भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दागी कर्मचारी का संरक्षण करने के बजाए तत्काल मामले की जांच करानी चाहिए, ताकि परीक्षार्थियों का भविष्य सुरक्षित हो. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में दूसरा व्यापमं घोटाला होने की आशंकाएं समाप्त की जानी चाहिए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जारी बयान में यह बात कही. उन्होंने कहा कि आरोपी अधिकारी पर कार्रवाई करने की जगह घोटाले को उजागर करने वाले कांग्रेसी नेता और विसल ब्लोअर पर एफआइआर कराई जा रही है. यह सरासर कानून का उल्लंघन है और प्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की नीति का परिचायक है.
यह चोरी और सीनाजोरी का मामला है : कमलनाथ ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है. कमलनाथ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि मप्र प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 यदि ऑनलाइन थी. मोबाइल फ़ोन पूरी तरह वर्जित थे तो 35 पेज का प्रश्नपत्र, आंसरशीट मोबाइल के स्क्रीनशॉट में लीक कैसे हुई. कमलनाथ ने कहा कि गत वर्ष कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा में भी अनियमितताओं, भ्रष्टाचार के चलते हुए चयन के प्रामाणिक विरोध के बाद परीक्षा रद्द हुई थी. क्या मुख्यमंत्री जी बताएंगे कि उसमें मुख्य सूत्रधार दंडित हो सके हैं. कमलनाथ ने कहा कि व्यापमं घोटाले के समय भी मुख्यमंत्री से जुड़े एक प्रमुख अधिकारी का नाम सामने आया था. उस अधिकारी ने जिला कोर्ट भोपाल से अग्रिम जमानत ली थी, लेकिन उसके बाद क्या कार्रवाई हुई.
मामले की निष्पक्ष जांच करें सीएम शिवराज : कमलनाथ ने कहा कि इस तरह के घोटालों के कारण ना सिर्फ छात्रों के भविष्य अंधकारमय हो जाता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की छवि को दाग लगता है. जिस तरह से व्यापम घोटाले और अब वर्तमान व्यापम 2 घोटाले में मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों पर ही उंगलियां उठ रही हैं, उसमें सबसे पहली जरूरत यह है कि मुख्यमंत्री दागी कर्मचारी को तत्काल निलंबित करें और मामले की निष्पक्ष जांच कराएं. कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेसी नेता केके मिश्रा पर लगाए गए तमाम मुकदमे तुरंत हटाए जाएं. उन्होंने जो गंभीर सवाल उठाए हैं, उन पर तुरंत कार्रवाई की जाए और प्रदेश के रोजगार बेरोजगारों को पारदर्शी तरीके से नौकरियां दी जाएं. (CM kamalnath appeal to CM shivraj) (Stop second Vyapam scam in MP)