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प्राइवेट स्कूलों ने अगले सत्र के लिए बढ़ाई ट्यूशन फीस, सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी में पालक संघ

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Published : Oct 23, 2021, 3:52 PM IST

मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी लगातार जारी है. इस बीच कई प्राइवेट स्कूलों ने अगले साल का फीस स्ट्रक्चर जारी कर पेरेंट्स को झटका दे दिया है. कई स्कूलों ने अगले सत्र के लिए ट्यूशन फीस में वृद्धि कर दी है.

प्राइवेट स्कूलों ने अगले सत्र के लिए बढ़ाई ट्यूशन फीस
प्राइवेट स्कूलों ने अगले सत्र के लिए बढ़ाई ट्यूशन फीस

भोपाल। मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों और पालक संघ के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. कोरोना काल के बाद फीस की बढ़ोत्तरी को लेकर निजी स्कूलो की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है. प्राइवेट स्कूल सरकार के आदेशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं. अब उन्होंने 2021-2022 सत्र का स्ट्रक्चर जारी कर ट्यूशन फीस में ही वृद्धि कर दी है. इसको लेकर भोपाल में पालक संघ ने एक लिस्ट जारी करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. उनके अनुसार अगर इस मामले में जिला स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

इन स्कूलों ने बढ़ाई अगले सत्र के लिए फीस
इन स्कूलों ने बढ़ाई अगले सत्र के लिए फीस

पालक संघ ने कलेक्टर को की शिकायत

मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल स्कूल खुलने से पहले आदेश जारी किया था कि प्राइवेट स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकेंगे. स्कूल संचालकों ने इसका जमकर विरोध भी किया था. स्कूल खुले तो सरकार के इस फैसले को मानते हुए पालकों ने बच्चों को स्कूल भेजना भी शुरू कर दिया. लेकिन फिर से फीस की समस्या सामने आ गई. प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों पर पूरी फीस देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया, जबकि अभिभावक सरकार के फैसले के तहत सिर्फ ट्यूशन फीस देने की बात कर रहे हैं. इस बीच कई प्राइवेट स्कूलों पर बच्चों की टीसी रोकने का भी आरोप लगा है.

प्राइवेट स्कूलों ने बदला फीस का स्ट्रक्चर

इन सबके बीच अब प्राइवेट स्कूलों ने ने सत्र के लिए अभी से तैयार शुरू कर दी है. भोपाल के कई प्राइवेट स्कूलों ने नए शिक्षा सत्र को लेकर फीस स्ट्रक्चर ही बदल दिया है. स्कूलों में अगले साल की फीस को पिछले साल की तुलना में 2000 से 10000 हजार तक बढ़ा दिया है. अब इसकी शिकायत पालक संघ ने जिला कलेक्टर से की है. इनका कहना है कि इस मामले में एक और प्राइवेट स्कूल की तरफ से भी कोर्ट में अर्जी लगी है तो वहीं पालक संघ ने भी इसको लेकर अपना पक्ष कोर्ट में रखा हुआ है. जिस पर सुनवाई 9 नवंबर को होनी है. ऐसे में अगर फैसला अगर पालक संघ के पक्ष में नहीं आता है तो वे केस उनके पक्ष में नहीं आता तो वे ऊपरी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी में पालक संघ

सरकार के आदेशों का किया जा रहा है पालन

इस मामले में सीबीएसई प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष विनिराज मोदी का कहना है की "सरकार ने जिस सत्र के लिए फीस नहीं बढ़ाने की बात कही थी, उन सत्रों में फीस नहीं बढ़ाई गई है. लेकिन नए सत्र की फीस तो पहले से ही निर्धारित थी. ऐसे में यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. कोर्ट का जो फैसला देगा वही सर्वमान्य होगा."

सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का दिया फरमान, प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर बना रहे हैं दबाव

पालकों और स्कूल संचालकों के बीच खींचतान

नए शिक्षा सत्र के शुरू होने में भले ही अभी देर हो लेकिन फीस को लेकर स्कूल संचालकों और पालकों के बीच चल रही खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है. इसे लेकर सरकार भले की तमाम दावे करे लेकिन निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने में सरकार भी नाकाम साबित हो रही है. ऐसे में दीपावली से पहले निजी स्कूलों ने अगले साल की फीस को लेकर पेरेंट्स को झटका तो दे ही दिया है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों और पालक संघ के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. कोरोना काल के बाद फीस की बढ़ोत्तरी को लेकर निजी स्कूलो की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है. प्राइवेट स्कूल सरकार के आदेशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं. अब उन्होंने 2021-2022 सत्र का स्ट्रक्चर जारी कर ट्यूशन फीस में ही वृद्धि कर दी है. इसको लेकर भोपाल में पालक संघ ने एक लिस्ट जारी करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. उनके अनुसार अगर इस मामले में जिला स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

इन स्कूलों ने बढ़ाई अगले सत्र के लिए फीस
इन स्कूलों ने बढ़ाई अगले सत्र के लिए फीस

पालक संघ ने कलेक्टर को की शिकायत

मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल स्कूल खुलने से पहले आदेश जारी किया था कि प्राइवेट स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकेंगे. स्कूल संचालकों ने इसका जमकर विरोध भी किया था. स्कूल खुले तो सरकार के इस फैसले को मानते हुए पालकों ने बच्चों को स्कूल भेजना भी शुरू कर दिया. लेकिन फिर से फीस की समस्या सामने आ गई. प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों पर पूरी फीस देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया, जबकि अभिभावक सरकार के फैसले के तहत सिर्फ ट्यूशन फीस देने की बात कर रहे हैं. इस बीच कई प्राइवेट स्कूलों पर बच्चों की टीसी रोकने का भी आरोप लगा है.

प्राइवेट स्कूलों ने बदला फीस का स्ट्रक्चर

इन सबके बीच अब प्राइवेट स्कूलों ने ने सत्र के लिए अभी से तैयार शुरू कर दी है. भोपाल के कई प्राइवेट स्कूलों ने नए शिक्षा सत्र को लेकर फीस स्ट्रक्चर ही बदल दिया है. स्कूलों में अगले साल की फीस को पिछले साल की तुलना में 2000 से 10000 हजार तक बढ़ा दिया है. अब इसकी शिकायत पालक संघ ने जिला कलेक्टर से की है. इनका कहना है कि इस मामले में एक और प्राइवेट स्कूल की तरफ से भी कोर्ट में अर्जी लगी है तो वहीं पालक संघ ने भी इसको लेकर अपना पक्ष कोर्ट में रखा हुआ है. जिस पर सुनवाई 9 नवंबर को होनी है. ऐसे में अगर फैसला अगर पालक संघ के पक्ष में नहीं आता है तो वे केस उनके पक्ष में नहीं आता तो वे ऊपरी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी में पालक संघ

सरकार के आदेशों का किया जा रहा है पालन

इस मामले में सीबीएसई प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष विनिराज मोदी का कहना है की "सरकार ने जिस सत्र के लिए फीस नहीं बढ़ाने की बात कही थी, उन सत्रों में फीस नहीं बढ़ाई गई है. लेकिन नए सत्र की फीस तो पहले से ही निर्धारित थी. ऐसे में यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. कोर्ट का जो फैसला देगा वही सर्वमान्य होगा."

सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का दिया फरमान, प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर बना रहे हैं दबाव

पालकों और स्कूल संचालकों के बीच खींचतान

नए शिक्षा सत्र के शुरू होने में भले ही अभी देर हो लेकिन फीस को लेकर स्कूल संचालकों और पालकों के बीच चल रही खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है. इसे लेकर सरकार भले की तमाम दावे करे लेकिन निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने में सरकार भी नाकाम साबित हो रही है. ऐसे में दीपावली से पहले निजी स्कूलों ने अगले साल की फीस को लेकर पेरेंट्स को झटका तो दे ही दिया है.

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