भोपाल। मध्यप्रदेश के प्रशासनिक भवन सतपुड़ा में लगी आग को लेकर कांग्रेस कई सवाल खड़े कर रही है. आग से सतपुड़ा भवन के तीन फ्लोर जलकर खाक हो गए. हालांकि मध्यप्रदेश के प्रशासनिक भवनों में आग की यह कोई पहली घटना नहीं है. पिछले 11 सालों में मध्यप्रदेश के प्रशासनिक भवनों में आगजनी की 13 घटनाएं हुई. जिसमें हजारों सरकारी फाइलें जलकर नष्ट हो गई, लेकिन इसके बाद भी सरकारी भवनों में आगजनी की घटनाएं रोकने के लिए कोई पुख्ता प्लान अभी तक तैयार नहीं किया गया है.
11 साल में 13 दफ्तरों में लगी आग:
- 25 जून 2012 गुरूवार को सतपुड़ा भवन के तकनीकी शिक्षा विभाग में भीषण आग लगी.
- 1 नवंबर 2012 गुरूवार को वल्लभ भवन में तकनीकी विभाग में आग लगी.
- 25 नवंबर 2013 सोमवार को मंत्रालय के भीमनगर स्थित गोदाम में आग लगी. जिससे मंत्रालय के दस्तावेज जलकर खाक हो गए.
- 28 नवंबर 2013 गुरूवार को विंध्याचल भवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास के स्थापना व बजट सेक्शन में आग लग गई. जिससे मनरेगा संबंधी फाइलें जलकर खाक हो गई.
- 23 नवंबर2014 रविवार को भोपाल कलेक्ट्रेट कार्यालय के रिकार्ड रूम में आग लगी, जिससे 10 गांवों का रिकार्ड जलकर खाक हो गये.
- 04 अक्टूबर 2015 रविवार को विध्यांचल भवन स्थित पांचवी मंजिल पर कृषि विभाग में आग लगी, जिससे विधानसभा संबंधी एवं बीज घोटाले संबंधित फाइलें जलकर खाक हो गई.
- 7 नवंबर 2015 को खाद्य विभाग के दफ्तर में भीषण आग.
- 10 जनवरी 2016 को पीएचई व पीडब्ल्यूडी की पांच हजार फाइलें जलकर खाक़ हो गई.
- 23 मार्च 2016 को वल्लभ भवन की पांचवी मंजिल पर मुख्यमंत्री सचिवालय के एक कक्ष में आग लगी.
- 24 मार्च 2016 को सीएम ऑफिस के रिकार्ड रूम में आग, 5 साल पुरानी फाइलें जली.
- 24 मार्च 2016 को सचिवालय में आग लगने से खाक हो गये रिकार्ड.
- 27 मार्च 2016 को सीएम आफिस में जली फाइलों का ऑडिट भी जलकर खाक हो गई.
- 14 दिसंबर 2018 को सतपुड़ा भवन में आग लगी थी.
- 8 अप्रैल 2022 को जेल पहाड़ी स्थित उद्यमिता भवन में एमपीआईडीसी के हेड ऑफिस में आग लगने से 15 साल पुराने रिकॉर्ड, फाइलें जलकर खाक हो गए.
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आग लगी,लेकिन पुख्ता इंतजाम नहीं हुए: प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में आग लगती गई, लेकिन उनमें आगजनी से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए. इसका नतीजा सतपुड़ा भवन में आग के रूप में सामने आया है. सतपुड़ा भवन का फायर ऑडिट ही पिछले पांच सालों से फाइलों में घूम रहा है, लेकिन अब तक यह पूरा नहीं हो पाया है. कांग्रेस ने मामले में सरकार पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में सिर्फ भ्रष्टाचार की फाइलें जलाने के लिए आग लगाई जाती है. इस बार भी सतपुड़ा भवन में आग सुनियोजित तरीके से लगाई गई, ताकि गड़बड़ियां से जुड़ी फाइलों को जलाया जा सके.