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शपथ से पहले चोटिल हुए राजेंद्र शुक्ला, तुरंत ले जाया गया अस्पताल, जानें क्या है पूरा मामला

Rajendra Shukla Injured: एमपी में शपथ ग्रहण समारोह से पहले राजेंद्र शुक्ला चोटिल हो गए थे. उनके कंधे पर चोट आई है. राजेंद्र शुक्ला को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. जहां उनका इलाज किया गया.

Rajendra Shukla injured
समर्थकों से मिलते राजेंद्र शुक्ला
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 13, 2023, 6:29 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में बुधवार को बड़े ही धूमधाम से शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. जबकि राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह से पहले बड़ी घटना सामने आई है. जहां शपथ से पहले राजेंद्र शुक्ला घायल हो गए थे. यह खबर सामने आने के बाद से ही हड़कंप मच गया था.

राजेंद्र शुक्ला हुए चोटिल: जानकारी के मुताबिक राजेंद्र शुक्ला के डिप्टी सीएम बनने की खबर सुनते ही उनके समर्थक उत्साहित थे. शपथ से पहले बड़ी संख्या में समर्थक उनके घर पहुंचे. जहां फूलों की माला पहनाकर वे राजेंद्र शुक्ला को बधाई दे रहे थे. इसी बीच भीड़ होने और धक्का मुक्की में राजेंद्र शुक्ला घायल हो गए. उनके कंधे में मामूली चोट आई. जिसके बाद प्राथमिक इलाज के लिए उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. जहां उनके कंधे की चोट का इलाज किया गया.

शिवराज कैबिनेट विस्तार में मिली थी जगह: बता दें विंध्य की राजनीति में बेहद ताकतवर राजेंद्र शुक्ला को शिवराज सिंह की आखिर में कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद से नवाजा गया था. राजेंद्र शुक्ला का राजनीतिक करियर 1986 में शुरू हुआ था. मध्य प्रदेश में सोमवार को नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हुआ था. इसके साथ ही दो उप मुख्यमंत्रियों के नाम का भी ऐलान हुआ. जिनमें राजेंद्र शुक्ला का नाम भी शामिल था. राजेंद्र शुक्ला मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र से आते हैं. वे विध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता और बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं.

Rajendra Shukla injured
राजेंद्र शुक्ला

शुक्ला शिवराज के माने जाते हैं करीबी: इसके साथ ही शुक्ला को शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी माना जाता है. सियासी दांव पेंच में माहिर शुक्ला की पकड़ विंध्य की राजनीति में बेहद मजबूत मानी जाती है. विंध्य की राजनीति को साधने के लिए शिवराज कैबिनेट में राजेंद्र शुक्ला शामिल रहे हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में रीवा सीट से जीतकर राजेंद्र शुक्ला लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं.

राजेंद्र शुक्ला का सियासी सफर: राजेंद्र शुक्ला का राजनीतिक सफर 1986 में शुरू हुआ. जब वह अपनी पढ़ाई के दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद उन्होंने 1998 के विधानसभा चुनाव में विधायकी के लिए पहली बार अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन वे 1394 वोटों के करीबी अंतर से चुनाव हार गए.

पहली ही बार में मंत्री पद से नवाजा गया: 2003 में राजेंद्र शुक्ला एक बार फिर चुनावी मैदान मैदान में उतरे और उन्होंने 1998 की हार का बदला लेते हुए तत्कालीन विधायक पुष्पराज सिंह को हराया. पहली बार विधायक बने शुक्ला को अपने पहले ही कार्यकाल में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया. उन्हें मध्य प्रदेश सरकार में आवास और पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद मिला.

यहां पढ़ें...

इसके बाद 2008 विधानसभा चुनाव में राजेंद्र शुक्ला ने एक बार फिर जीत हासिल की और उन्हें इस बार ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय सौंपकर प्रमोट किया गया. फिर 2023 में उनको जनसंपर्क विभाग का जिम्मा दिया गया. बीजेपी की ये कवायद विंध्य में मिली जीत की थी, विंध्य में ब्राह्मणों का वर्चस्व है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में बुधवार को बड़े ही धूमधाम से शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. जबकि राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह से पहले बड़ी घटना सामने आई है. जहां शपथ से पहले राजेंद्र शुक्ला घायल हो गए थे. यह खबर सामने आने के बाद से ही हड़कंप मच गया था.

राजेंद्र शुक्ला हुए चोटिल: जानकारी के मुताबिक राजेंद्र शुक्ला के डिप्टी सीएम बनने की खबर सुनते ही उनके समर्थक उत्साहित थे. शपथ से पहले बड़ी संख्या में समर्थक उनके घर पहुंचे. जहां फूलों की माला पहनाकर वे राजेंद्र शुक्ला को बधाई दे रहे थे. इसी बीच भीड़ होने और धक्का मुक्की में राजेंद्र शुक्ला घायल हो गए. उनके कंधे में मामूली चोट आई. जिसके बाद प्राथमिक इलाज के लिए उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. जहां उनके कंधे की चोट का इलाज किया गया.

शिवराज कैबिनेट विस्तार में मिली थी जगह: बता दें विंध्य की राजनीति में बेहद ताकतवर राजेंद्र शुक्ला को शिवराज सिंह की आखिर में कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद से नवाजा गया था. राजेंद्र शुक्ला का राजनीतिक करियर 1986 में शुरू हुआ था. मध्य प्रदेश में सोमवार को नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हुआ था. इसके साथ ही दो उप मुख्यमंत्रियों के नाम का भी ऐलान हुआ. जिनमें राजेंद्र शुक्ला का नाम भी शामिल था. राजेंद्र शुक्ला मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र से आते हैं. वे विध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता और बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं.

Rajendra Shukla injured
राजेंद्र शुक्ला

शुक्ला शिवराज के माने जाते हैं करीबी: इसके साथ ही शुक्ला को शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी माना जाता है. सियासी दांव पेंच में माहिर शुक्ला की पकड़ विंध्य की राजनीति में बेहद मजबूत मानी जाती है. विंध्य की राजनीति को साधने के लिए शिवराज कैबिनेट में राजेंद्र शुक्ला शामिल रहे हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में रीवा सीट से जीतकर राजेंद्र शुक्ला लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं.

राजेंद्र शुक्ला का सियासी सफर: राजेंद्र शुक्ला का राजनीतिक सफर 1986 में शुरू हुआ. जब वह अपनी पढ़ाई के दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद उन्होंने 1998 के विधानसभा चुनाव में विधायकी के लिए पहली बार अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन वे 1394 वोटों के करीबी अंतर से चुनाव हार गए.

पहली ही बार में मंत्री पद से नवाजा गया: 2003 में राजेंद्र शुक्ला एक बार फिर चुनावी मैदान मैदान में उतरे और उन्होंने 1998 की हार का बदला लेते हुए तत्कालीन विधायक पुष्पराज सिंह को हराया. पहली बार विधायक बने शुक्ला को अपने पहले ही कार्यकाल में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया. उन्हें मध्य प्रदेश सरकार में आवास और पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद मिला.

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इसके बाद 2008 विधानसभा चुनाव में राजेंद्र शुक्ला ने एक बार फिर जीत हासिल की और उन्हें इस बार ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय सौंपकर प्रमोट किया गया. फिर 2023 में उनको जनसंपर्क विभाग का जिम्मा दिया गया. बीजेपी की ये कवायद विंध्य में मिली जीत की थी, विंध्य में ब्राह्मणों का वर्चस्व है.

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