भोपाल। महिला एवं बाल विकास विभाग बैरसिया की एकीकृत बाल विकास परियोजना क्रमांक-1 के परियोजना अधिकारी इन दिनों चर्चाओं में हैं. दरअसल परियोजना अधिकारी मृदुल मालवीय ने एक तुगलकी आदेश जारी किया था. जिसमें उन्होंने साफ लिखा था कि अगर अक्षय तृतीया के अवसर पर इलाके में कहीं शादी होती पाई गई, तो संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्त की जाएगी. वहीं आदेश में उन्होंने संबंधित सेक्टर सुपरवाइजर को भी निलंबित करने की बात लिखी थी. इस तुगलकी फरमान के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सेक्टर सुपरवाइजर में काफी भय का माहौल देखा जा रहा है.
शादी होने पर सुपरवाइजर करनी होगी FIR
दरअसल 14 मई को अक्षय तृतीया है. इस दिन शादी का शुभ मुहूर्त होता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए शादियों पर रोक लगाई गई है. वहीं इसकी जिम्मेदारी सेक्टर सुपरवाइजर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है. दोनों को अपने क्षेत्र में होने वाली शादियों की डिटेल इकट्ठा करनी होगी. और फिर इसे बुधवार शाम 5 बजे तक परियोजना अधिकारी को देनी होगी. परियोजना अधिकारी का कहना था कि ऐसा करने से पहले ही 14 मई को होने वाली शादियों को रोका जा सकता है. वहीं इसके बाद भी अगर कोई नहीं मानता है और शादी करता पाया जाता है, तो सुपरवाइजर को उसके खिलाफ FIR दर्ज करानी होगी.
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में भय का माहौल
पूरे मामले में सबसे ज्यादा भय आंगनाबाड़ी कार्यकर्ता में देखा जा रहा है. क्योंकि किल कोरोना अभियान के तहत उन्हें घर-घर जाकर सर्वे भी करना पड़ रहा है. ऐसे में शादियों की जानकारी इकट्ठा करना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए थोड़ा मुश्किल है. वहीं सुपरवाइजर द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब शादी वाले घर जाकर समझाइश देने के लिए कहा जा रहा है. ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर ज्यादा ही काम का दबाव बना हुआ है. एकीकृत बाल विकास परियोजना क्रमांक-1 में 8 सेक्टर हैं, जिनके सभी आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में आते हैं. यहां 223 आंगनबाडी केंद्र हैं, जिनमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं.