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वर्क फ्रॉम होम से बिखर रहे परिवार, फ्रस्ट्रेशन से दांपत्य जीवन में बढ़ी दूरियां

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Published : Aug 7, 2020, 10:30 PM IST

कोरोना संक्रमण के बीच ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. वहीं ऐसे में कई ऐसे मामले भी समाने आ रहे हैं, जिनमें वर्क फ्रॉम होम के चलते पनपे फ्रस्ट्रेशन से दंपति जीवन में दूरियां आ रही हैं. इसी को लेकर फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी ने ईटीवी भारत को बताया कि आखिर इस स्थिति के पीछे क्या कारण है.

The dimensions of relationship change due to work from home
वर्क फ्रॉम होम के चलते बिखर रहे रिश्ते

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन को आज पांच महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है. ऐसे में लोगों का जीने का तरीका भी बदल गया है. लोग अब घरों में रहकर फ्रस्ट्रेट होने लगे हैं और अपने ही परिवार से दूरियां बनाने लगे हैं. लॉकडाउन में जहां ऐसे मामले भी सामने आए कि लोगों ने आपदा को अवसर बनाया और तरह-तरह की गतिविधियों में शामिल होकर परिवार के साथ सुखद समय बिताया.

वर्क फ्रॉम होम के चलते बिखर रहे रिश्ते

तो अब इस तरह के भी मामले सामने आ रहे हैं, जहां घर में रहकर रोज एक ही काम करके लोग फ्रस्ट्रेट हो रहे हैं. यही वजह है कि लोग अब इस वातावरण से दूर जाना चाहते हैं और अपने आप को एकांत में वक्त देना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन की मजबूरी के चलते वे मजबूर हैं.

राजधानी के फैमिली कोर्ट में इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं. जहां लॉकडाउन के चलते पति-पत्नी अपनी प्रोफेशनल लाइफ से दूर घरेलू जीवन बिता रहे हैं. ऐसे में रोज-रोज एक ही काम करके फ्रस्टेशन बढ़ने लगा है. ऐसे में पति पत्नी एक दूसरे से ही दूर होने लगे हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि फैमिली कोर्ट में इस तरह के मामले पहले कभी इतनी तेजी से नहीं बढ़े जितने कि अब सामने आ रहे हैं.

फैमिली कोर्ट में 13 मामले

फैमिली कोर्ट में हाल ही में ऐसे लगभग 13 मामलों की सुनवाई चल रही है, जहां दंपति अपनी असल जिंदगी छोड़ बैराग्य की दुनिया में चले गए हैं और संन्यास लेकर घर में ही अपने परिवार से दूर रहने लगे हैं. इस तरह के मामलों में ज्यादातर दंपति प्रोफेशनल हैं, जहां पत्नी भी जॉब करती है और पति भी, लेकिन लॉकडाउन में जब काम करने को कुछ नहीं था तो लोग टीवी, मोबाइल और धार्मिक गतिविधियों से जुड़ने लगे और उसमें इतना ज्यादा लीन हो गए कि अपने ही परिवार से दूरियां बनाने लगे.

25 साल वैवाहिक जीवन फिर लिया सन्यास

फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि इस तरह तीन मामले ऐसे हैं, जहां पति ने शादी के 15 और कहीं 25 साल बाद वैवाहिक जीवन से सन्यास ले लिया और अपने ही घर में छोटी सी दुनिया बनाकर रहने लगे. जिसके बाद परेशान परिवार और पत्नी ने फैमिली कोर्ट के दरवाजे खटखटाए और मामले की सुनवाई करवाई.

घर में लड़ाई झगडे़े का माहौल

कोर्ट में चल रहे तरह के अजीबों-गरीब मामले निकलकर सामने आए. वहीं 13 ऐसे मामलों पर काउंसिलिंग चल रही है, जहां पति-पत्नी जब परिवार के साथ रह रहे हैं. तो हर दिन एक ही काम कर रहे हैं. पत्नी खासतौर पर सास-ससुर बच्चों की जिम्मेदारी संभाल रही है. जॉब छोड़कर घर के काम कर रही है. तो ऐसे में वो अपने इस जीवन से फ्रस्ट्रेट हो कर घर में लड़ाई झगड़े का माहौल पैदा कर रही हैं, जिससे बच्चों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है.

बिखर रहे परिवार

अब लड़ाई झगड़े इस हद तक बढ़ रहे हैं कि तलाक के लिए दंपति पिटीशन फाइल कर रहे हैं. इन बढ़ते मामलों की वजह यही है कि लॉकडाउन में किसी की नौकरी चली गई तो कोई आधी सैलरी पर काम कर रहा है. ऐसे में आर्थिक तंगी, पति का शराब का सेवन करना और पत्नी का घर परिवार के चलते अपने पति पर ध्यान ना देना ऐसे तमाम कारणों की वजह से ऐसे मामले बढ़ रहे हैं, जिससे हंसता खेलता परिवार बिखर रहा है और इस तरह के मामलों का तेजी से बढ़ना समाज के लिए भी चिंताजनक है.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन को आज पांच महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है. ऐसे में लोगों का जीने का तरीका भी बदल गया है. लोग अब घरों में रहकर फ्रस्ट्रेट होने लगे हैं और अपने ही परिवार से दूरियां बनाने लगे हैं. लॉकडाउन में जहां ऐसे मामले भी सामने आए कि लोगों ने आपदा को अवसर बनाया और तरह-तरह की गतिविधियों में शामिल होकर परिवार के साथ सुखद समय बिताया.

वर्क फ्रॉम होम के चलते बिखर रहे रिश्ते

तो अब इस तरह के भी मामले सामने आ रहे हैं, जहां घर में रहकर रोज एक ही काम करके लोग फ्रस्ट्रेट हो रहे हैं. यही वजह है कि लोग अब इस वातावरण से दूर जाना चाहते हैं और अपने आप को एकांत में वक्त देना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन की मजबूरी के चलते वे मजबूर हैं.

राजधानी के फैमिली कोर्ट में इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं. जहां लॉकडाउन के चलते पति-पत्नी अपनी प्रोफेशनल लाइफ से दूर घरेलू जीवन बिता रहे हैं. ऐसे में रोज-रोज एक ही काम करके फ्रस्टेशन बढ़ने लगा है. ऐसे में पति पत्नी एक दूसरे से ही दूर होने लगे हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि फैमिली कोर्ट में इस तरह के मामले पहले कभी इतनी तेजी से नहीं बढ़े जितने कि अब सामने आ रहे हैं.

फैमिली कोर्ट में 13 मामले

फैमिली कोर्ट में हाल ही में ऐसे लगभग 13 मामलों की सुनवाई चल रही है, जहां दंपति अपनी असल जिंदगी छोड़ बैराग्य की दुनिया में चले गए हैं और संन्यास लेकर घर में ही अपने परिवार से दूर रहने लगे हैं. इस तरह के मामलों में ज्यादातर दंपति प्रोफेशनल हैं, जहां पत्नी भी जॉब करती है और पति भी, लेकिन लॉकडाउन में जब काम करने को कुछ नहीं था तो लोग टीवी, मोबाइल और धार्मिक गतिविधियों से जुड़ने लगे और उसमें इतना ज्यादा लीन हो गए कि अपने ही परिवार से दूरियां बनाने लगे.

25 साल वैवाहिक जीवन फिर लिया सन्यास

फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि इस तरह तीन मामले ऐसे हैं, जहां पति ने शादी के 15 और कहीं 25 साल बाद वैवाहिक जीवन से सन्यास ले लिया और अपने ही घर में छोटी सी दुनिया बनाकर रहने लगे. जिसके बाद परेशान परिवार और पत्नी ने फैमिली कोर्ट के दरवाजे खटखटाए और मामले की सुनवाई करवाई.

घर में लड़ाई झगडे़े का माहौल

कोर्ट में चल रहे तरह के अजीबों-गरीब मामले निकलकर सामने आए. वहीं 13 ऐसे मामलों पर काउंसिलिंग चल रही है, जहां पति-पत्नी जब परिवार के साथ रह रहे हैं. तो हर दिन एक ही काम कर रहे हैं. पत्नी खासतौर पर सास-ससुर बच्चों की जिम्मेदारी संभाल रही है. जॉब छोड़कर घर के काम कर रही है. तो ऐसे में वो अपने इस जीवन से फ्रस्ट्रेट हो कर घर में लड़ाई झगड़े का माहौल पैदा कर रही हैं, जिससे बच्चों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है.

बिखर रहे परिवार

अब लड़ाई झगड़े इस हद तक बढ़ रहे हैं कि तलाक के लिए दंपति पिटीशन फाइल कर रहे हैं. इन बढ़ते मामलों की वजह यही है कि लॉकडाउन में किसी की नौकरी चली गई तो कोई आधी सैलरी पर काम कर रहा है. ऐसे में आर्थिक तंगी, पति का शराब का सेवन करना और पत्नी का घर परिवार के चलते अपने पति पर ध्यान ना देना ऐसे तमाम कारणों की वजह से ऐसे मामले बढ़ रहे हैं, जिससे हंसता खेलता परिवार बिखर रहा है और इस तरह के मामलों का तेजी से बढ़ना समाज के लिए भी चिंताजनक है.

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