, जिसके बाद सूबे की सियासत में अंडे को लेकर खमासान मच गया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले के खिलाफ बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है.

आंगनबाड़ियों में अंडा परोसे जाने पर शिवराज ने जताया एतराज

पेड़ों की कटाई पर पूर्व सीएम ने उठाए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि विधायकों के लिए आवास बनाए जाने के नाम पर पेड़ों की बलि देना ठीक नहीं है. उन्होंने सरकार के इस फैसले को पर्यावरण और हरियाली विरोधी बताया है.

विधायक आवास के लिए पेड़ों की बलि ठीक नहीं-शिवराज सिंह चौहान

शिवराज ने कहा कि जब वो खुद सीएम थे, तब भी उनके पास यह प्रस्ताव आया था. उस दौरान उन्होंने खुद और विधानसभा अध्यक्ष ने एक राय होकर कहा था जिस जगह पर हरियाली और हरे भरे पेड़ हो, उस जगह पर विधायकों के निवास नहीं बनाए जाने चाहिए. बीजेपी नेता ने कहा कि इतने पेड़ों की बलि देना किसी भी स्तर पर न्यायसंगत नहीं. शिवराज ने कहा कि वे खुद विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ से अपील करते हैं कि जिद छोड़े और पेड़ों की कटाई करने के फैसले को बदलें.

Intro:भोपाल। कुपोषण दूर करने आंगनवाड़ियों में अंडा बांटे जाने के प्रस्ताव का पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विरोध जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कौन क्या खाए या उसके विवेक पर निर्भर करता है सरकार इसे किसी पर थोप नहीं सकती। उन्होंने विधायकों के आवास के लिए बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाने का भी विरोध जताया है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को जिद छोड़नी चाहिए।


Body:पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विधायकों के लिए आवास बनाए जाने के नाम पर पेड़ों की बलि देना उचित नहीं है। सरकार का यह कदम पर्यावरण और हरियाली विरोधी है जिसका कोई औचित्य नहीं है। विधायकों की आवाज दूसरे स्थान पर भी बनाए जा सकते हैं निवास के लिए व्यापक स्तर पर पर्यावरण की बलि नहीं चढ़ाई जानी चाहिए उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था उस समय भी है प्रस्ताव आया था लेकिन पर्यावरण को पहुंचने वाली क्षति और लोगों के विरोध को देखते हुए उन्होंने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से अपील की है कि वे भी अपनी जिद्द छोड़ो और इस प्रस्ताव को रद्द करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र लोक लाज से चलता है और पर्यावरण और लोगों की इच्छा को ध्यान में रखकर सरकार को इस प्रस्ताव पर फिर से विचार करना चाहिए।


Conclusion:
Last Updated : Oct 31, 2019, 8:38 PM IST
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