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NLIU प्रवेश परीक्षाः 5 साल बाद न्याय होगा या 'फर्जीवाड़ा' - RTI Activist Ajay

5 साल बाद सरकार की नींद खुली है. अब जाकर पुलिस ने NLIU प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ियों की जांच शुरु की है. 2016 में RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे ने ये मुद्दा उठाया था.

nliu probe
जांच के नाम पर लीपापोती
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Published : Feb 5, 2021, 4:36 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 12:26 AM IST

भोपाल। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षाओं की जांच अब भोपाल पुलिस ने शुरू कर दी है. CBI ने सरकार को साल 2016 में इसकी शिकायत की थी. शिकायत के करीब 5 साल बाद अब जाकर इस मामले की जांच शुरू हुई है. आरोप है कि साल 2000 से लेकर 2007 के बीच NLIU प्रवेश परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ था.

5 साल बाद जांच होगी या सिर्फ लीपापोती ?

बहुचर्चित व्यापमं घोटाला सामने आने के बाद कई परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा सामने आया था. नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी यानि NLIU की प्रवेश परीक्षा भी शक के दायरे में आ गई थी. RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे ने साल 2015 में सीबीआई को इसकी शिकायत की थी. 2016 में सीबीआई ने यह शिकायत मध्य प्रदेश सरकार को भेज दी थी. लेकिन पिछले 5 साल तक इस शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब 5 साल बाद भोपाल पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की है.

'बड़े घर' के बच्चों के लिए हुआ फर्जीवाड़ा !

हाल ही में पुलिस ने शिकायतकर्ता और RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे को एमपी नगर थाने में तलब किया था. शिकायत को लेकर उन्हें सभी दस्तावेजों के साथ बुलाया गया था. NLIU में हुई प्रवेश परीक्षाओं के बारे में उनके बयान लिए गए थे. अजय दुबे का आरोप है कि साल 2000 से लेकर 2007 के बीच नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट में व्यापमं के जरिए हुई प्रवेश परीक्षाओं में गड़बड़ियां हुई हैं. योग्य परीक्षार्थियों को दरकिनार कर प्रभावशाली और पैसे वाले परिवारों के बच्चों को कम योग्य होने पर भी प्रवेश दिया गया. उन परीक्षार्थियों में से कई अब केंद्र और राज्य प्रशासनिक सेवा में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं.

न्याय मिलने की उम्मीद नहीं !

RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे का आरोप है कि NLIU की प्रवेश परीक्षाओं में मेरिट लिस्ट से छात्रों के नाम हटा दिए गए थे, ताकि हाई प्रोफाइल लोगों के बच्चों की पहचान ना हो सके. साल 2000 से लेकर 2007 के बीच हुई प्रवेश परीक्षाओं में सिर्फ रोल नंबर प्रदर्शित किए गए थे. उम्मीदवारों के नाम हटा दिए गए थे. जबकि इससे पहले हुई परीक्षाओं में रोल नंबर के साथ नाम भी लिखे जाते थे.

भोपाल। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षाओं की जांच अब भोपाल पुलिस ने शुरू कर दी है. CBI ने सरकार को साल 2016 में इसकी शिकायत की थी. शिकायत के करीब 5 साल बाद अब जाकर इस मामले की जांच शुरू हुई है. आरोप है कि साल 2000 से लेकर 2007 के बीच NLIU प्रवेश परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ था.

5 साल बाद जांच होगी या सिर्फ लीपापोती ?

बहुचर्चित व्यापमं घोटाला सामने आने के बाद कई परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा सामने आया था. नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी यानि NLIU की प्रवेश परीक्षा भी शक के दायरे में आ गई थी. RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे ने साल 2015 में सीबीआई को इसकी शिकायत की थी. 2016 में सीबीआई ने यह शिकायत मध्य प्रदेश सरकार को भेज दी थी. लेकिन पिछले 5 साल तक इस शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब 5 साल बाद भोपाल पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की है.

'बड़े घर' के बच्चों के लिए हुआ फर्जीवाड़ा !

हाल ही में पुलिस ने शिकायतकर्ता और RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे को एमपी नगर थाने में तलब किया था. शिकायत को लेकर उन्हें सभी दस्तावेजों के साथ बुलाया गया था. NLIU में हुई प्रवेश परीक्षाओं के बारे में उनके बयान लिए गए थे. अजय दुबे का आरोप है कि साल 2000 से लेकर 2007 के बीच नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट में व्यापमं के जरिए हुई प्रवेश परीक्षाओं में गड़बड़ियां हुई हैं. योग्य परीक्षार्थियों को दरकिनार कर प्रभावशाली और पैसे वाले परिवारों के बच्चों को कम योग्य होने पर भी प्रवेश दिया गया. उन परीक्षार्थियों में से कई अब केंद्र और राज्य प्रशासनिक सेवा में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं.

न्याय मिलने की उम्मीद नहीं !

RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे का आरोप है कि NLIU की प्रवेश परीक्षाओं में मेरिट लिस्ट से छात्रों के नाम हटा दिए गए थे, ताकि हाई प्रोफाइल लोगों के बच्चों की पहचान ना हो सके. साल 2000 से लेकर 2007 के बीच हुई प्रवेश परीक्षाओं में सिर्फ रोल नंबर प्रदर्शित किए गए थे. उम्मीदवारों के नाम हटा दिए गए थे. जबकि इससे पहले हुई परीक्षाओं में रोल नंबर के साथ नाम भी लिखे जाते थे.

Last Updated : Feb 6, 2021, 12:26 AM IST
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