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रेप केस, नामांकन और विजयवर्गीय! अपील निरस्त होने पर बौखलाई कांग्रेस, बोली-चुनाव आयोग और कोर्ट में करेंगे शिकायत - Rape Case Against Vijayvargiya In West Bengal

Vijayvargiya Hide Rape Case: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. जिला निर्वाचन आयोग द्वारा बीती शाम विजयवर्गीय को राहत दी गई. वहीं अब कांग्रेस कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव आयोग और हाई कोर्ट में जाने वाले हैं. बता दें कांग्रेस का आरोप है विजयवर्गीय ने नामांकन में रेप केस की जानकारी छुपाई है.

Kailash Vijayvargiya
कैलाश विजयवर्गीय
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 5:46 PM IST

कांग्रेस का विजयवर्गीय पर आरोप

भोपाल। कांग्रेस ने बीजेपी के दिग्गज नेता व इंदौर की 1 नंबर विधानसभा से बीजेपी उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय पर सनसनीखेज आरोप लगाया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने आरोप लगाया है कि "कैलाश विजयवर्गीय द्वारा प्रस्तुत किए गए नामांकन में उनके खिलाफ दर्ज हुए सामूहिक बलात्कार की जानकारी छुपाई गई है. कांग्रेस ने शपथ पत्र में आपराधिक प्रकरण छुपाने की शिकायत भी जिला निर्वाचन अधिकारी से की गई, लेकिन राजनीतिक दवाब के चलते कांग्रेस की आपत्ति को खारिज कर दिया गया. कांग्रेस इस मामले की चुनाव आयोग को शिकायत करेगा और कोर्ट भी जाएगी.

कांग्रेस बोली कोर्ट के आदेश पर हुई थी FIR: केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि "महिला ने पश्चिम बंगाल के सीजेएमसी कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत कर कैलाश विजयवर्गीय और उनके मित्र प्रदीप जोशी और जिणु बसु पर सामूहिक बलात्कार के आरोप लगाए थे. महिला की शिकायत पर सुनवाई के बाद शिकायत को खारिज कर दिया गया. बाद में महिला ने उच्च न्यायालय में इसे चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए अधीनस्थ कोर्ट ने थाना बिलाला को मामले में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच करने के आदेश दिए थे.

कोर्ट के आदेश पर बिलाला थाना पुलिस ने कैलाश विजयवर्गीय, प्रदीप जोशी और जिष्णु बसु के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया था. केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि इस मामले की कैलाश विजयवर्गीय को जानकारी है, क्योंकि प्रकरण को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी ने अपने नामांकन पत्र में इस तथ्य को छुपाया. कांग्रेस ने इसकी शिकायत भी की, लेकिन बीजेपी के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि इंदौर के जिला निर्वाचन अधिकारी बीजेपी के दबाव में उनके एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं.

यदि इस तरह अन्य प्रत्याशी ने किया होता तो उसका नामांकन ही निरस्त कर दिया जाता. केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि कैलाश विजयवर्गीय छत्तीसगढ़ की दुर्ग कोर्ट के फरार आरोपी भी हैं. वहां के तत्कालीन महाधिवक्ता कनक तिवारी द्वारा लगाए गए मानहानी के मामले में कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित किया है. विजयवर्गीय ने इसकी जानकारी भी नामांकन में नहीं दी है.

यहां पढ़ें...

नामांकन में यह लिखा कैलाश विजयवर्गीय ने: कैलाश विजयवर्गीय ने अपने नामांकन पत्र में पश्चिम बंगाल के पांच मामलों की जानकारी दी है. बचे हुए मामलों को लेकर नामांकन में लिखा गया है कि वे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रहते हुए विभिन्न प्रदेशों में चुनावी दौरे करते हैं. राजनीतिक वैमनस्यता से कोई जांच प्रचलित हो, जिसकी सूचना संबंधित विभाग ने मुझे नहीं दी. इसके लंबित होने की संभावना हो सकती है.

कांग्रेस का विजयवर्गीय पर आरोप

भोपाल। कांग्रेस ने बीजेपी के दिग्गज नेता व इंदौर की 1 नंबर विधानसभा से बीजेपी उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय पर सनसनीखेज आरोप लगाया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने आरोप लगाया है कि "कैलाश विजयवर्गीय द्वारा प्रस्तुत किए गए नामांकन में उनके खिलाफ दर्ज हुए सामूहिक बलात्कार की जानकारी छुपाई गई है. कांग्रेस ने शपथ पत्र में आपराधिक प्रकरण छुपाने की शिकायत भी जिला निर्वाचन अधिकारी से की गई, लेकिन राजनीतिक दवाब के चलते कांग्रेस की आपत्ति को खारिज कर दिया गया. कांग्रेस इस मामले की चुनाव आयोग को शिकायत करेगा और कोर्ट भी जाएगी.

कांग्रेस बोली कोर्ट के आदेश पर हुई थी FIR: केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि "महिला ने पश्चिम बंगाल के सीजेएमसी कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत कर कैलाश विजयवर्गीय और उनके मित्र प्रदीप जोशी और जिणु बसु पर सामूहिक बलात्कार के आरोप लगाए थे. महिला की शिकायत पर सुनवाई के बाद शिकायत को खारिज कर दिया गया. बाद में महिला ने उच्च न्यायालय में इसे चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए अधीनस्थ कोर्ट ने थाना बिलाला को मामले में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच करने के आदेश दिए थे.

कोर्ट के आदेश पर बिलाला थाना पुलिस ने कैलाश विजयवर्गीय, प्रदीप जोशी और जिष्णु बसु के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया था. केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि इस मामले की कैलाश विजयवर्गीय को जानकारी है, क्योंकि प्रकरण को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी ने अपने नामांकन पत्र में इस तथ्य को छुपाया. कांग्रेस ने इसकी शिकायत भी की, लेकिन बीजेपी के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि इंदौर के जिला निर्वाचन अधिकारी बीजेपी के दबाव में उनके एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं.

यदि इस तरह अन्य प्रत्याशी ने किया होता तो उसका नामांकन ही निरस्त कर दिया जाता. केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि कैलाश विजयवर्गीय छत्तीसगढ़ की दुर्ग कोर्ट के फरार आरोपी भी हैं. वहां के तत्कालीन महाधिवक्ता कनक तिवारी द्वारा लगाए गए मानहानी के मामले में कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित किया है. विजयवर्गीय ने इसकी जानकारी भी नामांकन में नहीं दी है.

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नामांकन में यह लिखा कैलाश विजयवर्गीय ने: कैलाश विजयवर्गीय ने अपने नामांकन पत्र में पश्चिम बंगाल के पांच मामलों की जानकारी दी है. बचे हुए मामलों को लेकर नामांकन में लिखा गया है कि वे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रहते हुए विभिन्न प्रदेशों में चुनावी दौरे करते हैं. राजनीतिक वैमनस्यता से कोई जांच प्रचलित हो, जिसकी सूचना संबंधित विभाग ने मुझे नहीं दी. इसके लंबित होने की संभावना हो सकती है.

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