भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी सरगर्मी के बीच अब प्रदेश की राजधानी में अलग-अलग संगठन अपनी-अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है. इसी सिलसिले में चयनित शिक्षकों ने बीजेपी कार्यालय का घेराव किया. करीबन 800 से अधिक चयनित शिक्षक अभी नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेश कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की, इसके साथ ही अपनी मांग को लेकर सरकार को घेरा. इधर, पटवारियों ने एक बार फिर अपनी सामूहिक हड़ताल शुरू कर दी है. सोमवार को ये सभी सामूहिक हड़ताल पर चले गए हैं.
प्रदर्शनकारी शिक्षकों से मिले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष: चयनित शिक्षक रत्नेश नामदेव का कहना है कि वर्ग 3 प्राथमिक शिक्षक भर्ती के चयनित अभ्यर्थी है. इनका अंतिम चयन और जिला आवंटन होने के बाद शिक्षा विभाग ने नियुक्ति आदेश को रोक दिया है. हम सभी अपने हक के लिए बीजेपी कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए हैं. इधर, प्रदेश कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे चयनित शिक्षकों से मिलने वीडी शर्मा पहुंचे. उन्होंने उनकी बात को सुना. उन्होंने आश्वासन दिया है कि उनकी मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम करेंगे. इसके बाद शिक्षक बीजेपी कार्यालय के बाहर से रवाना हुए.
पटवारी कर रहे वेतन बढ़ाने की मांग: पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह का कहना है कि यह सभी अपनी वेतनमान की मांगों को लेकर लगातार सरकार से मांग कर चुके हैं. बावजूद उनकी मांगों का निराकरण नहीं हो रहा है. ऐसे में अब सभी पटवारी सोमवार से जिला कार्यालय में अपने बस्ते भी जमा कर आए हैं. इससे सरकारी काम प्रभावित हो रहा है. पटवारियों की मांग है कि 1998 में निर्धारित वेतनमान को बढ़ाया जाए. 2023 के संशोधित वेतनमान के अनुसार उन्हें वेतन दिया जाए.
कमलनाथ ने सरकार को घेरा:
इधर, भाजपा कार्यालय के बाहर घेराव कर रहे चयनित शिक्षकों के मामले में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी शिवराज सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि। प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार युवाओं के लिए अभिशाप बन गई है। प्राथमिक शिक्षक भर्ती के ओबीसी वर्ग के सैकड़ों अभ्यर्थी अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन अभ्यर्थियों के साथ मेरी पूरी सद्भावना है। मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि हर रोज सरकार का करोड़ों रुपया खर्च करके आप झूठी घोषणाओं का तमाशा करते हैं। एक दिन अपने अंतःकरण पर हाथ रखकर सत्य बोलिए और इन अभ्यर्थियों के साथ न्याय करिए।