भोपाल। मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में नवरात्रि कुछ ऐसी भी नसीहतों के साथ भी आई है, जहां लड़कियों के हाथ में डांडिये नहीं कृपाण हैं. नवरात्र के ये दिन एमपी के अलग अलग जिलों में बेटियां दुर्गा को साक्षी मानकर आत्मरक्षा के लिए तलवार उठाना और चलाना सीख रही हैं. तैयारी दुर्गा पंडालों में हो रहे गरबों पर रोक की भी है. प्रदेश भर में शस्त्रों की ट्रेनिंग दे रही दुर्गा वाहिनी ये मानती है कि दुर्गा पंडालों में हो रहे गरबे समाज में अश्लीलता फैला रहे हैं. उनको बताया जा रहा है कि गरबा नहीं गर्व से भरे जीवन की तलाश करो. साज सिंगार तुम्हें आकर्षक तो बनाएगा, लेकिन अनुशासन आत्मरक्षा के गुर से ही तुम समर्थ बन पाओगी. arms training to girls in bhopal, durga vahini give training girls in mp
दुर्गा के दिनों में सामर्थ्य का पाठ: महिला सुरक्षा के लिए पूरा पुलिस प्रशासन सतर्क, लेकिन क्या अपने बचाव में बेटियों का खुद सजग रहना जरुरी नहीं. विश्वहिंदू परिषद की दुर्गा वाहिनी नवरात्रि के इन नौ दिनों में एमपी के अलग-अलग जिलों में बेटियों को सामर्थ्य और शौर्य का पाठ पढ़ा रही है कि कैसे विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी अपना मानसिक संतुलन खोए बगैर डटे रहना है. कैसे विषम परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करना है. प्रयास ये कि बेटियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन होने के बावजूद भी बेटियां किसी की बाट ना देखें. इतना सामर्थ्य उनमें हो कि वे विपरीत से विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकें. दुर्गवाहिनी की प्रांत संयोजक सत्यकीर्ति बताती हैं अभी हमने प्रदेश के 12 जिलों में ऐसे अभ्यास वर्ग और शस्त्र पूजन के कार्यक्रम आयोजित किए हैं. जिनमें सीहोर रायसेन राजगढ़ समेत कई जिले हैं. ये अभ्यास वर्ग पूर्ण हो जाने के बाद शौर्य संचलन भी होगा. ये प्रतीक है स्त्री शक्ति का भी और उसे ये भान कराने का भी कि कोई भी स्त्री कितनी सामर्थ्यवान है.
दुर्गा पंडालों में गरबे से बढ़ रही अश्लीलता पर लगे रोक: लड़कियों को आत्मरक्षा का गुर सिखाने वाले इस अभ्यास वर्ग के बाद अब दुर्गा वाहिनी की तैयारी दुर्गा पंडालों का स्वरुप बदलने की है. विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि दुर्गा पंडालों में गरबे के आयोजनों के साथ स्त्री को केवल आकर्षण की वस्तु बनाया जा रहा है. दूसरा अश्लीलता बढ़ी है. जबकि दुर्गा पंडाल और नवरात्रि के ये दिन तो आध्यात्मिक चेतना और शक्ति संपन्नता के दिन है. दुर्गा वाहिनी की संयोजक सत्यकीर्ति राणे कहती हैं हमने प्रयास तो अभी से शुरु कर दिया है लेकिन हम पूरी तरह से दुर्गा पंडालों में गरबे के जरिए परोसी जा रही अश्लीलता को रोकेंगे. जिस तरह से लड़कियां टैटू बनवाती हैं. जिस तरह से अंग प्रदर्शन होता है. इसके लिए तो नहीं है नवरात्रि. ये तो शक्ति की उपासना के साथ अपने शक्ति संचय का समय है. जब स्त्रियां जाने उनकी शक्ति क्या है. दुर्गा पडालों में दुर्गा वाहिनी आध्यात्म के संचार के साथ शास्त्रों का पठन पाठन शस्त्र संचालन सिखाएगा. (arms training to girls in bhopal) (durga vahini give training girls in mp) (sharadiya navratri 2022)