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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों ने की राज्यपाल से मुलाकात

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित आद्रिका और कार्तिक ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की. दोनों को 2 अप्रैल 2018 के उपद्रव के दौरान रेल में फंसे यात्रियों की मदद करने के लिए गणतंत्र दिवस पर इस अवॉर्ड से नावाजा गया था.

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Published : Apr 13, 2019, 8:35 AM IST

कार्तिक

भोपाल। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित अद्रिका और कार्तिक ने मुलाकात की. इन दोनों बच्चों को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया था. दोनों ही बच्चों ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से काफी देर तक बातचीत की. जिसके बाद राज्यपाल ने प्रशंसा पत्र देकर दोनों बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.


वहीं राज्यपाल से सम्मानित होने वाले भाई-बहन आद्रिका और कार्तिक ने बताया कि 2 अप्रैल 2018 को मुरैना में हिंसक घटना के दौरान छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन रोक दी गई थी. जब उन्हें इसका पता चला, तो वे खाने-पीने का सामान एक बैग में भरकर किसी तरह रेलवे स्टेशन तक पहुंचे और स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के यात्रियों को वितरित किया. उन्होंने कहा कि पहले उनके परिवार ने कर्फ्यू के माहौल में बाहर निकलने को लेकर फटकार लगाई, लेकिन जब इसकी वजह उन्होंने बताई, तो उन्हें घरवालों का भी सहयोग मिला.

Prime Minister's National Child Award winner
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चे


बता दें कि कार्तिक और आद्रिका कक्षा 6 में पढ़ते हैं. छोटी सी उम्र में शहर में फैली हिंसा की परवाह न करते हुए बिना किसी डर के स्टेशन पर फंसे यात्रियों को भोजन पहुंचाना लोगों के लिए प्रेरणा है. आद्रिका ने राज्यपाल को यह भी बताया कि वह ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट है और लगभग 20 हजार स्कूली बच्चों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दे चुकी है. राज्य सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में उसे ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बच्चों से मिलकर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कार्तिक और आद्रिका के नेक काम की प्रशंसा की और राज्यपाल ने बच्चों को प्रशंसा पत्र दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की.

भोपाल। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित अद्रिका और कार्तिक ने मुलाकात की. इन दोनों बच्चों को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया था. दोनों ही बच्चों ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से काफी देर तक बातचीत की. जिसके बाद राज्यपाल ने प्रशंसा पत्र देकर दोनों बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.


वहीं राज्यपाल से सम्मानित होने वाले भाई-बहन आद्रिका और कार्तिक ने बताया कि 2 अप्रैल 2018 को मुरैना में हिंसक घटना के दौरान छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन रोक दी गई थी. जब उन्हें इसका पता चला, तो वे खाने-पीने का सामान एक बैग में भरकर किसी तरह रेलवे स्टेशन तक पहुंचे और स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के यात्रियों को वितरित किया. उन्होंने कहा कि पहले उनके परिवार ने कर्फ्यू के माहौल में बाहर निकलने को लेकर फटकार लगाई, लेकिन जब इसकी वजह उन्होंने बताई, तो उन्हें घरवालों का भी सहयोग मिला.

Prime Minister's National Child Award winner
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चे


बता दें कि कार्तिक और आद्रिका कक्षा 6 में पढ़ते हैं. छोटी सी उम्र में शहर में फैली हिंसा की परवाह न करते हुए बिना किसी डर के स्टेशन पर फंसे यात्रियों को भोजन पहुंचाना लोगों के लिए प्रेरणा है. आद्रिका ने राज्यपाल को यह भी बताया कि वह ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट है और लगभग 20 हजार स्कूली बच्चों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दे चुकी है. राज्य सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में उसे ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बच्चों से मिलकर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कार्तिक और आद्रिका के नेक काम की प्रशंसा की और राज्यपाल ने बच्चों को प्रशंसा पत्र दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की.

Intro:प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों ने की राज्यपाल से मुलाकात


भोपाल | राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित आद्रिका और कार्तिक ने मुलाकात की इन दोनों बच्चों को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित किया गया था दोनों ही बच्चे राजभवन में काफी देर तक रुके और उन्होंने राज्यपाल से काफी देर तक बातचीत भी की और उन्होंने जिन घटनाक्रमों के लिए उन्हें पुरस्कार दिया गया है उन्हें भी राज्यपाल को विस्तार से बताया .


Body:बच्चों ने राज्यपाल से मुलाकात के दौरान उन्हें बताया कि 2 अप्रैल 2018 को मुरैना में हिंसक घटनाओं के दौरान छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन रोक दी गई थी जब हम दोनों भाई बहनों को यह जानकारी मिली तो हम दोनों खाने पीने का सामान बैग में भरकर किसी तरह रेलवे स्टेशन तक पहुंचे और स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के यात्रियों को वितरित किया हमारे दादाजी ने पहले हमें फटकार लगाई कि शहर में कर्फ्यू लगा हुआ है और आप दोनों घर में बिना बताए कहां चले गए थे जब हमने उन्हें यह बताया कि हम रेलवे स्टेशन पर भूखे लोगों को खाना देने गए थे तो वह हमारे इस कार्य से बेहद प्रसन्न हुए .


Conclusion:बच्चों ने बताया कि मुरैना शहर में कार्तिक कक्षा और आद्रिका कक्षा 6 में पढ़ती है छोटी सी उम्र में शहर में फैली हिंसा का वातावरण की परवाह न करते हुए बिना किसी डर के स्टेशन पर फंसे यात्रियों को भोजन के रूप में मदद पहुंचाने का निस्वार्थ भाव से किया गया कार्य लोगों के लिए प्रेरणा है . दोनों बच्चों ने जिस प्रकार का हौसला दिखाया है यह समाज के लिए एक मिसाल है . आद्रिका ने राज्यपाल को यह भी बताया कि वह ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट है और लगभग 20 हजार स्कूली बच्चों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दे चुकी है राज्य सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में उसे ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है . राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बच्चों से मिलकर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की उन्होंने कार्तिक और आद्रिका के नेक काम की प्रशंसा की राज्यपाल ने बच्चों को प्रशंसा पत्र दिया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना भी की है .
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