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8 दिसंबर के भारत बंद में शामिल होगी सपाक्स, आरक्षण का करेगी विरोध

8 दिसंबर को होने वाले आरक्षण के विरोध में भारत बंद में सपाक्स पार्टी भी शामिल होगी, और अपनी मांगों को रखते हुए आरक्षण का विरोध करेगी.

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8 दिसंबर के भारत बंद में शामिल होगी सपाक्स
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Published : Dec 6, 2019, 7:20 PM IST

भोपाल। 8 दिसंबर को होने वाले आरक्षण के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया जा रहा है. जिसमें सपाक्स पार्टी भी आरक्षण के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर शामिल होगी और आरक्षण का विरोध करेगी.

8 दिसंबर के भारत बंद में शामिल होगी सपाक्स

इस बारे में पार्टी की कार्यवाहक अध्यक्ष वीणा घाणेकर ने बताया कि हम आरक्षण विरोधी प्रमुख मांगों को लेकर भारत बंद में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि जातिगत आरक्षण के बजाय आर्थिक आधार पर आरक्षण मिले, साथ ही एक परिवार को एक बार ही आरक्षण का लाभ मिले. उन्होंने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट की बजाय सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून बनाया जाए.

भोपाल। 8 दिसंबर को होने वाले आरक्षण के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया जा रहा है. जिसमें सपाक्स पार्टी भी आरक्षण के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर शामिल होगी और आरक्षण का विरोध करेगी.

8 दिसंबर के भारत बंद में शामिल होगी सपाक्स

इस बारे में पार्टी की कार्यवाहक अध्यक्ष वीणा घाणेकर ने बताया कि हम आरक्षण विरोधी प्रमुख मांगों को लेकर भारत बंद में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि जातिगत आरक्षण के बजाय आर्थिक आधार पर आरक्षण मिले, साथ ही एक परिवार को एक बार ही आरक्षण का लाभ मिले. उन्होंने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट की बजाय सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून बनाया जाए.

Intro:भोपाल- 8 दिसम्बर को होने वाले आरक्षण के विरोध में होने वाले भारत बंद में सपाक्स पार्टी भी आरक्षण के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर शामिल होंगी।



Body:इस बारे में पार्टी की कार्यवाहक अध्यक्ष वीणा घाणेकर ने बताया कि हम आरक्षण विरोधी प्रमुख मांगों को लेकर भारत बंद में शामिल होंगे।
हमारी मांग है कि जातिगत आरक्षण के बजाय आर्थिक आधार पर आरक्षण मिले, साथ ही एक परिवार को एक बार ही आरक्षण का लाभ मिले।
इसके साथी एट्रोसिटी एक्ट के बजाय सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून बने।


Conclusion:वहीं लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण की जो अवधि 25 जनवरी 2020 को खत्म रही है उससे आगे 10 साल के लिए फिर से बढ़ा दिया गया है यह समय सीमा बढ़कर जनवरी 2030 तक हो गई है,हमारी मांग है कि आरक्षण की समीक्षा कर इसका संशोधन किया जाए।
इसके साथ ही निर्भया और दिशा जैसे मामलों में इन्वेस्टिगेशन और ट्रायल की कार्रवाई एक माह में होकर फांसी से कम सजा का प्रावधान ना हो। यह भी हमारी मांग है।

बता दे कि समानता मोर्चा के समान विचारधारा के सभी सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दल देश में हो रहे आपराधिक कृत्यों, कानून की अनदेखी के विरोध और जातिवादी आरक्षण को लेकर 8 दिसंबर को भारत बंद और 11 दिसंबर को संसद का घेराव करेंगे।

बाइट- वीणा घाणेकर
कार्यवाहक अध्यक्ष, सपाक्स पार्टी
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