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पैरोल पर बाहर आए कैदी ने रची अपनी फर्जी हत्या की साजिश, बेगुनाह का मर्डर कर खुद सजा से बचने की कोशिश - hamasqal massacre

सेंट्रल जेल से पैरोल पर बाहर आए कैदी राजेश परमार ने वापस जेल जाने से बचने के लिए अपनी फर्जी हत्या की साजिश रच डाली और एक मजदूर की हत्या कर दी.

मजदूर राजू रैकवार
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Published : Jul 8, 2019, 10:44 AM IST

भोपाल। सेंट्रल जेल से पैरोल पर बाहर आए कैदी राजेश परमार ने बड़े ही शातिर अंदाज में अपनी तरह दिखने वाले एक मजदूर को जलाकर मार दिया. बंदी राजेश परमार वापस जेल जाने से बचने के लिए खुद को मृत दिखाना चाहता था. रातीबड़ पुलिस के द्वारा पूछताछ करने पर राजेश ने घटना का खुलासा किया है. रातीबड़ पुलिस ने अपनी ही फर्जी हत्या की साजिश में आरोपी राजेश परमार के साथ-साथ उसके दोस्त निहाल खान को भी गिरफ्तार किया है, क्योंकि पूरे घटनाक्रम में निहाल खान ने आरोपी की मदद की थी.

पैरोल पर बाहर आए कैदी ने रची अपनी फर्जी हत्या की साजिश

आरोपी के खुलासे

रातीबड़ पुलिस आरोपी राजेश को चेन्नई से गिरफ्तार करके भोपाल लाई थी. जहां पूछताछ में उसने कई खुलासे किए हैं. राजेश ने पुलिस को बताया कि उसने पूरी घटना में अपने पुराने किराएदार निहाल खान के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था. हत्या करने का मकसद दोबारा जेल जाने से बचना था, इसलिए उसने अपनी ही मौत का षड्यंत्र रचा था. षडयंत्र को रचने की प्रेरणा उसे एक क्राइम सीरियल से मिली थी. वह अक्सर इस तरह के क्राइम सीरियल देखा करता था.

इस तरह दिया घटना को अंजाम

34 वर्षीय राजेश परमार हरिनगर नीलबड़ चौराहे के पास का रहने वाला है. साल 2015 में राजेश को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई है. 14 जून को वह पैरोल पर बाहर आया था. 30 जून को उसकी पैरोल खत्म हो रही थी और उसे 29 जून को शाम 5 बजे तक जेल पहुंचना था.

28 जून की रात को राजेश और निहाल शराब पीकर वापस आ रहे थे, तभी रास्ते में उन्हें राजेश परमार की तरह दिखने वाला मजदूर राजू रैकवार मिल गया. दोनों ने पहले काफी देर तक उससे बातचीत की, फिर उसे नौकरी दिलाने का झांसा देकर घर पर ले आये. यहां पर तीनों ने जमकर शराब पी. जब राजू रैकवार की हालत नशे में बेसुध सी हो गई तब इन लोगों ने चादर से उसके हाथ और पैर बांध दिए. बाद में मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी. इसके बाद अंदर से दरवाजा बंद कर दोनों आरोपी छत से कूदकर भाग गए. पुलिस को प्रथम दृष्टया यही लगा कि आरोपी राजेश परमार ने आत्महत्या कर ली है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इनके बने बनाए खेल को बिगाड़ दिया.

ऐसे फेल हुआ प्लान

पुलिस द्वारा राजेश परमार की कॉल डिटेल निकालने पर पता लगा कि एक नंबर पर काफी देर तक बातचीत हुई है. नंबर राजधानी से एक निजी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहे निहाल खान का निकला. जब पुलिस ने निहाल खान से सख्ती से पूछताछ की, तब उसने मामले का खुलासा किया. जिसके बाद पुलिस ने राजेश परमार को ट्रेस करना शुरू किया और उसे चेन्नई से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. मृतक राजू रैकवार राजधानी के जनता क्वॉर्टर गौतम नगर गोविंदपुरा का निवासी है और 28 जून से ही लापता है. उसकी पत्नी ने गोविंदपुरा में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.

भोपाल। सेंट्रल जेल से पैरोल पर बाहर आए कैदी राजेश परमार ने बड़े ही शातिर अंदाज में अपनी तरह दिखने वाले एक मजदूर को जलाकर मार दिया. बंदी राजेश परमार वापस जेल जाने से बचने के लिए खुद को मृत दिखाना चाहता था. रातीबड़ पुलिस के द्वारा पूछताछ करने पर राजेश ने घटना का खुलासा किया है. रातीबड़ पुलिस ने अपनी ही फर्जी हत्या की साजिश में आरोपी राजेश परमार के साथ-साथ उसके दोस्त निहाल खान को भी गिरफ्तार किया है, क्योंकि पूरे घटनाक्रम में निहाल खान ने आरोपी की मदद की थी.

पैरोल पर बाहर आए कैदी ने रची अपनी फर्जी हत्या की साजिश

आरोपी के खुलासे

रातीबड़ पुलिस आरोपी राजेश को चेन्नई से गिरफ्तार करके भोपाल लाई थी. जहां पूछताछ में उसने कई खुलासे किए हैं. राजेश ने पुलिस को बताया कि उसने पूरी घटना में अपने पुराने किराएदार निहाल खान के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था. हत्या करने का मकसद दोबारा जेल जाने से बचना था, इसलिए उसने अपनी ही मौत का षड्यंत्र रचा था. षडयंत्र को रचने की प्रेरणा उसे एक क्राइम सीरियल से मिली थी. वह अक्सर इस तरह के क्राइम सीरियल देखा करता था.

इस तरह दिया घटना को अंजाम

34 वर्षीय राजेश परमार हरिनगर नीलबड़ चौराहे के पास का रहने वाला है. साल 2015 में राजेश को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई है. 14 जून को वह पैरोल पर बाहर आया था. 30 जून को उसकी पैरोल खत्म हो रही थी और उसे 29 जून को शाम 5 बजे तक जेल पहुंचना था.

28 जून की रात को राजेश और निहाल शराब पीकर वापस आ रहे थे, तभी रास्ते में उन्हें राजेश परमार की तरह दिखने वाला मजदूर राजू रैकवार मिल गया. दोनों ने पहले काफी देर तक उससे बातचीत की, फिर उसे नौकरी दिलाने का झांसा देकर घर पर ले आये. यहां पर तीनों ने जमकर शराब पी. जब राजू रैकवार की हालत नशे में बेसुध सी हो गई तब इन लोगों ने चादर से उसके हाथ और पैर बांध दिए. बाद में मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी. इसके बाद अंदर से दरवाजा बंद कर दोनों आरोपी छत से कूदकर भाग गए. पुलिस को प्रथम दृष्टया यही लगा कि आरोपी राजेश परमार ने आत्महत्या कर ली है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इनके बने बनाए खेल को बिगाड़ दिया.

ऐसे फेल हुआ प्लान

पुलिस द्वारा राजेश परमार की कॉल डिटेल निकालने पर पता लगा कि एक नंबर पर काफी देर तक बातचीत हुई है. नंबर राजधानी से एक निजी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहे निहाल खान का निकला. जब पुलिस ने निहाल खान से सख्ती से पूछताछ की, तब उसने मामले का खुलासा किया. जिसके बाद पुलिस ने राजेश परमार को ट्रेस करना शुरू किया और उसे चेन्नई से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. मृतक राजू रैकवार राजधानी के जनता क्वॉर्टर गौतम नगर गोविंदपुरा का निवासी है और 28 जून से ही लापता है. उसकी पत्नी ने गोविंदपुरा में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.

Intro:राजेश परमार ने राजू रैकवार नामक व्यक्ति को जलाया था अपनी जगह , पुलिस पूछताछ में हुआ खुलासा


भोपाल | सेंट्रल जेल से पैरोल पर आए बंदी राजेश परमार ने बड़े ही शातिर अंदाज में अपनी जगह एक मजदूर को जलाकर मार दिया था . पुलिस पूछताछ में आरोपी राजेश ने इस बात का खुलासा कर दिया है. साथ ही उसने यह भी बता दिया है कि जिस व्यक्ति को वह लेकर आया था वह मजदूरी का काम करता है और उसका नाम राजू रैकवार है . रातीबड़ पुलिस ने इस मामले में आरोपी राजेश परमार के मित्र निहाल खान को भी गिरफ्तार किया है क्योंकि इस पूरे घटनाक्रम में आरोपी की मदद निहाल खान के द्वारा की गई है .
रातीबड़ पुलिस आरोपी राजेश परमार को चेन्नई से गिरफ्तार करके रविवार दिन मै भोपाल लेकर आ गई थी . पुलिस पूछताछ में राजेश परमार ने कई खुलासे किए हैं . उसने पुलिस को बताया है कि उसने किस तरह इस पूरी घटना को अंजाम दिया और इस पूरी घटना में उसने अपने पुराने किराएदार इंजीनियरिंग के छात्र चंपारण बिहार निवासी निहाल खान के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था . हत्या करने का उद्देश्य केवल इतना ही था कि उसे दोबारा जेल में ना जाना पड़े इसलिए उसने अपनी ही मौत का षड्यंत्र रचा था . इस षड़यंत्र को रचने की प्रेरणा उसे क्राइम सीरियल से मिली थी . वह अक्सर इस तरह के क्राइम सीरियल देखा करता था .
Body:रातीबड़ पुलिस के अनुसार 34 वर्षीय राजेश परमार हरिनगर नीलबड़ चौराहे के पास रहता है . वर्ष 2015 में उसे एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई है . 14 जून को वह पैरोल पर अपने घर आया था . 30 जून को उसकी पैरोल खत्म हो रही थी और उसे 29 जून को शाम 5:00 बजे तक जेल पहुंचना था . लेकिन 28 और 29 जून तड़के सुबह राजेश ने मजदूर राजू रैकवार पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी. ताकि पुलिस को यह लगे कि राजेश परमार ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली है . ताकि वह बची हुई सजा से बच जाए और अपना जीवन किसी और शहर में जाकर अच्छे से जी सके .
बताया जा रहा है कि 28 जून की रात को राजेश और निहाल प्रभात पेट्रोल पंप के पास शराब पी कर निकल रहे थे. तभी रास्ते में उन्हें मजदूर राजू रैकवार मिल गया . दोनों ने पहले काफी देर तक उससे बातचीत की ,फिर उसे नौकरी दिलाने का झांसा दिया . मजदूर राजू रैकवार इन लोगों की बातों में आ गया और इनके साथ शराब पीने राजेश के घर पर आ गया . यहां पर इन तीनों लोगों ने मिलकर जमकर शराब पी . जब राजू रैकवार की हालत नशे में बेसुध सी हो गई तब इन लोगों ने चादर से उसके हाथ और पैर बांध दिए . बाद में मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी . इसके बाद अंदर से दरवाजा बंद कर दोनों आरोपी छत से कूद कर भाग गए थे . जिस दिन यह पूरा घटनाक्रम हुआ पुलिस को प्रथम दृष्टया यही लगा कि आरोपी राजेश परमार ने ही आत्महत्या कर ली है . लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इनके बने बनाए खेल को बिगाड़ दिया . Conclusion:मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि मृतक के हाथ और पैर बांधे गए हैं . पूरे मामले में हत्या की आशंका जताई गई थी . इसके बाद से ही पुलिस की शंका इस मामले को लेकर ज्यादा बढ़ गई ,क्योंकि जिस घर में आग लगाई गई थी वहां पर काफी संख्या में मिट्टी का तेल भी जमीन पर पड़ा हुआ था . पुलिस ने राजेश परमार की कॉल डिटेल निकाली तो उसमें एक नंबर पर काफी देर तक बातचीत की गई थी . वह नंबर राजधानी से एक निजी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहे निहाल खान का था . जब पुलिस ने निहाल खान से सख्ती के साथ इस मामले को लेकर पूछताछ करना शुरू की तो उसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया . बाद में पुलिस ने राजेश परमार को ट्रेस करना शुरू किया और उसे चेन्नई से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है . मृतक राजू रैकवार राजधानी के जनता क्वार्टर गौतम नगर गोविंदपुरा का निवासी है और 28 जून से ही लापता है . उसकी पत्नी ने गोविंदपुरा में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी .
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