ETV Bharat / state

देसी शराब के ब्रांड एंबेस्डर बन गये हैं शिवराज, चिट्ठी पर कांग्रेस का तंज - चुनाव

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने देसी शराब की दुकानों पर विलायती शराब बेचने को अनर्थकारी नीति बताया है. कांग्रेस ने शिवराज सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें देसी शराब का ब्रांड एम्बेसडर बताया है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा
author img

By

Published : Mar 15, 2019, 3:11 PM IST

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने देसी शराब की दुकानों पर विलायती शराब बेचने को अनर्थकारी नीति बताया है. कांग्रेस ने शिवराज सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें देसी शराब का ब्रांड एम्बेसडर बताया है. कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सिंह जिस तरीके से नई आबकारी का नीति का विरोध कर रहे हैं, उससे लगता है कि उन्हें देशी शराब से काफी प्रेम है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि फुर्सत में बैठे शिवराज सिंह ने 13 मार्च को शराब पर एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखा है, जिसमें उन्हें शराब को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए देसी मदिरा की दुकानों पर विदेशी मदिरा बेचने के निर्णय को दुखदाई और पीड़ादायक बताया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि ये निर्णय नागरिकों के स्वास्थ्य, युवाओं के भविष्य और कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा


इस मामले में नरेंद्र सलूजा का कहना है कि बड़ी खुशी होती है कि शिवराज सिंह चौहान शराब पर आपत्ति जताने वाला पत्र लिखते हैं, लेकिन उनका ये पत्र देसी शराब के ब्रांड एंबेसडर की तरह लिखा गया है. जिसमें उन्होंने कहीं भी मदिरा का विरोध नहीं किया है. सिर्फ देसी मदिरा की दुकानों पर विदेशी मदिरा बेचे जाने का विरोध किया है. उनके पत्र से ऐसा प्रतीत होता है कि इस पत्र के द्वारा देसी मदिरा निर्माताओं के एकाधिकार को सुरक्षित रखना चाहते हैं. वास्तव में वह शुरू से ही देसी मदिरा निर्माताओं के पक्ष में रहे हैं.


सलूजा ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में न केवल 2018-19 के लिए बल्कि, अगली सरकार में 2019- 20 के लिए विदेशी मदिरा निर्माताओं के लिए निविदा स्वीकृत की है. ये विभागीय प्रस्ताव नहीं था, लेकिन मंत्रिमंडल द्वारा जोड़ा गया. अपने कार्यकाल में इसके अलावा भी उन्होंने अपने चहेते निर्माताओं के अधिकार की रक्षा के लिए टेंडर में भाग लेने की अनुमति प्रदान नहीं की थी. शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह कर रही है, जबकि वास्तविकता ये है कि वर्तमान मंत्रिमंडल ने मोटे तौर पर 2019-20 के लिए उसी आबकारी नीति का पालन किया है, जो पूर्व बीजेपी सरकार द्वारा तय की गई थी.


कांग्रेस ने कहा कि जिस तरह का आरोप शिवराज सिंह चौहान लगा रहे हैं, वह किसी तरह से सही नहीं है. कांग्रेस सरकार एक भी शराब की दुकान बढ़ाने नहीं जा रही है, लेकिन आश्चर्य शिवराज सिंह चौहान के देसी मदिरा प्रेम को लेकर है कि उनका विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि देसी मदिरा के पक्ष में विदेशी मदिरा का विरोध कर रहे हैं. इससे समझा जा सकता है कि शिवराज सिंह चौहान देशी मदिरा के ब्रांड एंबेस्डर के तौर पर काम कर रहे हैं.

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने देसी शराब की दुकानों पर विलायती शराब बेचने को अनर्थकारी नीति बताया है. कांग्रेस ने शिवराज सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें देसी शराब का ब्रांड एम्बेसडर बताया है. कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सिंह जिस तरीके से नई आबकारी का नीति का विरोध कर रहे हैं, उससे लगता है कि उन्हें देशी शराब से काफी प्रेम है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि फुर्सत में बैठे शिवराज सिंह ने 13 मार्च को शराब पर एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखा है, जिसमें उन्हें शराब को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए देसी मदिरा की दुकानों पर विदेशी मदिरा बेचने के निर्णय को दुखदाई और पीड़ादायक बताया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि ये निर्णय नागरिकों के स्वास्थ्य, युवाओं के भविष्य और कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा


इस मामले में नरेंद्र सलूजा का कहना है कि बड़ी खुशी होती है कि शिवराज सिंह चौहान शराब पर आपत्ति जताने वाला पत्र लिखते हैं, लेकिन उनका ये पत्र देसी शराब के ब्रांड एंबेसडर की तरह लिखा गया है. जिसमें उन्होंने कहीं भी मदिरा का विरोध नहीं किया है. सिर्फ देसी मदिरा की दुकानों पर विदेशी मदिरा बेचे जाने का विरोध किया है. उनके पत्र से ऐसा प्रतीत होता है कि इस पत्र के द्वारा देसी मदिरा निर्माताओं के एकाधिकार को सुरक्षित रखना चाहते हैं. वास्तव में वह शुरू से ही देसी मदिरा निर्माताओं के पक्ष में रहे हैं.


सलूजा ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में न केवल 2018-19 के लिए बल्कि, अगली सरकार में 2019- 20 के लिए विदेशी मदिरा निर्माताओं के लिए निविदा स्वीकृत की है. ये विभागीय प्रस्ताव नहीं था, लेकिन मंत्रिमंडल द्वारा जोड़ा गया. अपने कार्यकाल में इसके अलावा भी उन्होंने अपने चहेते निर्माताओं के अधिकार की रक्षा के लिए टेंडर में भाग लेने की अनुमति प्रदान नहीं की थी. शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह कर रही है, जबकि वास्तविकता ये है कि वर्तमान मंत्रिमंडल ने मोटे तौर पर 2019-20 के लिए उसी आबकारी नीति का पालन किया है, जो पूर्व बीजेपी सरकार द्वारा तय की गई थी.


कांग्रेस ने कहा कि जिस तरह का आरोप शिवराज सिंह चौहान लगा रहे हैं, वह किसी तरह से सही नहीं है. कांग्रेस सरकार एक भी शराब की दुकान बढ़ाने नहीं जा रही है, लेकिन आश्चर्य शिवराज सिंह चौहान के देसी मदिरा प्रेम को लेकर है कि उनका विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि देसी मदिरा के पक्ष में विदेशी मदिरा का विरोध कर रहे हैं. इससे समझा जा सकता है कि शिवराज सिंह चौहान देशी मदिरा के ब्रांड एंबेस्डर के तौर पर काम कर रहे हैं.

Intro:भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर जमकर सियासत हो रही है। खासकर देसी शराब दुकानों से विदेशी शराब बेची जाने के मामले को लेकर विपक्ष कमलनाथ सरकार की आलोचना कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस नीति पर सवाल उठाते हुए अनर्थ कारी नीति बताया है। वहीं कांग्रेस ने शिवराज के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें देशी शराब का ब्रांड एम्बेसडर बताया है। कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सिंह जिस तरीके से नई आबकारी का नीति का विरोध कर रहे हैं, उससे लगता है कि उन्हें देशी शराब से काफी प्रेम है।


Body:मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि फुर्सत में बैठे शिवराज सिंह सिंह ने 13 मार्च को एक पत्र शराब पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखा है। जिसमें उन्हें शराब को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए देशी मदिरा की दुकानों पर विदेशी मदिरा बेचने के निर्णय को दुखदाई और पीड़ादायक बताया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि यह निर्णय नागरिकों के स्वास्थ्य, युवाओं के भविष्य और कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है। वर्तमान में प्रदेश की 2700 देशी मदिरा और 1000 विदेशी मदिरा की दुकानें हैं।

इस मामले में नरेंद्र सलूजा का कहना है कि बड़ी खुशी होती है कि शिवराज सिंह चौहान शराब पर आपत्ति जताने वाला पत्र लिखते हैं। लेकिन उनका यह पत्र देशी शराब के ब्रांड एंबेसडर की तरह लिखा गया है। इस पत्र में उन्होंने कहीं भी मदिरा का विरोध नहीं किया है। सिर्फ देशी मदिरा की दुकानों पर विदेशी मदिरा बेचे जाने का विरोध किया है। उनके पत्र से ऐसा प्रतीत होता है कि इस पत्र के द्वारा देशी मदिरा निर्माताओं के एकाधिकार को सुरक्षित रखना चाहते हैं। वास्तव में भी शुरू से ही देशी मदिरा निर्माताओं के पक्ष में रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में ना केवल 2018-19 के लिए बल्कि अगली सरकार में 2019- 20 के लिए विदेशी मदिरा निर्माताओं के लिए निविदा स्वीकृत की है। यह विभागीय प्रस्ताव नहीं था, लेकिन मंत्री मंडल द्वारा जोड़ा गया। अपने कार्यकाल में इसके अलावा भी उन्होंने को अपने चहेते निर्माताओं के अधिकार की रक्षा के लिए टेंडर में भाग लेने की अनुमति प्रदान नहीं की थी।

इस मामले में नरेंद्र सलूजा का कहना है कि इस मुद्दे पर शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह कर रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि वर्तमान मंत्रिमंडल ने मोटे तौर पर 2019-20 के लिए उसी आबकारी नीति का पालन किया है, जो पूर्व भाजपा सरकार द्वारा तय की गई थी। जहां पूर्व की भाजपा सरकार 15% वृद्धि के साथ दुकानों का नवीनीकरण कर रही थी। वहीं हमारी सरकार ने 20% के साथ नवीनीकरण करने का निर्णय लिया है।जिस नीति का पालन किया गया है, उसके तहत सबसे पहले मदिरा की फुटकर दुकानों को वर्तमान दुकानों के नवीनीकरण का अवसर दिया जाता है। यदि उसमें किसी लाइसेंस धारी की सहमति प्राप्त नहीं होती है, तो उसे किसी अन्य पार्टी को उसी दर पर देने का अवसर दिया जाता है। यदि इन दोनों का राजस्व का योग 70% तक नहीं होता है,तो उस जिले की दुकानों को पुनर्गठन किया जाता है और ऐसी पुनर्गठित की गई दुकानों की नई नीलामी होती है। पिछली सरकार ने फैसला किया कि प्रक्रिया के दौरान देशी मदिरा की दुकान को विदेशी मदिरा की दुकान में परिवर्तित किया जा सकता है। इसमें दुकान के मूल्य में 20% वृद्धि होने की उम्मीद है। उसी निर्णय को जारी रखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है यदि किसी जिले के लिए अधिक राजस्व के लिए पुनर्गठित किया जाना है, तो हम देशी मदिरा की दुकान पर विदेशी मदिरा की अनुमति दे सकते हैं।


Conclusion:कांग्रेस ने कहा है कि जिस तरह का आरोप शिवराज सिंह चौहान लगा रहे हैं, वह किसी तरह से सही नहीं हैं। हमारी सरकार एक भी शराब दुकान बढ़ाने नहीं जा रही है। लेकिन आश्चर्य शिवराज सिंह चौहान के देशी मदिरा प्रेम को लेकर है। कि शिवराज सिंह मदिरा का विरोध नहीं कर रहे हैं, अपितु देशी मदिरा के पक्ष में आकर विदेशी मदिरा का विरोध कर रहे हैं। इससे समझा जा सकता है कि शिवराज सिंह चौहान देशी मदिरा के ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर काम कर रहे हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.