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राज्यसभा चुनाव ने फेरा सिंधिया समर्थक और बीजेपी विधायकों की उम्मीदों पर पानी, टल सकता है मंत्रीमंडल विस्तार

राज्यसभा चुनाव की नयी तारीखों का एलान होते ही प्रदेश में होने वाले शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार एक बार फिर से टलता नजर आ रहा है. जिससे सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के मंत्री बनने की उम्मीदों को फिर से झटका लगा है. प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होना है.

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भोपाल न्यूज
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Published : Jun 2, 2020, 1:18 PM IST

भोपाल। प्रदेश में होने वाले शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार एक बार फिर से टलता नजर आ रहा है. जिससे सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के मंत्री बनने के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बने ढाई महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन वे अब तक अपनी सरकार के पूर्ण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए. दूसरी तरफ मंत्री पद त्याग कर बीजेपी के सरकार बनवाने वाले सिंधिया समर्थक उपचुनाव नजदीक होने के कारण जल्द से जल्द मंत्री बनना चाहते हैं. लेकिन राज्यसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार टलता नजर आ रहा है.

राज्यसभा चुनाव के चलते टल सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार

सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी को डर है कि अगर मंत्रिमंडल का विस्तार किया और नाराज विधायक कही राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग ना कर दे. सिंधिया और उनके समर्थकों की बगावत से बीजेपी ने सरकार को बना ली. लेकिन जब मंत्रिमंडल गठन का समय आया, तो असली चुनौती सामने नजर आई. सूत्रों की मानें तो सिंधिया और उनके समर्थकों साथ हुए सौदे में यह तय हुआ था कि बगावत करने वाले 22 में से 11 विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा. जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजकर केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा. लेकिन सरकार बनते ही बीजेपी और सिंधिया के सामने कई चुनौतियां बड़ती जा रही है.

बीजेपी को भी वगावत का डर

बीजेपी अगर 11 सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाती है, तो बीजेपी के 23 विधायक ही मंत्री बन पाएंगे. जबकि बीजेपी में मंत्रीपद के दावेदारों की फेहरिस्त लंबी है. सरकार बनते ही ये विधायक भी पार्टी पर मंत्री बनाने का दवाब बना रहे हैं. ऐसी स्थिति में बीजेपी को डर सता रहा है कि जिस तरह कांग्रेस में सिंधिया खेमे के असंतोष का फायदा उठाकर कमलनाथ सरकार गिरा दी. वैसी ही बीजेपी के असंतोष का फायदा उठाकर कांग्रेस शिवराज सरकार ना गिरा दे.

अपने षडयंत्र में सफल नहीं होगी बीजेपीः कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा कहते हैं कि राज्यसभा चुनाव की तारीख यह बताती है कि मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार 19 जून के पहले नहीं होगा. क्योंकि षड्यंत्रकारी अपने षड्यंत्र में सफल हो गए हैं. उन्होंने सरकार तो बना ली. अब सिंधिया को राज्यसभा में भेजकर केंद्र में मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है. लेकिन मध्यप्रदेश में जो सौदे हुए उनको पूरा करना बीजेपी के लिए असंभव है. क्योंकि उनके अपने भी नेता अब बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं. सिंधिया के समर्थक पूर्व विधायकों को इस बात से संतुष्ट होना पड़ेगा कि केंद्र में सिंधिया को स्थान मिल गया पर मध्यप्रदेश में वे अपना स्थान ढूंढते रह जाएंगे. कांग्रेस ने उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत का दावा किया है.

बीजेपी ने कहा जल्द होगा मंत्रिमंडल का विस्तार

मामले में बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार का मामला पूरी तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का विशेष और संवैधानिक अधिकार है. वे जब उचित समझेंगे, तब राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व से विचार विमर्श करेंगे और मंत्रिमंडल का विस्तार कर देंगे. इसमें कहीं कोई झंझट नहीं हैं.

भोपाल। प्रदेश में होने वाले शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार एक बार फिर से टलता नजर आ रहा है. जिससे सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के मंत्री बनने के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बने ढाई महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन वे अब तक अपनी सरकार के पूर्ण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए. दूसरी तरफ मंत्री पद त्याग कर बीजेपी के सरकार बनवाने वाले सिंधिया समर्थक उपचुनाव नजदीक होने के कारण जल्द से जल्द मंत्री बनना चाहते हैं. लेकिन राज्यसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार टलता नजर आ रहा है.

राज्यसभा चुनाव के चलते टल सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार

सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी को डर है कि अगर मंत्रिमंडल का विस्तार किया और नाराज विधायक कही राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग ना कर दे. सिंधिया और उनके समर्थकों की बगावत से बीजेपी ने सरकार को बना ली. लेकिन जब मंत्रिमंडल गठन का समय आया, तो असली चुनौती सामने नजर आई. सूत्रों की मानें तो सिंधिया और उनके समर्थकों साथ हुए सौदे में यह तय हुआ था कि बगावत करने वाले 22 में से 11 विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा. जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजकर केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा. लेकिन सरकार बनते ही बीजेपी और सिंधिया के सामने कई चुनौतियां बड़ती जा रही है.

बीजेपी को भी वगावत का डर

बीजेपी अगर 11 सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाती है, तो बीजेपी के 23 विधायक ही मंत्री बन पाएंगे. जबकि बीजेपी में मंत्रीपद के दावेदारों की फेहरिस्त लंबी है. सरकार बनते ही ये विधायक भी पार्टी पर मंत्री बनाने का दवाब बना रहे हैं. ऐसी स्थिति में बीजेपी को डर सता रहा है कि जिस तरह कांग्रेस में सिंधिया खेमे के असंतोष का फायदा उठाकर कमलनाथ सरकार गिरा दी. वैसी ही बीजेपी के असंतोष का फायदा उठाकर कांग्रेस शिवराज सरकार ना गिरा दे.

अपने षडयंत्र में सफल नहीं होगी बीजेपीः कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा कहते हैं कि राज्यसभा चुनाव की तारीख यह बताती है कि मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार 19 जून के पहले नहीं होगा. क्योंकि षड्यंत्रकारी अपने षड्यंत्र में सफल हो गए हैं. उन्होंने सरकार तो बना ली. अब सिंधिया को राज्यसभा में भेजकर केंद्र में मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है. लेकिन मध्यप्रदेश में जो सौदे हुए उनको पूरा करना बीजेपी के लिए असंभव है. क्योंकि उनके अपने भी नेता अब बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं. सिंधिया के समर्थक पूर्व विधायकों को इस बात से संतुष्ट होना पड़ेगा कि केंद्र में सिंधिया को स्थान मिल गया पर मध्यप्रदेश में वे अपना स्थान ढूंढते रह जाएंगे. कांग्रेस ने उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत का दावा किया है.

बीजेपी ने कहा जल्द होगा मंत्रिमंडल का विस्तार

मामले में बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार का मामला पूरी तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का विशेष और संवैधानिक अधिकार है. वे जब उचित समझेंगे, तब राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व से विचार विमर्श करेंगे और मंत्रिमंडल का विस्तार कर देंगे. इसमें कहीं कोई झंझट नहीं हैं.

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