ETV Bharat / state

लगता है नमक का जायका, पीते ही कहेंगे वाह चाय, समां बहार हो जाये - BHOPAL SPECIAL SULEMANI TEA

चाय के शौकीनों के लिए दिलचस्प खबर है. मसाला,अदरक, लेमन वाली चाय तो बहुत पी होगी, लेकिन भोपाली नमक वाली चाय की बात अलग है.

Bhopal Famous Namak Wali Chai
सुलेमानी चाय की एक चुस्की देती है सुकून (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 22, 2024, 5:19 PM IST

Updated : Nov 22, 2024, 5:30 PM IST

BHOPAL SPECIAL SULEMANI TEA: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की तंग गलियों में सर्दियों की सुबह समां बहार चाय की चुस्कियां आंखे खोलती है. कहकहे और किस्सों के साथ चुस्कियों के दौर दिन चढ़ने तक चलते हैं. फिर कुछ देर भट्टी सुस्ताती है और फिर शाम को चाय के शौकीनों की जमात अलसाए दिन की सुस्ती मिटाते दिन ढलने से पहले फिर ठिए पर पहुंच जाती है. भोपाल में पहली बार ये नमक वाली चाय किसने बनाई. किसने किस्सा गो भोपालियों को चाय की लत लगाई.

किस्सों के शौकीन भोपाल में एक किस्सा ये भी है कि मशहूर शायर अल्लामा इकबाल की सोहबत में भोपालियों की चाय से मुलाकात हुई थी. जो अब लत में बदल चुकी है. इस चाय के कप तक पहुंचने का जो सफर है, वो भी बेहद दिलचस्प नल की टोंटी से कप में आई काली चाय में दूध के साथ मलाई मारी जाती है. फिर नमक वाली ये चाय परोसी जाती है.

भोपाल की सुलेमानी चाय का क्रेज (ETV Bharat)

समा बहार चाय, पुराने शहर की एक तस्दीक ये भी है

भोपाल का पुराना शहर केवल उसकी इमारतों रीति-रिवाजों और इतिहास में दबे किस्सों से ही नहीं जाना जाता है. पुराने भोपाल की तस्दीक का एक तरीका ये भी है कि भोपाल के इसी हिस्से में समां बहार चाय मिलती है. कोई एक खास दुकान तो नहीं है, लेकिन पुराने भोपाल के अलग-अलग हिस्सों में ये तय मानिए कि एक दुकान समा बहार चाय यानि सुलेमानी चाय की आपको मिल ही जाएगी. नमक वाली चाय के शौकीन फिर शहर के किसी हिस्से में हों, इस चाय से उठती भाप से खिंचे चले आते हैं.

Huge Crowd in Bhopal Nawabi Chai
नल की टोंटी से गिरती है चाय (ETV Bharat)

भोपाल के मंगलवारा जहांगीराबाद ये वो इलाके है, जहां खास तौर पर नमकीन चाय की पुरानी दुकानें हैं. जैसे सैय्यद अनस आए हैं. अनस बताते हैं कि 'गुजरे पंद्रह साल में मुश्किल से कोई ऐसी शाम गुजरी होगी. जब उन्होंने समा बहार चाय की चुस्की ना ली. वे कहते हैं, यूं समझ लीजिए जब तक ये चाय नहीं पी लेता हूं, मजा नहीं आता. दिन पूरा सा नहीं लगता.'

Famous Namak Wali Chai
भोपाल की नमक वाली चाय (ETV Bharat)

नवाबी अहसास के लिए भी तो पीते हैं चाय

यहीं चाय की चुस्कियों का मजा ले रहे मोहम्मद अय्यूब ने बताया कि 'वे 10 किलोमीटर दूर से रोज यहां केवल चाय पीने आते हैं. अय्यूब कहते हैं नवाबी दौर से इस चाय का चलन है. इसकी हर चीज खास रहती है, चाहे फिर दूध हो नमक हो. समा बहार में जो चाय खौलती है, उसके लिए तो हमने घर की चाय भी छोड़ दी है.' मोहम्मद आकिद बशीर तो लगातार 25 साल से इसी चाय को पी रहे हैं. कहते हैं, 'ये चाय पीने के बाद दिमाग खुल जाता है. यूं समझिए. दुनिया के किसी हिस्से में चले जाइए ये चाय आपको नहीं मिलेगी.'

नमकीन चाय की ब्रांच भी खुलने लगी हैं

अनस अली वो शख्सियत हैं, जो नवाबी दौर से इस नमकीन चाय के काम में हैं. अब तो शहर में इनकी ब्रांच भी खुलने लगी है. समय के बाद लोगों ने पुराने काम छोड़े, लेकिन अनस अली ने अपने खानदान के साथ इस परंपरा को बरकरार रखा है. अनस बहुत स्वाद लेकर बताते हैं कि 'इस चाय की खासियत ये है कि इसमें दूध अलग पकाया जाता है. काली चाय अलग पकाई जाती है. खास बात ये है कि इस चाय को बनाने में दूध भी तांबे के बर्तन में पकता है. अनस बताते हैं, ये काम छोड़ा नहीं, इस बात की तसल्ली तब होती है कि जब पिछले दिनों नागपुर के कुछ लोग पूछते हुए पुराने भोपाल तक आए कि उन्हें सुलेमानी चाय ही पीनी है.'

Huge Crowd in Bhopal Nawabi Chai
भोपाल की फेमस सुलेमानी चाय की चुस्की लेते लोग (ETV Bharat)

नल की टोंटी से गिरती है चाय

चाय का सफर भी बेहद दिलचस्प होता है. नल की टोंटी से चाय का पानी उतरता है, फिर उसी रफ्तार से उसमें दूध मिलाया जाता है. मलाई का तड़का देकर फिर तैयार हो जाती है गर्मा गर्म चाय. बाकी चुटकी भर नमक पहले ही पानी के साथ खौल चुका होता है.

अल्लामा इकबाल का भोपाली चाय से कनेक्शन

भोपाली किस्सों के साथ भोपाल के इतिहास के हिस्सों को बखूबी जानने वाले रफी शब्बीर बताते हैं कि 'कहा ये भी जाता है कि भोपाल चाय से पहले बावस्ता नहीं था. चाय का शौक भोपाल को मशहूर शायर अल्लामा इकबाल ने लगाया. वे आजादी से पहले जब भोपाल आए थे, तो अपने साथ चाय की पत्ती लेकर आए थे और उन्होने यहां चाय बनवाई. धीरे धीरे अंग्रेजों के आने के बाद ये चाय भोपालियों की जुबान पर चढ़ने लगी. पहले तो भोपाली गिलास भी नहीं कटोरे से दूध पिया करते थे.

BHOPAL SPECIAL SULEMANI TEA: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की तंग गलियों में सर्दियों की सुबह समां बहार चाय की चुस्कियां आंखे खोलती है. कहकहे और किस्सों के साथ चुस्कियों के दौर दिन चढ़ने तक चलते हैं. फिर कुछ देर भट्टी सुस्ताती है और फिर शाम को चाय के शौकीनों की जमात अलसाए दिन की सुस्ती मिटाते दिन ढलने से पहले फिर ठिए पर पहुंच जाती है. भोपाल में पहली बार ये नमक वाली चाय किसने बनाई. किसने किस्सा गो भोपालियों को चाय की लत लगाई.

किस्सों के शौकीन भोपाल में एक किस्सा ये भी है कि मशहूर शायर अल्लामा इकबाल की सोहबत में भोपालियों की चाय से मुलाकात हुई थी. जो अब लत में बदल चुकी है. इस चाय के कप तक पहुंचने का जो सफर है, वो भी बेहद दिलचस्प नल की टोंटी से कप में आई काली चाय में दूध के साथ मलाई मारी जाती है. फिर नमक वाली ये चाय परोसी जाती है.

भोपाल की सुलेमानी चाय का क्रेज (ETV Bharat)

समा बहार चाय, पुराने शहर की एक तस्दीक ये भी है

भोपाल का पुराना शहर केवल उसकी इमारतों रीति-रिवाजों और इतिहास में दबे किस्सों से ही नहीं जाना जाता है. पुराने भोपाल की तस्दीक का एक तरीका ये भी है कि भोपाल के इसी हिस्से में समां बहार चाय मिलती है. कोई एक खास दुकान तो नहीं है, लेकिन पुराने भोपाल के अलग-अलग हिस्सों में ये तय मानिए कि एक दुकान समा बहार चाय यानि सुलेमानी चाय की आपको मिल ही जाएगी. नमक वाली चाय के शौकीन फिर शहर के किसी हिस्से में हों, इस चाय से उठती भाप से खिंचे चले आते हैं.

Huge Crowd in Bhopal Nawabi Chai
नल की टोंटी से गिरती है चाय (ETV Bharat)

भोपाल के मंगलवारा जहांगीराबाद ये वो इलाके है, जहां खास तौर पर नमकीन चाय की पुरानी दुकानें हैं. जैसे सैय्यद अनस आए हैं. अनस बताते हैं कि 'गुजरे पंद्रह साल में मुश्किल से कोई ऐसी शाम गुजरी होगी. जब उन्होंने समा बहार चाय की चुस्की ना ली. वे कहते हैं, यूं समझ लीजिए जब तक ये चाय नहीं पी लेता हूं, मजा नहीं आता. दिन पूरा सा नहीं लगता.'

Famous Namak Wali Chai
भोपाल की नमक वाली चाय (ETV Bharat)

नवाबी अहसास के लिए भी तो पीते हैं चाय

यहीं चाय की चुस्कियों का मजा ले रहे मोहम्मद अय्यूब ने बताया कि 'वे 10 किलोमीटर दूर से रोज यहां केवल चाय पीने आते हैं. अय्यूब कहते हैं नवाबी दौर से इस चाय का चलन है. इसकी हर चीज खास रहती है, चाहे फिर दूध हो नमक हो. समा बहार में जो चाय खौलती है, उसके लिए तो हमने घर की चाय भी छोड़ दी है.' मोहम्मद आकिद बशीर तो लगातार 25 साल से इसी चाय को पी रहे हैं. कहते हैं, 'ये चाय पीने के बाद दिमाग खुल जाता है. यूं समझिए. दुनिया के किसी हिस्से में चले जाइए ये चाय आपको नहीं मिलेगी.'

नमकीन चाय की ब्रांच भी खुलने लगी हैं

अनस अली वो शख्सियत हैं, जो नवाबी दौर से इस नमकीन चाय के काम में हैं. अब तो शहर में इनकी ब्रांच भी खुलने लगी है. समय के बाद लोगों ने पुराने काम छोड़े, लेकिन अनस अली ने अपने खानदान के साथ इस परंपरा को बरकरार रखा है. अनस बहुत स्वाद लेकर बताते हैं कि 'इस चाय की खासियत ये है कि इसमें दूध अलग पकाया जाता है. काली चाय अलग पकाई जाती है. खास बात ये है कि इस चाय को बनाने में दूध भी तांबे के बर्तन में पकता है. अनस बताते हैं, ये काम छोड़ा नहीं, इस बात की तसल्ली तब होती है कि जब पिछले दिनों नागपुर के कुछ लोग पूछते हुए पुराने भोपाल तक आए कि उन्हें सुलेमानी चाय ही पीनी है.'

Huge Crowd in Bhopal Nawabi Chai
भोपाल की फेमस सुलेमानी चाय की चुस्की लेते लोग (ETV Bharat)

नल की टोंटी से गिरती है चाय

चाय का सफर भी बेहद दिलचस्प होता है. नल की टोंटी से चाय का पानी उतरता है, फिर उसी रफ्तार से उसमें दूध मिलाया जाता है. मलाई का तड़का देकर फिर तैयार हो जाती है गर्मा गर्म चाय. बाकी चुटकी भर नमक पहले ही पानी के साथ खौल चुका होता है.

अल्लामा इकबाल का भोपाली चाय से कनेक्शन

भोपाली किस्सों के साथ भोपाल के इतिहास के हिस्सों को बखूबी जानने वाले रफी शब्बीर बताते हैं कि 'कहा ये भी जाता है कि भोपाल चाय से पहले बावस्ता नहीं था. चाय का शौक भोपाल को मशहूर शायर अल्लामा इकबाल ने लगाया. वे आजादी से पहले जब भोपाल आए थे, तो अपने साथ चाय की पत्ती लेकर आए थे और उन्होने यहां चाय बनवाई. धीरे धीरे अंग्रेजों के आने के बाद ये चाय भोपालियों की जुबान पर चढ़ने लगी. पहले तो भोपाली गिलास भी नहीं कटोरे से दूध पिया करते थे.

Last Updated : Nov 22, 2024, 5:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.