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प्यारे मियां यौन शोषण मामला: बालिका गृह की सुरक्षा पर सवाल, परिजनों बच्चियों को मांग रहे वापस - प्यारे मिया केश की विक्टिम की मौत

प्यारे मिया के 'ऐशगाह' से बरामद हुई 5 नाबालिग लड़कियों में से एक की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है, जिसके बाद बाकी बच्चियों के परिजन भय में हैं. अब परिजन अपने बच्चियों का वोपस मांग रहे हैं, उन्हें बालिका गृह के सुरक्षा पर भरोसा नहीं है.

pyare mian sexual abuse case Family demand custody of girl children
बालिका गृह
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Published : Jan 21, 2021, 11:03 PM IST

भोपाल। प्यारे मिया के 'ऐशगाह' से बरामद हुई 5 नाबालिग लड़कियों में से एक की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है. मामले में कोहेफिजा पुलिस जांच कर रही है. बच्ची के मौत के बाद ही बलिका गृह के अधीक्षिका अंतोनिया कुजूर इक्का को हटा दिया गया और नई अधीक्षिका योगिता मुकाती को नियुक्त किया गया है, लेकिन एक बच्ची की मौत के बाद बाकी बच्चियों के परिजन भय में हैं और अपने बच्चों को वाप अपने पास बुलाना चाह रहे हैं. इसके लिए वो लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.

pyare mian sexual abuse case Family demand custody of girl children
बालिका गृह

परिजनों को देरी से दी सूचना

बच्ची के तबियत बिगड़ने की सूचना सोमवार की रात्रि लगभग 12:00 के परिजनों को दी गई थी, जिसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा शुरू कर दिया था. आखिरकार 2 दिन की इलाज के बाद बुधवार की रात्रि नाबालिक ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद गुरुवार को नाबालिग के छोटे भाई ने मुखाग्नि दी.

बच्ची के परिजन

नाबालिग की मौत होने के बाद परिजनों ने कहा कि जिस तरह जब हॉस्पिटल में लेकर आए थे और हमें सूचना नहीं दी नहीं दी गई थी. उसी तरह जब उसकी डेथ हुई तो हमें नहीं बताया गया. इसलिए देर सुबह तक परिजन मरचुरी नहीं पहुंचे, जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम उनके घर पहुंची और उन्हें मना कर मरचूरी लेकर आई. जहां पर पंचनामा तैयार किया गया और नाबालिक का पोस्टमार्टम किया गया और भदभदा विश्राम घाट ले जाकर उसका अंतिन संस्कार किया गया.

परिजनों ने की बच्चियों के वापसी की मांग

अन्य बच्चियों के परिजन अपनी बच्चियों से मिलने पहुंचे और ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके बच्चे भी इस घटना के बाद से सहमे हुए हैं. वह यह चाहते हैं कि उनके बच्चे उन्हें सुपुर्द कर दें, जिससे कि किसी भी तरह की अनहोनी उनके बच्चों के साथ ना हो जाए.

बच्ची के परिजन

मुख्यमंत्री से मिलने जाएंगे मृतिका के परिजन

मृतिका के चाचा ने बताया कि 24 जनवरी को वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने जाएंगे और उनसे उनको 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' का नारा याद दिलाएंगे. उन्हें बताएगे की आपके राजधानी भोपाल में ही क्या हो रहा है. वहं पूरे मामले मे कड़ी कार्रवाई करे की मांग करेंगे.

परिजनों ने की पांच मांग

  1. मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए
  2. घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए
  3. मुआवजे की रकम 2 लाख से बढ़ाई जाए
  4. मामले में संलिप्त पुलिस और बाल गृह में कार्य कर रहे सभी लोगों पर कार्रवाई हो
  5. अन्य पीड़ितों को परिजनों के हवाले किया जाए

तीन दिन पहले वार्डन और नाबालिग की मां के बीच हुआ था झगड़ा

ये भी सामने आया है कि तीन दिन पहले बाल गृह की अधीक्षिका और नाबालिग की मां के बीच झगड़ा हुआ था. जिसके चलते प्यारे मियां केस में पीड़ितों को अलग कमरे में रख दिया था. ऐसा कहा जा रहा है कि इस दौरान मारपीट तक हो गई थी. पुलिस ने मामला शांत कराया था. बताया जा रहा है कि नाबालिग की मां उसे घर ले जाना चाहती थी, लेकिन वार्डन ने परमिशन नहीं दी.

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पुलिस

लापरवाही पूर्वक रखा गया बच्ची को

जो कमरा पीड़िताओं को रखने के लिए नहीं बल्कि वह कमरा ऑफिशियल काम के लिए उपयोग किया जाना था. वहीं से सटे एक पेड़ से कोई भी व्यक्ति आसानी से उस कमरे में जा सकता था और किसी भी तरह की संदिग्ध वस्तु उस खुली खिड़की से डाल सकता था और किसी भी तरह का वहां पर पुलिस का पहरा भी नहीं था ना ही सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे.

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भदभदा विश्राम घाट

क्या था मामला

शासकीय बाल गृह में 18 जनवरी को नाबालिग की तबियत खराब हो गई. हालत ज्यादा खराब होने पर रात नाबालिग को आनन-फानन में उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बता दें नाबालिग प्यारे मियां पर लगाए यौन शोषण मामले में फरियादी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नाबालिग को नींद की गोलियां दीं गईं हैं.

बालिकी गृह पर खड़े हो रहे सवाल

बालिका गृह में बच्चियों की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं. बाल गृह बालिका वह जगह है जहां पर नाबालिग बच्चियों को (जिनका किसी तरह शोषण हुआ है याफिर वो कहीं से रिकवर की गई हैं) रखा जाता है. जहां उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी सरकार और प्रशासन की होती है, लेकिन भोपाल में हाई प्रोफाइल केस से जुड़ी बच्ची के इस तरह से मौत के बाद इस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

भोपाल। प्यारे मिया के 'ऐशगाह' से बरामद हुई 5 नाबालिग लड़कियों में से एक की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है. मामले में कोहेफिजा पुलिस जांच कर रही है. बच्ची के मौत के बाद ही बलिका गृह के अधीक्षिका अंतोनिया कुजूर इक्का को हटा दिया गया और नई अधीक्षिका योगिता मुकाती को नियुक्त किया गया है, लेकिन एक बच्ची की मौत के बाद बाकी बच्चियों के परिजन भय में हैं और अपने बच्चों को वाप अपने पास बुलाना चाह रहे हैं. इसके लिए वो लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.

pyare mian sexual abuse case Family demand custody of girl children
बालिका गृह

परिजनों को देरी से दी सूचना

बच्ची के तबियत बिगड़ने की सूचना सोमवार की रात्रि लगभग 12:00 के परिजनों को दी गई थी, जिसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा शुरू कर दिया था. आखिरकार 2 दिन की इलाज के बाद बुधवार की रात्रि नाबालिक ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद गुरुवार को नाबालिग के छोटे भाई ने मुखाग्नि दी.

बच्ची के परिजन

नाबालिग की मौत होने के बाद परिजनों ने कहा कि जिस तरह जब हॉस्पिटल में लेकर आए थे और हमें सूचना नहीं दी नहीं दी गई थी. उसी तरह जब उसकी डेथ हुई तो हमें नहीं बताया गया. इसलिए देर सुबह तक परिजन मरचुरी नहीं पहुंचे, जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम उनके घर पहुंची और उन्हें मना कर मरचूरी लेकर आई. जहां पर पंचनामा तैयार किया गया और नाबालिक का पोस्टमार्टम किया गया और भदभदा विश्राम घाट ले जाकर उसका अंतिन संस्कार किया गया.

परिजनों ने की बच्चियों के वापसी की मांग

अन्य बच्चियों के परिजन अपनी बच्चियों से मिलने पहुंचे और ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके बच्चे भी इस घटना के बाद से सहमे हुए हैं. वह यह चाहते हैं कि उनके बच्चे उन्हें सुपुर्द कर दें, जिससे कि किसी भी तरह की अनहोनी उनके बच्चों के साथ ना हो जाए.

बच्ची के परिजन

मुख्यमंत्री से मिलने जाएंगे मृतिका के परिजन

मृतिका के चाचा ने बताया कि 24 जनवरी को वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने जाएंगे और उनसे उनको 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' का नारा याद दिलाएंगे. उन्हें बताएगे की आपके राजधानी भोपाल में ही क्या हो रहा है. वहं पूरे मामले मे कड़ी कार्रवाई करे की मांग करेंगे.

परिजनों ने की पांच मांग

  1. मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए
  2. घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए
  3. मुआवजे की रकम 2 लाख से बढ़ाई जाए
  4. मामले में संलिप्त पुलिस और बाल गृह में कार्य कर रहे सभी लोगों पर कार्रवाई हो
  5. अन्य पीड़ितों को परिजनों के हवाले किया जाए

तीन दिन पहले वार्डन और नाबालिग की मां के बीच हुआ था झगड़ा

ये भी सामने आया है कि तीन दिन पहले बाल गृह की अधीक्षिका और नाबालिग की मां के बीच झगड़ा हुआ था. जिसके चलते प्यारे मियां केस में पीड़ितों को अलग कमरे में रख दिया था. ऐसा कहा जा रहा है कि इस दौरान मारपीट तक हो गई थी. पुलिस ने मामला शांत कराया था. बताया जा रहा है कि नाबालिग की मां उसे घर ले जाना चाहती थी, लेकिन वार्डन ने परमिशन नहीं दी.

pyare mian sexual abuse case Family demand custody of girl children
पुलिस

लापरवाही पूर्वक रखा गया बच्ची को

जो कमरा पीड़िताओं को रखने के लिए नहीं बल्कि वह कमरा ऑफिशियल काम के लिए उपयोग किया जाना था. वहीं से सटे एक पेड़ से कोई भी व्यक्ति आसानी से उस कमरे में जा सकता था और किसी भी तरह की संदिग्ध वस्तु उस खुली खिड़की से डाल सकता था और किसी भी तरह का वहां पर पुलिस का पहरा भी नहीं था ना ही सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे.

pyare mian sexual abuse case Family demand custody of girl children
भदभदा विश्राम घाट

क्या था मामला

शासकीय बाल गृह में 18 जनवरी को नाबालिग की तबियत खराब हो गई. हालत ज्यादा खराब होने पर रात नाबालिग को आनन-फानन में उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बता दें नाबालिग प्यारे मियां पर लगाए यौन शोषण मामले में फरियादी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नाबालिग को नींद की गोलियां दीं गईं हैं.

बालिकी गृह पर खड़े हो रहे सवाल

बालिका गृह में बच्चियों की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं. बाल गृह बालिका वह जगह है जहां पर नाबालिग बच्चियों को (जिनका किसी तरह शोषण हुआ है याफिर वो कहीं से रिकवर की गई हैं) रखा जाता है. जहां उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी सरकार और प्रशासन की होती है, लेकिन भोपाल में हाई प्रोफाइल केस से जुड़ी बच्ची के इस तरह से मौत के बाद इस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

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