भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत का हाईवोल्टेज ड्रामा जारी है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रदेश में अपनी सरकार बनाने का दावा लगातार कर रही हैं. कांग्रेस के 22 बागी विधायक बेंगलुरू में होने के बावजूद भी कांग्रेस बहुमत साबित करने का दावा कर रही है. ईटीवी भारत ने पूरे सियासी ड्रामे और फ्लोर टेस्ट में होने वाले गुणा-भाग को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया से खास बात की.
शिव अनुराग पटेरिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कहीं ना कहीं आज की रात कांग्रेस के लिए कत्ल की रात होगी. क्योंकि इस बीच कई समीकरण बनाए जाएंगे तो कई समीकरण बिगाड़े भी जाएंगे. खास बात यह है कि कल मतलब सोमवार को विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के विधायक आमने-सामने होंगे.
राज्यपाल का निर्देश सर्वोपरि
शिव अनुराग ने कहा कि राज्यपाल ने जिस तरह का निर्देश दिया है, उसमें भी कई दांव-पेंच होते हैं. अगर संविधान विशेषज्ञों की माने तो राज्यपाल का परामर्श भी एक तरह का निर्देश होता है, जिस तरह से राष्ट्रपति का परामर्श केंद्र के लिए जरूरी होता है. वह उसकी अवहेलना नहीं कर सकते हैं. वैसे ही राज्यपाल का आदेश भी मानना ही होता है.
परंपराओं की बात ना कि जाए तो बेहतर
शिव अनुराग ने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में अल सुबह शपथ दिलाई गई थी, उसके बाद परंपराओं की बात ना कि जाए तो ज्यादा बेहतर है. वहीं उन्होंने कहा अगर सरकार को कहीं से भी यह लगता है कि वह अपनी सरकार बचा सकती है, तो वह फ्लोर टेस्ट करा सकती है. लेकिन थोड़ा भी संदेह नजर आता है तो वह कोरोना या किसी भी जरिए से विधानसभा स्थगित कर सकते हैं.
दोनों ही दल के नेताओं को सूझबूझ से बढ़ना होगा आगे
वहीं दूसरी और अगर सीएम को लगता है कि वे बहुमत पास नहीं कर सकते हैं, तो वे महाराष्ट्र में देवेंद्र फण्डवीस की तरह इस्तीफा दे सकते हैं. खास बात यह है कि दोनों दल के लोगों को यह पता होना चाहिए कि उनकी स्थिति क्या है. बीजेपी को अगर लगता है कि वे बहुमत सिद्ध कर लेंगे तो पूरी कोशिश करेंगे की फ्लोर टेस्ट हो जाए. मध्यप्रदेश की सियासत को देखते हुए दोनों ही दल के नेता सूझबूझ के साथ आगे बढ़ेंगे.