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रंग पंचमी पर कोरोना का ग्रहण, नहीं निकाली जाएगी महाकाल की गेर

इस बार रंग पंचमी पर बाबा महाकाल मंदिर में गेर नहीं निकाली जाएगी. ये फैसला कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लिया गया है. मंदिर में केवल ध्वज पूजन होगा.

Rang Panchami of Baba Mahakal in Ujjain
महाकाल की रंग पंचमी
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Published : Apr 1, 2021, 10:47 PM IST

भोपाल। चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी पर खेली जाने वाली रंग पंचमी इस बार सबसे अलग होगी. क्योंकि कोरोना ने इस रंग पंचमी पर ग्रहण लगा दिया है. इस बार मंदिर में गेर नहीं निकाली जाएगी. साथ ही भीड़ भी नहीं रहेगी. ये फैसला महाकाल मंदिर के पुजारी व पुरोहितों ने लिया है.

  • महाकाल मंदिर से नहीं निकाली जाएगी गेर

महाकाल मंदिर के प्रांगण में ही परंपरागत रूप से ध्वज पूजन किया जाएगा. पुजारी और पुरोहितों ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव और प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए आयोजन किया जाएगा. हर साल की तरह इस बार महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह समिति के तत्वावधान में रंगपंचमी की शाम गेर नहीं निकालते हुए केवल मंदिर में ही पूजन-अर्चन कर परंपरा का निर्वहन किया जाएगा. पूजन के दौरान सभी पुजारी, पुरोहित मास्क लगाकर रहेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरुरी होगा.

  • कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है रंग पंचमी

चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी पर खेली जाने वाली रंग पंचमी देवी-देवताओं का आह्वान करने के लिए होती है. विशेष तौर पर यह सात्विक पूजा और मंत्र जाप का दिन होता है. रंग पंचमी पर पवित्र मन से पूजा पाठ करने पर देवी देवता स्वयं आपको आशीर्वाद देने चले आते है. नवग्रहों में से किसी भी ग्रह की पीड़ा को इस दिन बहुत आसानी से खत्म किया जा सकता है. कुंडली के बड़े से बड़े दोष भी इस दिन पूजा पाठ से कम हो जाते हैं. इस बार रंग पंचमी 2 अप्रैल को मनाई जा रही है.

कोरोना का कहर: महाकाल मंदिर में फिर कम की गई श्रद्धालुओं की संख्या

  • रंग पंचमी पर कलेक्टर करेंगे पूजा

महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि शुक्रवार को गोधूलि बेला में कलेक्टर सभामंडप में भगवान महाकाल के सेनापति वीरभद्र का पूजन करेंगे. इसके बाद ध्वज लेकर कोटितीर्थ की परिक्रमा करते हुए मंदिर परिसर में होलिका पूजन स्थल पहुंचने के बाद सभा मंडप में पहुंचेंगे. इसी के साथ परंपरा का निर्वहन किया जाएगा.

  • पूजा का शुभ मुहूर्त :02 अप्रैल 2021

सुबह का मुहूर्त : 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक

दोपहर का मुहूर्त : 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक

शाम का मुहूर्त : 07 बजकर 31 मिनट से रात्रि 09 बजे तक

बता दें कि रंगपंचमी के दिन सूखे गुलाल के साथ रंग खेला जाता है. साथ ही इस दिन विशेष प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं. दोस्तों और रिश्तेदारों को भी दावत दी जाती है. हिन्दू धर्म में इस पर्व को बहुत उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है. लेकिन इस साल कोरोना ने इस पर्व पर ग्रहण डाल दिया है.

भोपाल। चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी पर खेली जाने वाली रंग पंचमी इस बार सबसे अलग होगी. क्योंकि कोरोना ने इस रंग पंचमी पर ग्रहण लगा दिया है. इस बार मंदिर में गेर नहीं निकाली जाएगी. साथ ही भीड़ भी नहीं रहेगी. ये फैसला महाकाल मंदिर के पुजारी व पुरोहितों ने लिया है.

  • महाकाल मंदिर से नहीं निकाली जाएगी गेर

महाकाल मंदिर के प्रांगण में ही परंपरागत रूप से ध्वज पूजन किया जाएगा. पुजारी और पुरोहितों ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव और प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए आयोजन किया जाएगा. हर साल की तरह इस बार महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह समिति के तत्वावधान में रंगपंचमी की शाम गेर नहीं निकालते हुए केवल मंदिर में ही पूजन-अर्चन कर परंपरा का निर्वहन किया जाएगा. पूजन के दौरान सभी पुजारी, पुरोहित मास्क लगाकर रहेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरुरी होगा.

  • कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है रंग पंचमी

चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी पर खेली जाने वाली रंग पंचमी देवी-देवताओं का आह्वान करने के लिए होती है. विशेष तौर पर यह सात्विक पूजा और मंत्र जाप का दिन होता है. रंग पंचमी पर पवित्र मन से पूजा पाठ करने पर देवी देवता स्वयं आपको आशीर्वाद देने चले आते है. नवग्रहों में से किसी भी ग्रह की पीड़ा को इस दिन बहुत आसानी से खत्म किया जा सकता है. कुंडली के बड़े से बड़े दोष भी इस दिन पूजा पाठ से कम हो जाते हैं. इस बार रंग पंचमी 2 अप्रैल को मनाई जा रही है.

कोरोना का कहर: महाकाल मंदिर में फिर कम की गई श्रद्धालुओं की संख्या

  • रंग पंचमी पर कलेक्टर करेंगे पूजा

महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि शुक्रवार को गोधूलि बेला में कलेक्टर सभामंडप में भगवान महाकाल के सेनापति वीरभद्र का पूजन करेंगे. इसके बाद ध्वज लेकर कोटितीर्थ की परिक्रमा करते हुए मंदिर परिसर में होलिका पूजन स्थल पहुंचने के बाद सभा मंडप में पहुंचेंगे. इसी के साथ परंपरा का निर्वहन किया जाएगा.

  • पूजा का शुभ मुहूर्त :02 अप्रैल 2021

सुबह का मुहूर्त : 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक

दोपहर का मुहूर्त : 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक

शाम का मुहूर्त : 07 बजकर 31 मिनट से रात्रि 09 बजे तक

बता दें कि रंगपंचमी के दिन सूखे गुलाल के साथ रंग खेला जाता है. साथ ही इस दिन विशेष प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं. दोस्तों और रिश्तेदारों को भी दावत दी जाती है. हिन्दू धर्म में इस पर्व को बहुत उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है. लेकिन इस साल कोरोना ने इस पर्व पर ग्रहण डाल दिया है.

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