ETV Bharat / state

मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, नियमितीकरण के लिए सरकार ने बनाई गाइडलाइन

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 19, 2024, 3:12 PM IST

Samvida bharti 2024 in MP : मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए राज्य सरकार ने नियम तय कर दिए हैं. नियमितीकरण के लिए परीक्षा होगी. इसमें 50 फीसदी अंक लाना आवश्यक है. वहीं, कर्मचारी संगठनों ने इस नियम का विरोध किया है.

samvida bharti 2024 Madhya Pradesh
संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की गाइडलाइन

भोपाल। मध्यप्रदेश में लंबे समय से संविदा पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों के लिए परमानेंट होने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि इसके लिए संविदा कर्मचारियों को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा. राज्य सरकार ने नियमितीकरण के नियम तय कर दिए हैं. नियमितीकरण के लिए संविदा कर्मचारियों को न सिर्फ लिखित परीक्षा देनी होगी, बल्कि इसमें 50 फीसदी अंकों के साथ पास भी होना होगा. वाणिज्यकर विभाग द्वारा भर्ती के लिए जारी नियमों में इसको लेकर प्रावधान किया गया है. इधर, संविदा कर्मचारी महासंघ ने नए नियमों का विरोध जताया है.

300 नंबर का होगा पेपर : विभाग द्वारा नियमितीकरण के लिए जारी किए गए नए नियमों के मुताबिक कर्मचारियों को एग्जाम देना होगा. इसमें 300 नंबरों का प्रश्न-पत्र आएगा. तीन घंटे के पेपर में कर्मचारियों को कम से कम 150 अंक लाना अनिवार्य होगा. तय किया गया है कि नियमितीकरण में वरिष्ठता को आधार नहीं बनाया जाएगा. जो कर्मचारी परीक्षा में कम से कम 50 अंक लेकर जाएंगे, वे ही नियमितीकरण के लिए पात्र माने जाएंगे. नए नियमों के मुताबिक सीधी भर्ती में संविदा कर्मचारियों के ऐसे उम्मीदवार जो एससी और एसटी वर्ग के हैं, उन्हें 10 फीसदी अंकों की परीक्षा में छूट मिलेगी. ऐसे उम्मीदवारों को नियमितीकरण के लिए सिर्फ 40 फीसदी अंक ही लाना होंगे. सीधी भर्ती में संविदा कर्मचारियों के लिए 20 फीसदी पद आरक्षित होंगे.

सरकार ने किया था वादा : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में बुलाए गए सम्मेलन में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का ऐलान सरकार ने किया था. इसमें कहा गया था कि नियमित नियुक्तियों में संविदा कर्मचारियों को 50 फीसदी का आरक्षण मिलेगा. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने भर्ती नियम जारी किए थे.

ALSO READ:

संविदा कर्मियों ने किया विरोध : दूसरी तरफ, संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में परीक्षा पास करने की शर्त का संविदा कर्मचारी महासंघ द्वारा विरोध जताया जा रहा है. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर कहा कहना है कि कई संविदा कर्मचारियों को सरकारी विभाग में काम करते हुए 20 साल तक हो गए हैं, उनकी परीक्षा कराया जाना ठीक नहीं है. सालों से विभाग में संविदा कर्मचारी कुशलता से काम कर रहे हैं. सरकार को इस निर्णय पर फिर विचार करना चाहिए.

भोपाल। मध्यप्रदेश में लंबे समय से संविदा पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों के लिए परमानेंट होने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि इसके लिए संविदा कर्मचारियों को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा. राज्य सरकार ने नियमितीकरण के नियम तय कर दिए हैं. नियमितीकरण के लिए संविदा कर्मचारियों को न सिर्फ लिखित परीक्षा देनी होगी, बल्कि इसमें 50 फीसदी अंकों के साथ पास भी होना होगा. वाणिज्यकर विभाग द्वारा भर्ती के लिए जारी नियमों में इसको लेकर प्रावधान किया गया है. इधर, संविदा कर्मचारी महासंघ ने नए नियमों का विरोध जताया है.

300 नंबर का होगा पेपर : विभाग द्वारा नियमितीकरण के लिए जारी किए गए नए नियमों के मुताबिक कर्मचारियों को एग्जाम देना होगा. इसमें 300 नंबरों का प्रश्न-पत्र आएगा. तीन घंटे के पेपर में कर्मचारियों को कम से कम 150 अंक लाना अनिवार्य होगा. तय किया गया है कि नियमितीकरण में वरिष्ठता को आधार नहीं बनाया जाएगा. जो कर्मचारी परीक्षा में कम से कम 50 अंक लेकर जाएंगे, वे ही नियमितीकरण के लिए पात्र माने जाएंगे. नए नियमों के मुताबिक सीधी भर्ती में संविदा कर्मचारियों के ऐसे उम्मीदवार जो एससी और एसटी वर्ग के हैं, उन्हें 10 फीसदी अंकों की परीक्षा में छूट मिलेगी. ऐसे उम्मीदवारों को नियमितीकरण के लिए सिर्फ 40 फीसदी अंक ही लाना होंगे. सीधी भर्ती में संविदा कर्मचारियों के लिए 20 फीसदी पद आरक्षित होंगे.

सरकार ने किया था वादा : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में बुलाए गए सम्मेलन में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का ऐलान सरकार ने किया था. इसमें कहा गया था कि नियमित नियुक्तियों में संविदा कर्मचारियों को 50 फीसदी का आरक्षण मिलेगा. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने भर्ती नियम जारी किए थे.

ALSO READ:

संविदा कर्मियों ने किया विरोध : दूसरी तरफ, संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में परीक्षा पास करने की शर्त का संविदा कर्मचारी महासंघ द्वारा विरोध जताया जा रहा है. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर कहा कहना है कि कई संविदा कर्मचारियों को सरकारी विभाग में काम करते हुए 20 साल तक हो गए हैं, उनकी परीक्षा कराया जाना ठीक नहीं है. सालों से विभाग में संविदा कर्मचारी कुशलता से काम कर रहे हैं. सरकार को इस निर्णय पर फिर विचार करना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.