भोपाल। मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस के चुनाव का आज परिणाम आ गया है. विधायक कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए हैं. वहीं संजय यादव और प्रतिमा मुदग्ल भी उपाध्यक्ष बने हैं.10 से 12 दिसंबर तक चले संगठन चुनाव के बाद युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बेसब्री से चुनाव परिणाम की तारीख का इंतजार कर रहे थे. ऐसे में युवा कांग्रेस को सात साल बाद विक्रांत भूरिया के तौर पर नया प्रदेश अध्यक्ष मिला है.
यूथ कांग्रेस का चुनाव वोटिंग सिस्टम के तहत किया गया था. 10 से 12 दिसंबर तक चले वोटिंग सिस्टम में एक लाख 11 हजार से ज्यादा युवा कांग्रेस के सदस्यों ने मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए ऑनलाइन पद्धति से वोटिंग की थी. युवा कांग्रेस के सदस्यों की संख्या तीन लाख के ऊपर है, चुनाव में करीब 35 फीसदी सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया था.
इन तीन दावेदारों पर सबकी नजर
इस चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया, पूर्व मंत्री लखन सिंह यादव के भतीजे संजय यादव और एनएसयूआई के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला.
विधानसभा अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष के लिए डाले गए थे वोट
एक युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को 5 वोट डालने का अधिकार था, 2 वोट प्रदेश कार्यकारिणी, दो जिला कार्यकारिणी और एक वोट विधानसभा के लिए. फिलहाल सबकी नजरें चुनाव परिणामों पर थी, साफ हो गया कि यूथ कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया होंगे.
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वोटिंग के बाद उम्मीदवारों में थी नाराजगी
मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव में मतदान के बाद और वोटिंग से पहले वोट रद्द करने के नियम जारी होने को लेकर युवा कांग्रेस के सदस्यों और उम्मीदवारों में जमकर नाराजगी थी. उम्मीदवारों ने इसे सुनियोजित एजेंडे का हिस्सा बताया था. उम्मीदवारों ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि 50% सदस्यों को मतदान का अवसर नहीं मिला. उनकी मांग थी कि हर उम्मीदवार को कहां से कितने वोट प्राप्त हुए हैं, यह जानने का अधिकार है.
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मतदान के बाद जारी हुए वोट रद्द करने के नियम
मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विवेक त्रिपाठी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मंगलवार को युवा कांग्रेस के अधिकृत व्हाट्सएप ग्रुप पर एक संदेश डाला गया था. संदेश में मतदान के 3 दिन बाद वोट रद्द करने के नियम जारी किए गए हैं. जिसके कारण युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नाराजगी का भाव उत्पन्न हुआ है. कार्यकर्ताओं का कहना था कि चुनाव की प्रक्रिया को शुरू हुए 3 साल से ज्यादा हो चुके हैं. जब चुनाव परिणाम आने वाले हैं, उसके पहले हमें तुगलकी आदेश प्राप्त होता है. जिसमें अव्यावहारिक बातों का ज्यादा उल्लेख है.