भोपाल। शिवराज सरकार नहीं चाहती कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव फिलहाल हों. सरकार का प्रयास है कि ओबीसी आरक्षण का हवाला देकर चुनाव कैसे भी टल जाएं. वहीं, कोर्ट के फैसले के बाद निर्वाचन आयोग ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है. गुरुवार को आयोग ने जिले के कलेक्टर्स के साथ मीटिंग की. वहीं, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से पंचायत चुनाव को लेकर फिर डेढ़ महीने का समय मांगा है. उसकी पुरजोर कोशिश है कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही चुनाव हों. इधर, कांग्रेस ने सीधे तौर पर शिवराज सरकार को इसके लिए जिम्मेदार माना है.
कमलनाथ के आक्रामक तेवर: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि हमें बीजेपी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. बीजेपी ने ओबीसी आरक्षण के लिये 2 साल में कोई प्रयास नहीं किया. कोई क़ानून नहीं लाये. कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि आने वाले निकाय चुनावों में हम 27% टिकट ओबीसी वर्ग को देंगे. वहीं, नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिलने पर अपनी सरकार को क्लीन दी और कांग्रेस पर सारा मत्था फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि सवा साल तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. सवा साल के शासन में कांग्रेस ने ओबीसी के डाटा जुटाने के लिए काम नहीं किया. कांग्रेस पार्टी ने विधेयक में ओबीसी को लेकर गलत तथ्य पेश किए. विधेयक में ओबीसी की आबादी 27 प्रतिशत बताई गई. गलत तथ्य प्रस्तुत करने के कारण हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया. ओबीसी के आरक्षण में जो कठिनाई आई है, उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है.
सीएम शिवराज बोले- मॉडिफिकेशन रिव्यू लगा रहे हैं : वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अभी भी कह रहे हैं कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं होंगे. इसके लिए मॉडिफिकेशन रिव्यू लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि अब कोई कसर छोड़नी नहीं है. आज से ही तैयारी, हम तो हमेशा तैयार थे. पीछे तो कांग्रेस भागी. इसलिए अभी नगरीय निकाय की और हमारे पंचायत के चुनाव की जो व्यवस्था पार्टी ने बना रखी है, वही व्यवस्था तत्काल काम करना प्रारंभ करेगी. तत्काल आप बैठना प्रारंभ करें. नीचे तक की तैयारी प्रारंभ करें. कांग्रेस के पापों का पर्दाफाश करने के लिए बीजेपी गांव-गांव और शहर-शहर जाएगी.
क्या हुआ परिसीमन का : सभी ग्राम और जनपद पंचायतों के परिसीमन की प्रारंभिक सूचना और अंतिम अधिसूचना जारी करने का अधिकार जिला कलेक्टर को और जिला पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए कमिश्नर को हैं. 23 फरवरी को दावे-आपत्तियों के निराकरण के बाद सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाना था. प्रदेश की जनपद पंचायत और जिला पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण और उनके क्षेत्र का प्रारंभिक प्रकाशन 4 फरवरी को किया जाना था. 11 फरवरी तक इस प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे, आपत्ति एवं सुझाव दिये गए. 15 फरवरी को इन दावे, आपत्तियों और सुझावों का निपटारा किया गया. 18 फरवरी को अधिसूचना का अंतिम प्रकाशन किया जाना था. 24 फरवरी को यह सारी कार्रवाई पूरी कर आयुक्त पंचायत राज संचालनालय को प्रतिवेदन भेजी गई.
पंचायतों में दो हजार नए वार्ड : हालांकि प्रशासन की तरफ से परिसीमन पूरा कर लिया गया है. पंचायतों के परिसीमन का काम पूरा हो चुका है. सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट सौंप दी है. बताया जा रहा है कि सरकार ने पंचायत सीमाओं का विस्तार किया है. इसके बाद अब पंचायतों में 2 हजार से ज्यादा नए वॉर्ड जुड़ गए. (Shivraj government on OBC reservation) (Mood to postpone the elections) ( BJP and Congress attack each other)