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कोरोना से जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों को नहीं मिल रही सुरक्षा किट, जताई नाराजगी

कोरोना वायरस से स्वास्थ्यकर्मी लगातार जंग लड़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते यही कर्मचारी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.

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Published : Apr 6, 2020, 6:45 PM IST

Resentment among health workers for not getting quality personal safety kit
कोरोना से जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों को नहीं मिल रही सुरक्षा किट

भोपाल। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से लेकर मैदानी अमला तक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया है. इन परिस्थितियों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर,स्टाफ, नर्सेज और पैरामेडिकल के कर्मचारी दिन-रात सेवाएं दे रहे हैं. दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी उपकरण और मास्क, सेनिटाइजर के अलावा पीपीई किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है. इस बात को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है.


मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ और स्वास्थ्य समिति के प्रांतीय संयोजक लक्ष्मी नारायण शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस में मरीजों की सेवा कर रहे स्वास्थ्य अमले विशेषकर चिकित्सक, स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को निजी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. जिन्हें उपलब्ध कराए गए हैं, वे भी गुणवत्ताविहीन हैं. जिसके कारण संक्रमितों का उपचार करने में स्वास्थ्य अमले को परेशानी और चिंता का सामना करना पड़ रहा है. संघ ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर निवेदन किया है कि स्वास्थ्य अमले को पीपीई किट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराई जाए. साथ ही सेनिटाइजर और मास्क भी उत्तम गुणवत्ता के साथ उपलब्ध कराए जाएं. जिससे स्वास्थ्यकर्मी पीड़ित मानवता की सेवा बिना किसी परेशानी और चिंता के कर सकें. संघ ने छिंदवाड़ा जिले में स्टाफ नर्स द्वारा किए गए आंदोलन का भी समर्थन किया है और सरकार से इन मांगों पर शीघ्र विचार कर पूर्ति करने का अनुरोध किया है.


राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायण शर्मा का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मचारी स्टाफ नर्स पैरामेडिकल अपनी जान पर खेलकर कोरोना महामारी में दिन-रात सेवाएं दे रहे हैं. चिंता का विषय है कि लगातार स्वास्थ्य कर्मियों के पीड़ित होने की संख्या में वृद्धि हो रही है. हमारे अनेक कर्मचारी कोरोना से पीडित हो रहे हैं. इसका प्रमुख कारण यह है कि इनको अभी तक पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट नहीं मिल पाई है. प्रदेश में 40 से 50 हजार किट की आवश्यकता है, जबकि सरकार अभी तक सिर्फ 20 से 25 हजार किट उपलब्ध करा पाई है. अनेक कर्मचारियों ने शिकायत की है कि जो किट दी गई है, वह गुणवत्ताविहीन है. जिसकी वजह से कर्मचारी तनाव में हैं. हमने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित किया है. जिसमें मांग की है कि प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मचारियों, स्टाफ नर्स और चिकित्सकों को पर्याप्त मात्रा में मास्क,सेनिटाइजर और निजी सुरक्षा किट उपलब्ध कराई जाए.

भोपाल। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से लेकर मैदानी अमला तक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया है. इन परिस्थितियों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर,स्टाफ, नर्सेज और पैरामेडिकल के कर्मचारी दिन-रात सेवाएं दे रहे हैं. दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी उपकरण और मास्क, सेनिटाइजर के अलावा पीपीई किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है. इस बात को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है.


मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ और स्वास्थ्य समिति के प्रांतीय संयोजक लक्ष्मी नारायण शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस में मरीजों की सेवा कर रहे स्वास्थ्य अमले विशेषकर चिकित्सक, स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को निजी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. जिन्हें उपलब्ध कराए गए हैं, वे भी गुणवत्ताविहीन हैं. जिसके कारण संक्रमितों का उपचार करने में स्वास्थ्य अमले को परेशानी और चिंता का सामना करना पड़ रहा है. संघ ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर निवेदन किया है कि स्वास्थ्य अमले को पीपीई किट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराई जाए. साथ ही सेनिटाइजर और मास्क भी उत्तम गुणवत्ता के साथ उपलब्ध कराए जाएं. जिससे स्वास्थ्यकर्मी पीड़ित मानवता की सेवा बिना किसी परेशानी और चिंता के कर सकें. संघ ने छिंदवाड़ा जिले में स्टाफ नर्स द्वारा किए गए आंदोलन का भी समर्थन किया है और सरकार से इन मांगों पर शीघ्र विचार कर पूर्ति करने का अनुरोध किया है.


राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायण शर्मा का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मचारी स्टाफ नर्स पैरामेडिकल अपनी जान पर खेलकर कोरोना महामारी में दिन-रात सेवाएं दे रहे हैं. चिंता का विषय है कि लगातार स्वास्थ्य कर्मियों के पीड़ित होने की संख्या में वृद्धि हो रही है. हमारे अनेक कर्मचारी कोरोना से पीडित हो रहे हैं. इसका प्रमुख कारण यह है कि इनको अभी तक पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट नहीं मिल पाई है. प्रदेश में 40 से 50 हजार किट की आवश्यकता है, जबकि सरकार अभी तक सिर्फ 20 से 25 हजार किट उपलब्ध करा पाई है. अनेक कर्मचारियों ने शिकायत की है कि जो किट दी गई है, वह गुणवत्ताविहीन है. जिसकी वजह से कर्मचारी तनाव में हैं. हमने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित किया है. जिसमें मांग की है कि प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मचारियों, स्टाफ नर्स और चिकित्सकों को पर्याप्त मात्रा में मास्क,सेनिटाइजर और निजी सुरक्षा किट उपलब्ध कराई जाए.

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