भोपाल। मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर अड़ा हुआ है. अब प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर शैलेश तिवारी ने सरकार को चेतावनी दी. पेन डाउन स्ट्राइक के माध्यम से अब स्कूलों में तमाम वह काम नहीं होंगे, जिसमें कागजी कार्रवाई की जाती है. ऐसे में बच्चों को टीसी समेत अन्य कागजात नहीं मिल पाएंगे. जिससे उनका भविष्य भी खराब हो सकता है.
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने सरकार को खुलकर चेतावनी दी, और कहा कि अगर मांगे नहीं मानी गईं, तो आगामी दिनों में यह स्थिति देखी जाएगी. एसोसिएशन के प्रदेश सचिव शैलेश तिवारी ने कहा, 'कोरोनाकाल में 15 महीनों से मध्य प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में ताला लगा है, यह ताला कब तक लगा रहेग इसकी कोई जानकारी नहीं. जिससे साफ तौर पर लगता है कि सरकार किसी भी कीमत पर प्राइवेट स्कूल संचालकों की मदद के लिए आगे नहीं आना चाहती'.
शैलेश तिवारी ने आगे कहा कि सरकार के इसी रवैए के चलते कितने स्कूल बंद हो गए हैं. कई लोगों ने तो कर्ज लेकर ही परेशानी मोल ले ली है और स्कूलों को बंद करना पड़ा है. लेकिन फिर भी सरकार का मध्य प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों के प्रति कोई सहयोग नजर नहीं आ रहा. सरकार उल्टा मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों को ना खोलकर सरकारी टीचर को 15 बच्चों का टारगेट सीएम राइस स्कूल में प्रवेश के लिए दे रही है. 2 सालों में मध्य प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों से कितने बच्चे बिना टीसी के सरकारी स्कूल में प्रवेश हो गए क्या सरकार इसका आंकड़ा दे पाएगी.
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर शैलेश तिवारी ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, सरकार इन प्राइवेट स्कूलों पर दबाव बनाने के लिए 2013 से स्कॉलरशिप की जानकारी मांग रही है. नवीनीकरण का निरीक्षण कर स्कूल बंद करने की तैयारी है. सरकार की पक्षपातपूर्ण नीतियों के विरोध में अब सभी एकजुट हैं. मदद के लिए सभी सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं.