भोपाल। मध्यप्रदेश में अब 1 मई से तबादलों पर लगी रोक हटेगी. 1 मई से तबादला प्रक्रिया शुरू होगी. विधानसभा के मुख्यमंत्री कक्ष में हुई कैबिनेट की बैठक में नई ट्रांसफर पॉलिसी पर मुहर लग गई है. नई पॉलिसी में प्रावधान किया गया है कि जिले में प्रभारी मंत्री और विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद ट्रांसफर किए जाएंगे. क्लास वन अधिकारी के ट्रांसफर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद होंगे. कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि आंगनबाड़ी के 3 से 6 साल के उम्र के बच्चों को सप्ताह में 3 दिन दूध पिलाया जाएगा.
मरीजों को मिलेगी पॉलिसी में राहत
बताया जा रहा है कि नई ट्रांसफर पॉलिसी में कोरोना से गंभीर बीमार हुए सरकारी कर्मचारियों को तबादलों में छूट मिल सकती है. अभी तक यह छूट कैंसर, किडनी, ओपन हार्ट सर्जरी आदि की नियमित जांच कराने वाले सरकारी कर्मचारियों को दी जाती थी. गौरतलब है कि राज्य सरकार तबादलों से रोक हटने के पहले हर साल ट्रांसफर पॉलिसी जारी करती है.
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कमलनाथ सरकार के फैसले को पलटा
पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ी में बच्चों को अंडा दिए जाने की तैयारी की थी, लेकिन अब शिवराज सरकार ने इन बच्चों को सप्ताह में 3 दिन दूध पिलाने का निर्णय लिया है. शिवराज मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. यह दूध 3 से 6 साल उम्र के बच्चों को पिलाया जाएगा.
प्रदेश के 42 जिलों में खुलेंगे महिला थाने
कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के 42 जिलों में महिला थाने खोले जाएंगे. प्रदेश के 10 जिलों में पहले ही महिला थाने खोले जा चुके हैं. प्रदेश के बाकी 42 जिलों में महिला थाने खोले जाने पर कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है.
कैबिनेट में इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
- शहडोल चिकित्सालय के लिए पूर्व में जारी प्रशासकीय स्वीकृति को पुनरीक्षित करते हुए 309 करोड़ 97 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई.
- सड़क परिवहन निगम गुना का बस स्टैंड सब डिपो को बेचा जाएगा. इसके लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं.
- आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को प्रदेश में अगले 5 सालों के लिए लागू करने का निर्णय लिया गया है. योजना में आगामी 5 सालों में प्रदेश में मत्स्य के एकीकृत विकास एवं प्रबंधन के लिए 481 करोड़ 66 लाख रुपए व्यय किए जाएंगे.
- बैतूल जिले की पारसडोह मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए कुल क्षेत्र 19 हजार 785 हेक्टेयर के लिए 585 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई.
- मुरकी मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 102 करोड़ रुपए की राशि को स्वीकृति दी गई.