भोपाल। 'सांड की आंख' फिल्म जिन दादियों पर आधारित है वह दादी भोपाल पहुंची. दादी ने इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपने जिंदगी कुछ खास पलों को साझा किया. दादी ने बताया कि पहले लोग उनका मजाक उड़ाते थे और शूटिंग करने के लिए मना करते थे, लेकिन आज के समय वह एक नेशनल विनर बन चुकी हैं. उन्होंने बताया कि वह पहले अपनी बेटी और पोती को शूटिंग की प्रैक्टिश के लिए लेकर जाती थी.
एक दिन उन्होंने खुद बंदूक चलाई और निशाना बिल्कुल सही लगा. इसके बाद वह कोच की मदद से इसनी आगे पहुंची. दादी का कहना है कि कभी भी डरना नहीं चाहिए. बस आगे बढ़ते रहना चाहिए और परिवार वालों को भी अपनी बेटियों को आगे बढ़ने देना चाहिए.