भोपाल। प्रदेश में बढ़ती ऑक्सीजन की डिमांड को देखते अब सरकार ऑक्सीजन उत्पादन पर जोर दे रही है. जानकारी के अनुसार सरकार 42 जिलों में 111 टन ऑक्सीजन उत्पादन शुरू करेगी. ताकि कोरोना के इस संकट में लोगों की जिंदगी को बचाया जा सके.
42 जिलों में लगेंगी ऑक्सीजन उत्पादन की यूनिट
कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ते मरीजों की तस्वीर सामने आ रही है. सरकार को अन्य राज्यों से ऑक्सीजन मंगाना पड़ रही है. ऑक्सीजन की कमी को लेकर अब सरकार प्रदेश के 42 जिलों में 100 करोड़ की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाने जा रही है. जिनसे 111 टन ऑक्सीजन मिल सकेगी. यहां ऑक्सीजन सप्लाई के लिए 1000 अतिरिक्त प्वाइंट भी लगाए जा रहे हैं.
इन जिलों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
कटनी, बैतूल ,बड़वानी, नरसिंहपुर, खरगोन, बालाघाट, रायसेन, सतना, गुना, सागर, सीहोर, विदिशा, देवास, धार, मंडला, होशंगाबाद, पन्ना, दमोह, छतरपुर, सीधी, भिंड, उमरिया, नीमच, झाबुआ, सिंगरौली, टीकमगढ़, अशोकनगर, बुरहानपुर, अनूपपुर, आगर, मालवा, श्योपुर, शाजापुर, डिंडोरी, अलीराजपुर, निवाड़ी, हरदा, खंडवा, उज्जैन, शिवपुरी, सिवनी.
सिस्टम की त्रासदी! दशकों से बंद है रोजाना 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने वाला प्लांट
दरअसल अभी सरकार छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात के अलावा अन्य राज्यों से ऑक्सीजन मंगा रही है. वर्तमान समय मे मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की बड़ी किल्लत है. ज्यादातर मरीज ऑक्सीजन पर हैं. ऐसे सरकार का सबसे बड़ा टास्क प्रदेश में ऑक्सीजन की पूर्ति है.