भोपाल। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए चार दिनों से चल रहे वेबिनार में आए सुझावों के आधार पर रोडमैप तैयार कर इसका कार्य एक सितंबर से शुरू किया जाएगा. वेबिनार में आए सुझावों को शामिल कर रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए मंत्री समूह गठित किया जाएगा. मंत्री समूह अपना ड्राफ्ट 25 अगस्त तक प्रस्तुत करेंगे. इस ड्राफ्ट पर नीति आयोग के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के 31 अगस्त तक आत्मनिर्भर मध्यप्रप्रदेश के रोडमैप को अंतिम रूप दिया जाएगा. एक सितम्बर से इसे आगामी 3 वर्ष के लक्ष्य के साथ प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा.
वेबिनार के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि भौतिक अधोसंरचना समूह में गोपाल भार्गव एवं अन्य मंत्रीगण होंगे तथा इसके समन्वयक अधिकारी आईसीपी केशरी होंगे. सुशासन समूह में मंत्री नरोत्तम मिश्र एवं अन्य मंत्री होंगे, और इसके समन्वयक अधिकारी एस.एन मिश्रा होंगे. शिक्षा एवं स्वास्थ्य समूह में मंत्री विश्वास सारंग एवं अन्य मंत्री होंगे, और इसके समन्वयक अधिकारी मोहम्मद सुलेमान होंगे. इसी तरह अर्थव्यवस्था एवं रोजगार समूह में मंत्री जगदीश देवड़ा एवं अन्य मंत्री होंगे.
देशी चिकित्सा को बढ़ावा संस्कार और रोजगार देने वाली शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रप्रदेश में देशी चिकित्सा पद्धति, आयुष, आदिवासी चिकित्सा पद्धति, योग को बढ़ावा दिया जाएगा. वहीं हमारी शिक्षा, संस्कार और रोजगार देने वाली होगी. 6वीं कक्षा से ही व्यावसायिक शिक्षा को लागू किया जाएगा. परंपरागत ज्ञान को अभिलेखित किया जाएगा. प्रतिभा निखारने के लिए प्रखर योजना शुरू की जाएगी.
पर्यटन को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा. ‘बफर में सफर‘ बहुत अच्छा सुझाव है. धार्मिक पर्यटन के लिए महाकालेश्वर, रामराजा मंदिर, दतिया, मैहर, सलकनपुर आदि का पर्यटन के हिसाब से विकास किया जाएगा. नर्मदा पथ एवं रामवन गमन पथ को विकसित किया जाएगा.
एक जिला एक पहचान
प्रदेश के प्रत्येक जिले की सर्वश्रेष्ठ पहचान को उजागर करने के लिए कार्य किया जाएगा. ‘लोकल‘ को ‘वोकल‘ बनाया जाएगा. हर ग्राम हर नगर आत्मनिर्भर हों, ऐसे प्रयास किए जाएंगे. लघु-कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा.
वन नेशन वन मार्केट
किसानों को उनकी उपज का अधिकाधिक मूल्य दिलाने के लिए ‘वन नेशन वन मार्केट‘ की अवधारणा पर काम किया जाए. मंडी अधिनियम में किए गए संशोधनों का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा. कृषि उत्पादक संघों को मजबूत किया जाएगा. जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. मध्यप्रदेश में क्षमता है कि वह पूरे देश की खाद्य तेल की आवश्यकता को पूरा कर सकता है. इसके लिए खाद्य तेल एवं दालों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा.
‘आउट ऑफ बजट फंड‘ की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए ‘आउट ऑफ बजट फंड‘ जनरेट करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई जाएगी, जो इस संबंध में कार्य करेगी.