भोपाल। मध्यप्रदेश में नवंबर के महीने की शुरुआत होते ही कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर तेज हो गई है. अक्टूबर महीने में जहां संक्रमण के मामलों में कमी देखने मिली थी तो वहीं अब ठंड के बढ़ने के साथ ही संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है. 1 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक की बात करें तो मध्यप्रदेश में सैंपलिंग पिछले महीने और उससे पहले की तुलना में बहुत कम की गई है. जहां पहले रोजाना 25 हजार से लेकर 31 हजार तक सैंपलिंग की जा रही थी, तो वहीं अब इसकी संख्या सिमटकर 17 हजार से 25 हजार के बीच हो गई है.
यदि आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो आंकड़े साफ तौर पर प्रदेश में कम हुई सैंपलिंग की स्थिति को बयां करते हैं. 21 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक प्रदेश में कुल 3 लाख 4 हजार 36 सैम्पल की जांच की गई. तो वहीं 1 नवम्बर से लेकर 10 नवम्बर तक 2 लाख 60 हजार 354 सैम्पल जांचे गए. जबकि प्रदेश की टेस्टिंग कैपेसिटी करीब 54 हजार के आसपास है, इसके बावजूद भी महज 30 से 35 फीसदी सैंपलों की जांच हुई है.
राजधानी में बढ़ी सैंपलिंग
जहां एक ओर प्रदेश में सैंपलिंग की संख्या में गिरावट हुई है, तो वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल में सैंपलिंग में इजाफा देखने को मिला है. 1 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक राजधानी भोपाल में 22,768 सैम्पल जांचे गए, तो वहीं 1 नवंबर से लेकर 10 नवंबर तक 24,386 सैंपल की जांच की गई है. सैंपलिंग बढ़ने के साथ ही राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामलों में भी तेजी देखने को मिली है.
CMHO का तर्क
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी का कहना है कि अभी डोर टू डोर सर्वे नहीं कर रहे हैं, लेकिन फीवर क्लीनिक के जरिये सैंपल कलेक्शन का काम किया जा रहा है. जिन्हें भी जरूरत है वह शहर में संचालित हो रही 46 फीवर क्लिनिक्स में से अपने नजदीकी फीवर क्लीनिक्स जाकर सैंपल दे सकते हैं.