भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल में MPPSC से चयनित हुए असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी ज्वाइनिंग की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. बता दें कि चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों की पिछले डेढ़ साल से ज्वाइनिंग नहीं हुई है.
भूख हड़ताल पर बैठे चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर, जल्द ज्वाइनिंग की मांग - assistant professor
MPPSC से चयनित हुए असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. पिछले डेढ़ साल से भटक रहे असिस्टेंट प्रोफेसरों कि मांग है कि उन्हें जल्द ही ज्वाइनिंग दे दी जाए.
चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों की भूख हड़ताल
भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल में MPPSC से चयनित हुए असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी ज्वाइनिंग की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. बता दें कि चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों की पिछले डेढ़ साल से ज्वाइनिंग नहीं हुई है.
Intro:Mppsc से चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर राजधानी भोपाल मे भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं... इन सभी की मांग है कि उनको ज्वाइनिंग दी जाए...पिछले डेढ़ साल से वह दर-दर भटक रहे है भर्ती को लेकर लेकिन पिछली सरकार ने भी हमारी सुनवाई नहीं की और कमलनाथ सरकार को भी 1 साल हो गए सरकार बने अब तक सुनवाई नहीं हुई है....
Body:चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों का आरोप है कि सरकार अतिथि विद्वानों को जो इस पद के लिए पात्र नहीं है उन्हें नियुक्ति देने की तैयारी कर रही है जो सरासर गलत है.... हम चुनकर आए हैं उसके बावजूद भी हमें भर्ती नहीं दी जा रही है सरकार चाहे तो हमारी एक नहीं कई बार परीक्षा ले सकती है क्योंकि हम चुनकर आए हैं और फिर से चुनकर आएंगे... साथ ही चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों का कहना है कि हम कानूनी लड़ाई भी जीत कर आए हैं उसके बावजूद भी सरकार हमें जॉइनिंग नहीं दे रही है....
Conclusion:चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर प्रदेश के अलग-अलग कोने से आए हुए हैं....ये पैदल यात्रा महू से अंबेडकर प्रतिमा से शुरू हुई थी और भोपाल के नीलम पार्क पहुंची... असिस्टेंट प्रोफेसरों का यह भी कहना है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो आने वाले समय में आंदोलन और उग्र होगा... बता दें करीब 2 साल पहले mppsc के तहत 2017 मे असिस्टेंट प्रोफेसर चयनित हुए थे लेकिन इन सभी की जॉइनिंग नहीं हुई थी इसी को लेकर इन सभी में नाराजगी है...
चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर
Body:चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों का आरोप है कि सरकार अतिथि विद्वानों को जो इस पद के लिए पात्र नहीं है उन्हें नियुक्ति देने की तैयारी कर रही है जो सरासर गलत है.... हम चुनकर आए हैं उसके बावजूद भी हमें भर्ती नहीं दी जा रही है सरकार चाहे तो हमारी एक नहीं कई बार परीक्षा ले सकती है क्योंकि हम चुनकर आए हैं और फिर से चुनकर आएंगे... साथ ही चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों का कहना है कि हम कानूनी लड़ाई भी जीत कर आए हैं उसके बावजूद भी सरकार हमें जॉइनिंग नहीं दे रही है....
Conclusion:चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर प्रदेश के अलग-अलग कोने से आए हुए हैं....ये पैदल यात्रा महू से अंबेडकर प्रतिमा से शुरू हुई थी और भोपाल के नीलम पार्क पहुंची... असिस्टेंट प्रोफेसरों का यह भी कहना है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो आने वाले समय में आंदोलन और उग्र होगा... बता दें करीब 2 साल पहले mppsc के तहत 2017 मे असिस्टेंट प्रोफेसर चयनित हुए थे लेकिन इन सभी की जॉइनिंग नहीं हुई थी इसी को लेकर इन सभी में नाराजगी है...
चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर