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राज्य में बाल सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए बन सकता है नया रोड मैप - Child Protection

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, महिला और बाल विकास विभाग और यूनिसेफ ने समीक्षा परामर्श कार्यक्रम का आयोजिन किया. परामर्श कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में बाल सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए एक रोडमैप बनाना है.

बाल सुरक्षा प्रणाली को लेकर बैठक
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Published : Sep 29, 2019, 10:33 AM IST

भोपाल। प्रदेश के बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, महिला और बाल विकास विभाग और यूनिसेफ ने समीक्षा परामर्श कार्यक्रम का आयोजिन किया. परामर्श कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में बाल सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए एक रोडमैप बनाना है.

इस दौरान कार्यक्रम में बच्चों के विकास के लिए काम करने वाली अलग-अलग संस्थाओं ने कई मुद्दे पर अपनी राय रखी. इसके अलावा संस्थाओं ने आंकड़े पेश कर यह बताने की कोशिश की बाल विकास सुधार के लिए संस्थाएं क्या कर सकती है.

बैठक में अनाथ बच्चों को गोद लेने, बारहवीं कक्षा के बाद की पढ़ाई और उनके एक बेहतर जीवन के लिए क्या कुछ किया जा सकता है. परामर्श में प्रतिभागियों ने कहा कि बच्चों को पर्याप्त सेवाएं देने के लिए बच्चों की सुरक्षा करने वाले कार्य बल को मजबूत करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस परामर्श के कारण राज्य में बाल संरक्षण सेवाओ, वैकल्पिक देखभाल और परिवार सशक्तिकरण के लिए रोडमैप बनाने और एक मजबूत बाल संरक्षण एमआईएस के विकास की उम्मीद की जा रही है.

भोपाल। प्रदेश के बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, महिला और बाल विकास विभाग और यूनिसेफ ने समीक्षा परामर्श कार्यक्रम का आयोजिन किया. परामर्श कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में बाल सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए एक रोडमैप बनाना है.

इस दौरान कार्यक्रम में बच्चों के विकास के लिए काम करने वाली अलग-अलग संस्थाओं ने कई मुद्दे पर अपनी राय रखी. इसके अलावा संस्थाओं ने आंकड़े पेश कर यह बताने की कोशिश की बाल विकास सुधार के लिए संस्थाएं क्या कर सकती है.

बैठक में अनाथ बच्चों को गोद लेने, बारहवीं कक्षा के बाद की पढ़ाई और उनके एक बेहतर जीवन के लिए क्या कुछ किया जा सकता है. परामर्श में प्रतिभागियों ने कहा कि बच्चों को पर्याप्त सेवाएं देने के लिए बच्चों की सुरक्षा करने वाले कार्य बल को मजबूत करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस परामर्श के कारण राज्य में बाल संरक्षण सेवाओ, वैकल्पिक देखभाल और परिवार सशक्तिकरण के लिए रोडमैप बनाने और एक मजबूत बाल संरक्षण एमआईएस के विकास की उम्मीद की जा रही है.

Intro:भोपाल- प्रदेश के बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय,महिला और बाल विकास विभाग और यूनिसेफ ने मिलकर आज किशोर न्याय पर राज्य समीक्षा परामर्श कार्यक्रम किया। इस परामर्श का मकसद राज्य में बाल सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए एक रोडमैप बनाना है।
इस परामर्श कार्यक्रम के चार मुख्य मुद्दों वैकल्पिक देखभाल और परिवार का सशक्तीकरण, संसाधनों से मुक्ति और उसके बाद देखभाल-सेवाएं 2. गुणवत्तापूर्ण संस्थागत देखभाल, बाल संरक्षण कार्यबल विकास और बच्चों के लिए मनो सामाजिक सहयोग और महत्वपूर्ण निगरानी और डेटा प्रबंधन के बारे में बात की गई।



Body:इस कार्यक्रम में बच्चों के विकास के लिए काम करने वाली अलग-अलग संस्थाओं ने कई मुद्दे पर अपनी बातें रखी और साथ ही आंकड़ों के साथ यह भी बताया कि इस वक्त प्रदेश में बच्चों के विकास के लिए क्या काम किए गए हैं और उनमें क्या-क्या कमियां है जिसे कैसे दूर किया जा सकता है।
इस दौरान यह बात भी सामने आई कि प्रदेश में अनाथ बच्चों को गोद लेने, बारहवीं कक्षा के बाद की पढ़ाई और उसके बाद अच्छे जीवन के लिए क्या कुछ काम करना जरूरी है।


Conclusion:परामर्श में प्रतिभागियों ने कहा कि बच्चों को पर्याप्त सेवाएं देने के लिए बच्चों की सुरक्षा करने वाले कार्य बल को मजबूत करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस परामर्श के कारण राज्य में बाल संरक्षण सेवाओ, वैकल्पिक देखभाल और परिवार सशक्तिकरण के लिए रोडमैप बनाने और एक मजबूत बाल संरक्षण एमआईएस के विकास की उम्मीद की जा रही है।
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