भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि ग्राम विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है. ग्रामों के चहुमुखी विकास के लिए ग्रामसभाओं की महती भूमिका होती है. ग्रामों में होने वाले विकास कार्यों का चयन एवं समीक्षा ग्रामसभा के माध्यम से हो. ग्राम सभाओं के आयोजन की वीडियोग्राफी भी करवाई जाए.
मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि वर्ष में होने वाली 4 ग्राम सभाओं के अतिरिक्त भी आवश्यकतानुसार प्रत्येक दो माह में ग्राम सभा बुलायी जाएं. ग्राम सभा का पर्याप्त प्रचार-प्रसार एवं मुनादी करवाए, जिससे अधिक से अधिक ग्रामवासी ग्राम सभा में उपस्थित हो सकें. उन्होंने कहा कि ग्राम सभा में मनरेगा अन्तर्गत किये जाने वाले कार्य, कार्यरत मजदूरों व जॉबकार्ड धारियों के नाम पढ़ कर सुनाए जाए.
महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि श्रमिकों को ग्राम स्तर पर सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. स्व-सहायता समूहों के क्लस्टर बनाकर उनके द्वारा निर्मित उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा. प्रत्येक मिडिल स्कूल और हाई स्कूल में वाउन्ड्रीवाल बनाई जाएगी. गौ-शालाओं को गौ-संवर्धन योजना से जोड़ा जाएगा.
महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने निर्देश दिए कि मनरेगा अंतर्गत अधिक से अधिक स्थाई सम्पत्तियों का निर्माण किया जाए. ग्रामों में बनने वाली सीमेंट-कांक्रीट रोड में आवश्यकतानुसार दोनों तरफ मुरमीकरण कर शोल्डर भरे जाने का प्रावधान से संबंधित कार्रवाई से अवगत कराया जाए. मनरेगा अंतर्गत कार्य-स्थलों में श्रमिकों को दी जाने वाली अन्य सुविधाएं जैसे झूलाघर, मेडिकल किट आदि व्यवस्थाओं का सतत निरीक्षण किया जाए. जॉब-कार्ड श्रमिक के पास ही हो यह सुनिश्चित किया जाए.
श्रम सिद्धि अभियान अंतर्गत किए जाने वाले सर्वे में सोशल ऑडिट के विलेज सोशल एनीमेटर (वी.एस.ए.) एवं स्व-सहायता समूह के सदस्यों को संलग्न किया जाए और एक पंचायत का सर्वे कार्य दूसरे पंचायत की टीम से कराया जाए. मनरेगा अंतर्गत पंचायत भवनों एवं शाला भवनों में आवश्यकतानुसार एवं प्रावधान अनुसार बाउण्ड्री-वॉल निर्माण और पौध-रोपण के कार्य किए जाए. मनरेगा अंतर्गत शालाओं में किचन-शेड के साथ डायनहाल का भी आवश्यकतानुसार निर्माण किया जाए.
निर्माणाधीन गौशालाओं के कार्य में तेजी लाते हुए इन्हें शीघ्र पूरा कराया जाए. निर्मित गौशालाओं के संचालन का कार्य शीघ्र स्व-सहायता समूहों से अनुबंध कर उन्हें सौंपा जाये. समूह को आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से गौ-उत्पादों के उत्पादन व विक्रय को प्रोत्साहित किया जाए. मनरेगा के कार्यों में स्व-सहायता समूहों की अधिक से अधिक सहभागिता बढ़ाई जाए.
महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि अमेजान, फ्लिपकार्ट जैसे निजी प्लेटफार्म का उपयोग कर समूह उत्पादों का विपणन संबंधी प्रयास किए जाए. वी.सी. सखी एवं कृषि सखी की संख्या बढ़ाई जाकर उनका सशक्तिकरण किया जाए.
आजीविका भवन की किस्त शीघ्र पंचायत राज्य संचालनालय द्वारा नियुक्त की जाए. मनरेगा के जॉब-कार्ड के सत्यापन में स्व-सहायता समूह सदस्यों की सेवाएं भी ली जाए. क्लस्टर आधारित सामूहिक आजीविका गतिविधियों के प्रस्ताव तैयार किए जाए और सेनेटरी नेपकिन के निर्माण, प्रचार-प्रसार और उपयोग को बढ़ावा दिया जाए मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना में विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक प्रकरण बैंकों को प्रस्तुत किए जाए.