भोपाल। जर्जर इमारतों को गिराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. लेकिन नगर निगम इन इमारतों को गिराने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है. वहीं कई जर्जर हो चुकी इमारतों को अभी तक निगम द्वारा जर्जर घोषित नहीं किया गया है. इसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
पुराने भोपाल के इमाम गेट पर बने एक जर्जर मकान पर शायद किसी का ध्यान नहीं गया. वहीं एक मकान खुद गिर गया लेकिन उसका मलवा अभी तक नहीं उठाया गया है. इस मकान के पड़ोस वाले मकान की स्थिति भी काफी खराब है. यहां जान जोखिम में डालकर बच्चों को सिलाई मशीन चलाना सिखाया जाता है.
जर्जर इमारतों के आंकड़े
- शहर में करीब 720 इमारतें जर्जर हो चुकी हैं.
- नगर निगम के रिकॉर्ड में केवल 350 इमारतों को ही जर्जर घोषित किया गया है.
- साल 2013 में नगर निगम ने 209 इमारतों को जर्जर घोषित किया था.
- 2014 में 220 और 2015 में 242 इमारतों को जर्जर घोषित किया.
- 2016 में 244 इमारतें इमारतों को जर्जर घोषित किया.
- 2017 में सर्वे ही नहीं हुआ.
- 2018 में 300 और 2019 में करीब 350 इमारत चिन्हित की गईं.
- जिला प्रशासन का दावा है कि सभी इमारतों पर कार्रवाई की जाएगी.