भोपाल: राज्य सरकार द्वारा जरूरी खर्च चलाने के लिए लगातार कर्ज लिया जा रहा है, प्रदेश की शिवराज सरकार ने एक बार फिर दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज 15 दिसंबर को लिया है. यह कर्ज सरकार ने 20 साल की अवधि के लिए लिया है. इसके पहले सरकार ने 18 नवंबर को भी 20 साल की अवधि के लिए एक हजार करोड़ रुपए का लोन लिया था. बीते दो माह से सरकार द्वारा लगातार तीन-तीन हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा रहा था. इस साल अब तक सरकार का कर्ज 16,500 करोड़ तक पहुंच चुका है.
2040 तक कर्ज चुकाएगी सरकार
2000 करोड़ के कर्ज के लिए राज्य सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से 15 दिसंबर को अनशन जारी किया था, इसे 16 दिसंबर को ओपन किया गया है. यह कर्ज 20 साल की अवधि के लिए लिया गया है, इस तरह सरकार इस कर्ज की अदायगी 2040 तक करेगी. राज्य सरकार इस ऋण के ब्याज की अदायगी साल में दो बार 4 मई और 4 नवंबर को करेगी. राज्य सरकार द्वारा यह कर्ज 6.76 प्रतिशत पर लिया है.
16500 करोड़ का कर्ज ले चुकी सरकार
मौजूदा वित्त वर्ष में राज्य सरकार 16 बार कर्ज ले चुकी है. 2000 करोड़ के कर्ज के बाद मौजूदा वित्त वर्ष में कर्ज का आंकड़ा 16500 करोड़ रुपए पहुंच चुका है. मार्च 2020 के आंकड़ों के हिसाब से मध्य प्रदेश पर दो लाख 11 हजार 89 करोड़ से ज्यादा का कर्जा हो चुका है.
कहां से कितना लिया उधार ?
![Shivraj government again took a loan of two thousand crores](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9923588_infographic1.jpg)
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केंद्र सरकार बढ़ा चुकी है कर्ज लेने की सीमा
केंद्र सरकार ने राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) के मुताबिक मध्य प्रदेश की कर्ज लेने की सीमा को राज्य सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया है. जिसके चलते प्रदेश 18 हजार 983 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज ले सकेगा. केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्य सरकारों की मांग पर कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाया गया था.
जीडीपी का 1.5 प्रतिशत कर्ज ले सकता है प्रदेश
जून 2020 को मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष दो फीसदी अतिरिक्त उधारी सीमा की कार्ययोजना का प्रजेंटेशन दिया गया था. केंद्र सरकार द्वारा बिना किसी शर्त के 0.5 प्रतिशत तक (अनटाइटल्ड) ऋण लेने की अनुमति के बाद मध्य प्रदेश 4 हजार 746 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज ले सकेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि केंद्र द्वारा निर्धारित किए गए चार सुधार करने पर मध्य प्रदेश स्टेट जीडीपी का 1.5 प्रतिशत अर्थात 14,237 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज ले पाएगा.